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लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल करने की तैयारी, क्या है इराक का प्रस्तावित कानून जिसपर मचा हल्ला?

इराक में शिया इस्लामिस्ट पार्टियां पर्सनल लॉ में संशोधन के लिए लामबंद हो रही हैं. इसके तहत देश में 9 साल की बच्चियों की शादी को कानूनी मंजूरी मिल जाएगी. फिलहाल उनकी शादी की आयु 18 साल है. हालांकि इस नियम को कम ही लोग मानते हैं. वैसे 80% अमेरिका में भी 'खास परिस्थितियों' में बाल विवाह की छूट है.

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इराक में मुख्य पार्टियां शादी की उम्र घटाने की तैयारी में हैं. (Photo- AFP)
इराक में मुख्य पार्टियां शादी की उम्र घटाने की तैयारी में हैं. (Photo- AFP)

मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका में आने वाले देशों में इराक में कामकाजी महिलाएं सबसे कम, सिर्फ 1 फीसदी हैं. वर्ल्ड बैंक का ये डेटा इसके साथ ही ये भी बताता है कि वहां महिलाओं की स्थिति खास अच्छी नहीं. वे घरेलू हिंसा से लेकर कमउम्र में शादी तक झेल रही हैं. लेकिन अब कट्टरपंथ की हद करते हुए इराक एक नया बिल ला रहा है, जो 9 साल की बच्चियों की शादी को भी वैध बना देगा. अब मानवाधिकार संस्थाएं इसपर काफी हो-हल्ला कर रही हैं. वैसे बता दें कि अमेरिका में भी चाइल्ड मैरिज की छूट है. 

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कैसा है अब तक चला आ रहा कानून

मिडिल ईस्ट आई के मुताबिक, पर्सनल स्टेटस लॉ 1959 के 188 नियम में बदलाव की बात हो रही है. पुराना नियम अब्दुल करीम कासिम सरकार ने बनाया था. कासिम की पहचान प्रोग्रेसिव लेफ्टिस्ट के तौर पर थी, जिनके समय में कई बड़े बदलाव लाए गए. इनमें से एक था- 18 साल की उम्र होने पर ही लड़कियों की शादी. पचास के दशक के आखिर में पूरे मिडिल ईस्ट में इसे सबसे बढ़िया कानूनों में माना गया था. 

निश्चित उम्र में शादी ही नहीं, यह नियम कई और बातें भी करता था, जैसे पुरुष मनमर्जी के दूसरी शादी नहीं कर सकते. लॉ के अनुसार, मुस्लिम पुरुष और गैर-मुस्लिम महिला अगर शादी करना चाहें तो इसपर कोई शर्त या प्री-कंडीशन नहीं रहेगी. हालांकि जितना सुनाई दे रहा है, लॉ उतना भी सीधा नहीं था. आबादी को खुश करने के लिए इसमें एक नियम यह भी डाल दिया गया कि शादियां 15 वर्ष की आयु में भी हो सकती हैं, अगर परिवार और जज की इजाजत हो.   

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controversial proposed law in iraq surge in child marriage photo Getty Images

कौन ला रहा नया कानून 

शिया इस्लामिस्ट पार्टियों ने मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार किया, जिसमें इस बदलाव की बात है. बता दें कि फिलहाल इराक में मोहम्मद शिया अल-सुदानी की सरकार है, जो खुद एक शिया हैं और जिन्हें शिया पार्टियों का सपोर्ट मिला हुआ है. शिया-बहुल इस देश की सरकार में शिया पार्टियों की बड़ी भूमिका होती है और वे अक्सर बड़े फैसले लेते रहे.

बिल में क्या है चौंकाने वाला 

प्रपोज्ड बिल कहता है कि पति-पत्नी को व्यक्तिगत मामलों के निपटारे के लिए सुन्नी या शिया में से एक धर्म चुनना होगा. शादी के कॉन्ट्रैक्ट के लिए किस धर्म का पालन करना है, इसपर अगर कोई विवाद हो तो समझौते को पति के धर्म के अनुसार ही माना जाएगा. इसमें कहा गया है कि शिया कानून जाफरी कानून पर टिका होगा, जो शादी, तलाक, बच्चे गोद लेना और विरासत जैसे मामले देखता है. इसके तहत 9 साल की लड़की और 15 साल के लड़कों की शादी कानून में जायज है. 

