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कविता को महिला होने की वजह से मिली जमानत? क्या है मनी लॉन्ड्रिंग कानून की वो धारा जिसका SC ने किया जिक्र

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता पांच महीने बाद जेल से रिहा हो गई हैं. 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. कविता को मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45(1) के विशेष प्रावधान के तहत जमानत मिली है.

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बीआरएस नेता के. कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. (फाइल फोटो-PTI)
बीआरएस नेता के. कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. (फाइल फोटो-PTI)

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता पांच महीने बाद जेल से रिहा हो गई हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई. कविता को इसी साल 15 मार्च को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था.

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जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने उन्हें जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई.

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जुलाई को कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने कहा था कि कविता एक पढ़ी-लिखी और राजनीतिक रूप से सक्षम महिला हैं और उन्हें कमजोर नहीं माना जा सकता. इसलिए उन्हें PMLA की धारा 45 के उस प्रावधान के तहत जमानत नहीं दी जा सकती, जिसमें एक महिला को जमानत देने का प्रावधान है. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने भी कविता को इसी आधार पर जमानत नहीं दी थी.

दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'अगर हाईकोर्ट के इस आदेश को कानून बना दिया जाता है, तो किसी भी पढ़ी-लिखी महिला को जमानत नहीं मिल सकती.'

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मनी लॉन्ड्रिंग कानून में महिला फैक्टर क्या?

प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) की धारा 45(1) में आरोपी को जमानत देने का प्रावधान है. धारा 45(1) में जमानत के लिए दो शर्तें हैं.

पहली शर्त है कि अदालत को लगना चाहिए कि आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया है और अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो वो कोई अपराध नहीं करेगा. दूसरी शर्त ये है कि सरकारी वकील को बेल एप्लीकेशन का विरोध करने का मौका दिया जाएगा.

हालांकि, इस धारा में एक खास प्रावधान है. धारा 45(1) में प्रावधान है कि अगर कोई आरोपी 16 साल से कम उम्र का है या महिला है या बीमार है या अशक्त है या फिर उस पर 1 करोड़ रुपये से कम की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है तो उसे इन दो शर्तों से छूट दी जा सकती है. ऐसे मामलों में स्पेशल कोर्ट आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे सकती है.

इसका मतलब हुआ कि 16 साल से कम उम्र के व्यक्ति, किसी महिला, शारीरिक या मानसिक रूप से अनफिट व्यक्ति को जमानत के लिए इन दो शर्तों को पूरा करने की जरूरत नहीं है.

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तो क्या महिला होने के कारण मिली जमानत?

1 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने कविता की जमानत याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि वो एक पढ़ी-लिखी और राजनीतिक रूप से सक्षम महिला हैं, इसलिए उन्हें धारा 45(1) के विशेष प्रावधान का लाभ नहीं दिया जा सकता.

हाईकोर्ट के आदेश पर जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा, 'कई मामलों में तर्क दिया जाता है कि आरोपी एक विधायक, सांसद, मंत्री या मुख्यमंत्री है, इसलिए उसे स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाना चाहिए और बाकी आरोपियों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए. लेकिन मौजूदा मामले में हाईकोर्ट का मानना है कि उनकी (कविता) तुलना कमजोर महिला से नहीं की जा सकती. हाईकोर्ट का मानना है कि धारा 45 का विशेष प्रावधान सिर्फ कमजोर महिलाओं पर लागू होता है.'

सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, 'दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश को अगर कानून बना दिया जाता है तो इसका मतलब होगा कि किसी भी पढ़ी-लिखी महिला को जमानत नहीं मिल सकती है. कम से कम दिल्ली की अदालतों में तो यही लागू होगा. क्या है ये? इसकी बजाय हमें ये कहना चाहिए कि एक सांसद और आम नागरिक में अंतर नहीं होना चाहिए, लेकिन यहां (हाईकोर्ट) विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया.'

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का मतलब ये नहीं हुआ कि कविता को सिर्फ महिला होने के कारण ही जमानत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि धारा 45(1) के विशेष प्रावधान के तहत जमानत देते समय अदालतें अपने विवेक का इस्तेमाल करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में अदालतों को महिला आरोपियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने चेतावनी देते हुए ये भी कहा कि ऐसे मामलों में फैसला लेते समय अदालतें पूरी तरह से अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगी. केवल इसलिए कि एक महिला पढ़ी-लिखी, सांसद या विधायक है, उसे धारा 45(1) के विशेष प्रावधान के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.

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क्या महिलाओं को मिल सकती है जमानत?

पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए अहम फैसला दिया था. सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी थीं और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा था कि अदालतें केवल इसलिए जमानत देने के लिए बाध्य नहीं हैं, क्योंकि आरोपी एक महिला है.

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बेंच ने कहा था कि धारा 45(1) अनिवार्य नहीं है, इसलिए इसका उपयोग करते समय और एक महिला होने के आधार पर जमानत देते समय अदालत अपने विवेक का इस्तेमाल करे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'अदालतों को कम उम्र के व्यक्तियों और महिलाओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील और सहानुभूति रखने की जरूरत है, क्योंकि इनके असुरक्षित होने की ज्यादा संभावना है. कुछ लोग इनका इस्तेमाल करते हैं और ऐसे अपराध में बलि का बकरा बनाते हैं. फिर भी अदालतों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आजकल ज्यादा पढ़ी-लिखीं और अच्छी तरह से स्थापित महिलाएं कमर्शियल एक्टिविटी में शामिल हैं, जिस कारण वो जाने-अनजाने में अवैध गतिविधियों में भी शामिल हो जाती हैं. इसलिए धारा 45(1) के विशेष प्रावधान का इस्तेमाल करते समय अदालतों को सबूतों और बाकी फैक्टरों पर विचार करना चाहिए.'

सौम्या चौरसिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनके मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए उन्हें धारा 45(1) के विशेष प्रावधान के तहत उन्हें सिर्फ महिला होने के नाते जमानत नहीं दी जा सकती.

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शराब घोटाले में कविता पर क्या हैं आरोप?

के. कविता तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी और विधान परिषद की सदस्य हैं. उन्हें 15 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद 11 अप्रैल को सीबीआई ने भी गिरफ्तार कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट से उन्हें दोनों मामलों में जमानत मिल गई है.

ईडी का आरोप है कि कविता शराब कारोबारियों की 'साउथ ग्रुप' लॉबी से जुड़ी थीं. साउथ ग्रुप की दिल्ली सरकार की 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी में बड़ी और अहम भूमिका रही थी. 

आरोप है कि शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर को कथित रूप से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत 'साउथ ग्रुप' से मिली थी. साउथ ग्रुप ने ये रिश्वत आम आदमी पार्टी के नेताओं को देने के लिए उसे दी थी.

दिसंबर 2022 में ईडी ने आरोपी अमित अरोड़ा के रिमांड पेपर में दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को 'साउथ ग्रुप' ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. 

इसके बाद पिछले साल ही मार्च में ईडी ने अरुण रामचंद्रन पिल्लई को भी गिरफ्तार किया था. पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी 'इंडोस्पिरिट्स' को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली.

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बहरहाल, कथित शराब घोटाले में जमानत पर रिहा होने वाली कविता तीसरी बड़ी नेता हैं. इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

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