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कैसे होती है CBI चीफ की नियुक्ति? सैलरी से लेकर पावर तक... जानें सबकुछ

सीबीआई के नए चीफ प्रवीण सूद होंगे. प्रवीण सूद इस समय कर्नाटक के डीजीपी हैं. मौजूदा सीबीआई चीफ सुबोध कुमार जायसवाल 25 मई को रिटायर हो रहे हैं, उनके बाद प्रवीण सूद ये पद संभालेंगे. ऐसे में जानते हैं कि सीबीआई चीफ की नियुक्ति कैसे होती है? उनको सैलरी कितनी मिलती है?

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सीबीआई का गठन 1963 में हुआ था. (फाइल फोटो)
सीबीआई का गठन 1963 में हुआ था. (फाइल फोटो)

कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद सीबीआई के नए चीफ होंगे. केंद्र सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं. मौजूदा सीबीआई चीफ सुबोध कुमार जायसवाल 25 मई को रिटायर हो रहे हैं.

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शनिवार को हाईलेवल कमिटी की मीटिंग में प्रवीण सूद के नाम पर सहमति बनी थी. इस कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि अगले सीबीआई चीफ के लिए कमेटी के पास तीन नाम आए थे, जिसके बाद प्रवीण सूद के नाम पर सहमति बनी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सूद के नाम पर असहमति जताई थी. हालांकि, बहुमत के आधार पर अगले सीबीआई चीफ के तौर पर प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगी.

दो साल तक सीबीआई चीफ रहेंगे सूद

प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अफसर हैं. वो सुबोध कुमार जायसवाल के बाद देश के सबसे सीनियर आईपीएस अफसर हैं.

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि प्रवीण सूद दो साल तक सीबीआई प्रमुख का पद संभालेंगे. सूद 2023 में रिटायर होने वाले थे और अब दो साल का उनका कार्यकाल फिक्स हो गया है.

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प्रवीण सूद ने आईआईटी दिल्ली, आईआईएम बेंगलुरु और न्यूयॉर्क की सिराकस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.

कर्नाटक के डीजीपी बनने से पहले प्रवीण सूद बेल्लारी और रायचुर जिले के एसपी रहे हैं. साथ ही बेंगलुरु सिटी के डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) और एसीपी (ट्रैफिक) और मैसूर सिटी के कमिश्नर भी रह चुके हैं.

प्रवीण सूद. (फाइल फोटो)

ऐसे में जानते हैं सीबीआई का इतिहास क्या है? सीबीआई चीफ की नियुक्ति कैसे होती है? सीबीआई के पास क्या-क्या पावर होते हैं? 

क्या है इतिहास?

- दूसरे विश्व युद्ध के समय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए 1941 में ब्रिटिश सरकार स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट का गठन किया गया. 1943 में फिर स्पेशल पुलिस फोर्स का गठन हुआ. 

- युद्ध खत्म होने के बाद 1946 में दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू किया गया. तब इसे स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट ही कहा जाता था. 1963 में इसका नाम सीबीआई रखा गया.

क्या है CBI का काम?

- भ्रष्टाचार से निपटनाः केंद्रीय कर्मचारियों के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों से निपटना. 

- आर्थिक अपराध से निपटनाः बैंक धोखाधड़ी, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और तस्करी से निपटना. 

- विशेष अपराध से निपटनाः आतंकवाद, संवेदनात्मक हत्याएं और अन्य अपराध से निपटना.

CBI के पास कितनी ताकत?

- सीबीआई किसी भी पब्लिक सर्वेंट को गिरफ्तार कर सकती है, जब जांच के लिए उसे गिरफ्तार किया जाना जरूरी है या जब एजेंसी को लगे कि आरोपी भाग सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है. सीबीआई बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है.

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- ये केंद्र के अधीन है, लेकिन ये किसी मामले की जांच तभी करती है जब केंद्र से या हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलता है. मामला किसी राज्य का है, तो जांच के लिए वहां की राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होती है.

कैसे होती है सीबीआई चीफ की नियुक्ति?

- सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति तीन सदस्यों वाली अपॉइंटमेंट कमेटी करती है. इस कमेटी में प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा में विपक्ष के नेता होते हैं.

- अगर लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो फिर सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता इस कमेटी का हिस्सा होते हैं.

कार्यकाल पर होता रहा है विवाद

- सीबीआई चीफ का कार्यकाल दो साल के लिए फिक्स है. लेकिन इसे पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है.

- दरअसल, पहले कार्यकाल सिर्फ दो साल का ही था. लेकिन 2021 में सरकार ने दिल्ली पुलिस एस्टेब्लिशमेंट कानून में संशोधन कर दिया.

- इस संशोधन के बाद सीबीआई चीफ का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, दो साल तो फिक्स ही रहेगा. उसके बाद अगर समिति को लगता है तो एक-एक साल करके तीन साल तक कार्यकाल और बढ़ाया जा सकता है.

- दरअसल, 2020 में ईडी के तत्कालीन चीफ संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रिटायर होने से ठीक पहले अधिकारियों का कार्यकाल सिर्फ दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही बढ़ाया जाना चाहिए और वो भी शॉर्ट पीरियड के लिए.

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- इसके बाद ही सरकार पहले अध्यादेश और फिर बिल लेकर आई थी. हालांकि, इस पर विवाद भी हुआ. 

सीबीआई चीफ को कितनी मिलती है सैलरी?

- पिछले साल ही केंद्र सरकार ने सीबीआई और ईडी प्रमुख की सैलरी को लेकर नए आदेश जारी किए हैं. इसके मुताबिक, सीबीआई और ईडी के प्रमुखों को सचिव स्तर के आईएएस अफसरों के बराबर ही सैलरी मिलेगी.

- सचिव स्तर के आईएएस अफसरों को लेवल 17 की सैलरी मिलती है. सबसे सीनियर आईपीएस अफसरों को पहले लेवल 16 की सैलरी मिलती थी. लेकिन अब उन्हें भी लेवल 17 की सैलरी मिलेगी.

- इस लेवल में अफसरों को हर महीने 2.25 लाख रुपये की सैलरी मिलती है. इसमें अभी भत्ते शामिल नहीं हैं. भत्ते वगैरह सब मिलाकर ये सैलरी और कहीं ज्यादा पहुंच जाती है.

 

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