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67% करोड़पति, 17% पर क्रिमिनल केस... MCD में जीतकर आए नए पार्षद कैसे हैं? 5 प्वॉइंट में समझें

दिल्ली नगर निगम में करोड़पति और दागियों की संख्या बढ़ गई है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, एमसीडी में पिछली बार 10 फीसदी दागी पार्षद थे, जो अब बढ़कर 17 फीसदी हो गए हैं. इसी तरह पिछली बार जीतकर आए पार्षदों में से 51 फीसदी करोड़पति थे, जबकि इस बार 67 फीसदी पार्षद करोड़पति हैं.

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दिल्ली नगर निगम में करोड़पति और दागी पार्षदों की संख्या बढ़ गई है. (प्रतीकात्मत तस्वीर)
दिल्ली नगर निगम में करोड़पति और दागी पार्षदों की संख्या बढ़ गई है. (प्रतीकात्मत तस्वीर)

दिल्ली नगर निगम (MCD) में करोड़पति और दागी पार्षदों की संख्या बढ़ गई है. एक चौंकाने वाली बात ये भी है कि नए पार्षदों में से आधे ऐसे हैं जिन्होंने पांचवीं से 12वीं तक की ही पढ़ाई की है. ये जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट में आई है. 

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एडीआर ने चुनकर आए नए 250 पार्षदों में से 248 के हलफनामों का एनालिसिस कर जारी किया है. इसके मुताबिक, एमसीडी में 67% पार्षद करोड़पति हैं. जबकि 2017 में 51 फीसदी करोड़पति पार्षद जीतकर आए थे.

इसी तरह नए पार्षदों में 17 फीसदी ऐसे हैं जिन्होंने खुद के ऊपर क्रिमिनल केस होने की बात मानी है. इनमें से भी 8 फीसदी हैं तो जिनपर 'गंभीर' मामले दर्ज हैं. गंभीर मामलों में हत्या, किडनैपिंग जैसे अपराध शामिल होते हैं. जबकि, पिछले चुनाव में जीतकर आए पार्षदों में से 10 फीसदी पर आपराधिक मामले और इनमें से 5 फीसदी पर गंभीर मामले दर्ज थे.

वहीं, इस बार जो नए पार्षद जीतकर आए हैं, उनमें से 66 फीसदी की उम्र 41 से 70 साल के बीच है. जबकि, 53 फीसदी महिला पार्षद जीतकर आईं हैं.

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कैसे हैं नए पार्षद? 5 प्वॉइंट में समझें

1. उम्र के मामले में

- एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 248 में से 84 यानी 34% पार्षद ऐसे हैं जिनकी उम्र 21 से 40 साल के बीच है. जबकि, 164 यानी 66% पार्षदों की उम्र 41 से 70 साल के बीच है.

2. पढ़ाई के मामले में

- जीतकर आए पार्षदों में से 126 यानी 51% ऐसे हैं जिन्होंने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है. 116 यानी 47% ने या तो ग्रेजुएशन किया है या उससे ज्यादा की पढ़ाई की है. चार पार्षदों के पास डिप्लोमा है, जबकि दो निरक्षर हैं. 

3. संपत्ति के मामले में

- 67% यानी 167 पार्षद करोड़पति हैं. इनमें आम आदमी पार्टी के 77, बीजेपी के 82, कांग्रेस के 6 और दो निर्दलीय पार्षद हैं. बीजेपी के पार्षदों की औसत संपत्ति 5.29 करोड़ रुपये है, जबकि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के पास 3.56 करोड़ की औसत संपत्ति है. कांग्रेस पार्षदों की औसत संपत्ति 4.09 करोड़ रुपये है.

4. क्राइम के मामले में

- 17% पार्षदों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं. आम आदमी पार्टी के 27 तो बीजेपी के 12 पार्षदों पर क्रिमिनल केस हैं. इनमें से भी आम आदमी पार्टी के 12 और बीजेपी के 6 पार्षद तो ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. तीन नए पार्षदों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले भी हैं.

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5. जेंडर के मामले में

इस बार जीते नए पार्षदों में से 132 यानी 53% महिलाएं हैं. जबकि, इस बार सुल्तानपुरी वार्ड से ट्रांसजेंडर बॉबी भी पार्षद चुनी गईं हैं. बॉबी आम आदमी पार्टी की पार्षद हैं. पिछली बार 139 महिलाएं थीं.

एमसीडी के क्या रहे नतीजे?

दिल्ली में पहले तीन नगर निगम हुआ करते थे और वार्डों की कुल संख्या 272 हुआ करती थी. पर इस साल केंद्र सरकार ने तीनों नगर निगमों को एक कर दिया था. इसके बाद वार्डों की संख्या भी घटकर 250 हो गई थी.

250 वार्डों वाली एमसीडी में जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 126 है. इस बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने 134 वार्डों में जीत हासिल की है. बीजेपी को 104 वार्डों में जीत मिली है. जबकि, कांग्रेस ने 9 और अन्य ने तीन वार्डों में जीत दर्ज की है.

एमसीडी में 15 साल से बीजेपी सत्ता में थी. बीजेपी ने 2007, 2012 और फिर 2017 में लगातार तीन बार चुनाव जीता था. लेकिन इस बार बीजेपी बाहर हो गई. 

2017 में 272 वार्ड में से 181 पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. जबकि आम आदमी पार्टी ने 48 और कांग्रेस ने 27 वार्ड जीते थे. 

 

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