जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलवाई. सुप्रीम कोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कई अहम फैसले सुनाए हैं. इनमें धारा 370, निजता का अधिकार और अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े फैसले भी शामिल हैं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पिता दिवंगत वाईवी चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं. उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक चीफ जस्टिस रहे थे. उनके पिता सबसे लंबे समय तक इस पद पर बने रहने वाले पहले चीफ जस्टिस हैं. ये पहली बार है जब पिता और पुत्र दोनों ही इस पद पर पहुंचे.
सीजेआई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था और वो इस पद पर 10 नवंबर 2024 तक बने रहेंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होती है. उनसे पहले चीफ जस्टिस रहे यूयू ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का ही था.
कौन हैं सीजेआई चंद्रचूड़?
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 63 साल के हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैम्पस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री हासिल की.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ अमेरिका चले गए. वहां उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से पहले LLM की और उसके बाद ज्यूरिडिकल साइंसेस में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की.
भारत लौटने के बाद उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला. उसी साल वो एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाए गए.
29 मार्च 2000 को जस्टिस चंद्रचूड़ बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने. बाद में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया.
जस्टिस चंद्रचूड़ 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे. 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.
कैसे तय होता है कि कौन चीफ जस्टिस बनेगा?
- इसे समझने के लिए ये जानना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के जज कैसे बनते हैं. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश कॉलेजियम करता है.
- कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के जज ही होते हैं. ये कॉलेजियम जज के लिए नाम केंद्र सरकार को भेजता है. केंद्र की मुहर मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति होती है.
- जिस दिन कोई जज सुप्रीम कोर्ट में शपथ लेते हैं, उसी दिन तय हो जाता है कि वो चीफ जस्टिस बनेंगे या नहीं. कई बार तो एक ही दिन शपथ लेने वाले दो जजों में ही सीनियर और जूनियर हो जाते हैं. ये सिर्फ दो-तीन मिनटों की ही बात होती है.
- उदाहरण के लिए जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस चेलमेश्वर ने एक ही दिन सुप्रीम कोर्ट में शपथ ली थी. लेकिन पहले शपथ लेने की वजह से जस्टिस दीपक मिश्रा सीनियर हुए और चीफ जस्टिस बने.
- हालांकि एक ही दिन कई जजों का शपथ ग्रहण हो तो कौनसे जज किस क्रम में शपथ लेंगे ये भी वरिष्ठता क्रम से ही तय होता है.
2027 तक का तय है शेड्यूल
- अभी चीफ जस्टिस के पद पर आने वाले जजों में 2027 तक का तो शेड्यूल तय है. जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 यानी पूरे दो साल चीफ जस्टिस रहेंगे.
- जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक चीफ जस्टिस रहेंगे. जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा जस्टिस एचआर खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट में सीनियर मोस्ट जज थे. लेकिन कहा जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें चीफ जस्टिस नियुक्त नहीं किया, जिससे नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
- जस्टिस संजीव खन्ना के बाद जस्टिस बीआर गवाई 14 मई 2025 से 13 नवंबर 2025 यानी कुल छह महीने तक इस पद पर रहेंगे. उनके बाद जस्टिस सूर्यकांत का नंबर आएगा. जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 से 9 फरवरी 2027 तक करीब सवा साल इस पद पर रहेंगे.
- 9 फरवरी 2027 को जस्टिस सूर्यकांत के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस विक्रम नाथ चीफ जस्टिस बन सकते हैं. जस्टिस विक्रम नाथ 4 महीने तक चीफ जस्टिस रहेंगे. उनके बाद जस्टिस बीवी नागरत्ना चीफ जस्टिस बन सकतीं हैं. हालांकि, वो इस पद पर सिर्फ 36 दिनों तक ही रहेंगी. जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस होंगी.
चीफ जस्टिस की सैलरी कितनी होती है?
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और उनके जजों की सैलरी आखिरी बार जनवरी 2016 को रिवाइज हुई थी.
- डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की सैलरी 2.80 लाख और उनके जजों की सैलरी 2.50 लाख रुपये हर महीने होती है. रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस को सालाना 16.80 लाख और जजों को 15 लाख रुपये पेंशन मिलती है. इसके साथ ही 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भी दी जाती है.
- वहीं, सभी राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को हर महीने 2.50 लाख और जजों को 2.25 लाख रुपये सैलरी मिलती है. रिटायरमेंट के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सालाना 15 लाख और जजों को 13.50 लाख रुपये पेंशन मिलती है.