आप नेता राघव चड्ढा आंखों के लिए इलाज के लिए ब्रिटेन पहुंचे थे. वहीं खिंचवाई तस्वीर में ब्रिटिश नेता प्रीत कौर भी साथ दिख रही हैं. साल 2017 में यूके के इतिहास में ये पहली सिख महिला एमपी बनीं. ये तो हुई उपलब्धि, लेकिन भारतीय मूल की ये नेता अपने भारत-विरोधी विचारों के लिए भी जानी जाती रही. बीजेपी का आरोप है कि वे अलगाववादी आंदोलन की सपोर्टर हैं, साथ ही अक्सर भारत विरोधी बातें करती रही हैं.
इसी बात बीजेपी हमलावर हो गई. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करते हुए आम आदमी पार्टी पर कई सवाल उठाए क्योंकि उसका लीडर विवादास्पद ब्रिटिश एमपी के साथ दिख रहा था.
51 साल की गिल ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप की लीडर हैं. इसी साल फरवरी में उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स के दौरान आरोप लगाया था कि भारत से जुड़े हुए एजेंट ब्रिटेन में सिखों को टारगेट कर रहे हैं. पहले भी साल 2020 में गिल ट्विटर पर कंजर्वेटिव ब्रिटिश सांसद रमिंदर सिंह रेंजर से बहस करने लगी थीं. असल में रमिंदर सिंह ने पोस्ट किया था कि तत्कालीन पीएम बोरिस जॉनसन खालिस्तान को सपोर्ट नहीं करते हैं. गिल ने उन्हें यूनाइटेड नेशन्स के चार्टर में मौजूद आत्मनिर्णय का हवाला देते हुए इस बात पर चुनौती दे डाली.
गिल के पिता दलवीर सिंह शेरगिल साठ की शुरुआत में जालंधर से ब्रिटेन पहुंचे. यहां वे बस ड्राइवर का काम करते, जबकि मां सिलाई-कढ़ाई करतीं. पिता साथ में गुरुद्वारे में सेवा भी किया करते थे. वे ब्रिटेन के सबसे पहले गुरुद्वारे- गुरु नानक गुरुद्वारा, स्मिथविक में सालों तक अध्यक्ष रहे. प्रीत गिल का जन्म सत्तर दशक में हुआ, जो सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं.
बर्मिंघम के बॉर्नविले कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही प्रीत राजनीति में एक्टिव हो गईं. कॉलेज की प्रेसिडेंट रहते हुए उन्होंने साइकोलॉजी की पढ़ाई की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद वे भारत भी आईं, और बच्चों के लिए काम किया.
अब आते हैं, इसपर कि गिल ने कब से भारतीय राजनीति पर बोलना शुरू किया. वैसे तो वे पब्लिक हेल्थ पर काम करती रहीं, भारत के अंदरुनी मामलों में भी बोलती थीं. पहली बार उन्हें भारत की नाराजगी तब मिली, जब उन्होंने ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह जोहल को रिहा करने की मांग की. जोहल के बारे में गिल का कहना था कि भारत की पुलिस ने बेकसूर शख्स को पकड़ा है और परेशान कर रही है. वे कई बार ये बात उठा चुकीं. यहां ये बता दें कि जोहल पर पंजाब में टारगेट किलिंग में शामिल होने का आरोप है.
प्रीत गिल साल 2020 में हुए फार्मर प्रोटेस्ट पर भी किसानों का सपोर्ट करती दिखीं. दिसंबर 2021 में गोल्डन टेंपल अमृतसर में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के आरोप में पीट-पीटकर एक व्यक्ति की हत्या की घटना पर गिल ने एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें शख्स को हिंदू आतंकी कहा गया था. बाद में पोस्ट डिलीट कर दी गई. साथ ही ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करके गिल की आलोचना भी की थी.
पिछले ही साल एक और बात को लेकर गिल विवादों में आ गईं. सिख महिलाओं के लिए काम करने वाली एक एनजीओ ने ब्रिटेन में रहती 8 सौ से ज्यादा सिख महिलाओं पर सर्वे किया. इसमें पाया गया कि दो-तिहाई औरतें घरेलू हिंसा झेलती हैं. हिंसा करने वालों में धर्मगुरु भी शामिल हैं. गिल ने धर्मगुरुओं के पक्ष में बात की थी. बात में इसपर माफी भी मांगनी पड़ी.