इस कानून के पुराने संस्करण भी रहे, जो मुस्लिम पुरुषों को गैर-मुस्लिम महिलाओं से शादी करने से रोकते और शादी में रेप को जायज मानते थे. यहां तक कि पति की इजाजत के बगैर पत्नी घर से बाहर नहीं निकल सकती थी. अब इसमें उम्र पर ज्यादा फोकस है. 

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उम्र घटाने के पीछे क्या दलील 

शिया पार्टियों का कहना है कि पर्सनल स्टेटस लॉ में बदलाव संविधान के साथ तालमेल बिठाने की ही कोशिश है. इससे इराकी परिवार अपनी इच्छा से तय कर सकेंगे कि उन्हें कब अपने बच्चों को शादी करवानी है.  

controversial proposed law in iraq surge in child marriage photo Unsplash

इंटरनेशनल एनजीओ गर्ल्स नॉट ब्राइड्स के अनुसार, अब भी कानूनन 18 साल उम्र होने पर भी 7 फीसदी बच्चियों की शादी 15 साल का होने से पहले हो जाती है, वहीं 28 फीसदी लड़कियां 18 साल की होने से पहले ब्याह दी जाती हैं.

क्यों है इराक का ये हाल

इराक लंबे समय तक युद्ध से जूझता रहा. लगभग 2 दशक पहले ही उसे युद्ध से छुटकारा मिल सका लेकिन स्थिरता उसके बाद भी नहीं आ सकी. इस देश में मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों जैसे सीरिया से लाखों शरणार्थी लगातार आ रहे हैं. साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल यहां ढाई लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड सीरियाई रिफ्यूजी हैं. इनके अलावा तुर्की, ईरान और यमन से भी काफी सारे शरणार्थी यहां हैं.

ज्यादातर शरणार्थी कर रहे जल्दी शादियां

बाहर से आकर बसे इन लोगों के पास रहने-खाने की अच्छी व्यवस्था नहीं, न ही लोकल्स के साथ इनमें आपसी यकीन पनप सका. ऐसे में दोनों ही पक्ष एक-दूसरे से डरे हुए रहते हैं कि वे उन्हें या उनकी बच्चियों को कोई नुकसान न पहुंचाए. चाइल्ड मैरिज की यह एक बड़ी वजह है. ज्यादातर शरणार्थियों में ये पैटर्न दिखता है कि वे अपनी लड़कियों को कम उम्र में ब्याह रहे हैं.

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controversial proposed law in iraq surge in child marriage photo Unsplash

अमेरिका में भी चाइल्ड मैरिज को सहमति

इराक तो चलिए कंसर्वेटिव देश है, लेकिन तथाकथित उदार देशों में भी चाइल्ड मैरिज की इजाजत है. साल 2016 की प्यू रिसर्च के मुताबिक लगभग 117 ऐसे देश हैं, जहां बाल विवाह कानूनी है. इसमें अमेरिका भी है. वहां वैसे तो ज्यादातर स्टेट्स में शादी की मिनिमम एज 18 साल है, लेकिन पेरेंट्स, जज की सहमति या खास हालातों में छूट मिल जाती है.

कई राज्य 16 साल को शादी की वैध उम्र बना चुके. यहां तक कि कुछ राज्यों में 16 साल से पहले भी शादी की जा सकती है, जैसे अगर लड़की प्रेग्नेंट हो जाए और शादी करना चाहे. कुछ समय पहले ही डेलावेयर, न्यू जर्सी, और पेंसिल्वेनिया ने चाइल्ड मैरिज को गैरकानूनी बना दिया लेकिन बाकी राज्य अभी वहीं हैं. 

अमेरिकी एनजीओ अनचेन्ड एट लास्ट की साल 2021 में छपी स्टडी, जिसमें पिछले दो दशकों का पैटर्न देखा गया था, इसमें दावा किया गया कि 80 फीसदी लड़कियों की आबादी 18 साल से पहले हो जाती है. 

किन देशों में चाइल्ड मैरिज सबसे ज्यादा

- नाइजर में इसका ग्राफ सबसे ऊपर है, जहां 75 फीसदी से ज्यादा लड़कियां 18 साल से पहले ब्याह दी जाती हैं. इनमें से 30 प्रतिशत की उम्र 15 साल से भी कम होती है. 

- इसके बाद चड और मालावी का नंबर आता है, जहां लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र ही 15 साल है. अधिकांश की शादी इससे पहले ही हो जाती है. 

- साउथ सूडान में लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है. 

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