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फ्रांस: स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के अबाया पहनने पर रोक, जानिए कितनी तरह के होते हैं महिलाओं के लिए इस्लामिक परिधान

फ्रांस के स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनने पर रोक लगा दी गई. फ्रांस सरकार ने इसे धार्मिक प्रतीक बताते हुए स्कूलों से दूर रखने की बात की. बच्चियों और उनके पेरेंट्स को इसके लिए मनाया जा सके, इसके लिए 14 हजार से ज्यादा टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशासन समय-समय पर स्कूल विजिट करेगा ताकि देखा जा सके कि बैन का ठीक तरह से पालन हो रहा है.

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फ्रांस के स्कूलों में धार्मिक पहचान वाले कपड़ों पर रोक लग चुकी है. सांकेतिक फोटो (Unsplash)
फ्रांस के स्कूलों में धार्मिक पहचान वाले कपड़ों पर रोक लग चुकी है. सांकेतिक फोटो (Unsplash)

फ्रांस में वैसे मार्च 2004 में ही ये नियम बन चुका, जिसके तहत स्कूलों में मजहब से जुड़े प्रतीकों के पहनने पर मनाही हो गई. फ्रेंच सीनेट ने खूब बहस के बाद तय किया था कि पढ़ाई की जगह पर सभी एक से कपड़े पहने हों ताकि धर्म के नाम पर अलगाव न पनपे. इसमें ईसाइयों का क्रॉस और यहूदियों के किप्पा पर सबसे पहले रोक लगी. काफी धीरे से हेडस्कार्फ पर बात हुई. अब करीब 20 सालों बाद अबाया पर भी पाबंदी लगी है. माना जा रहा है कि ये बैन इसलिए लगाया गया क्योंकि स्कूलों में इसे पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही थी. 

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क्या है अबाया 


ये मुस्लिम महिलाओं के लिए बनी पोशाक है. मिडिल ईस्टर्न देशों में बैगी की तरह ढीली-ढाली, लंबी पोशाक को अबाया कहते हैं. बाहर जाते हुए महिलाएं अपने सामान्य कपड़ों के ऊपर इसे डाल लेती हैं. ये शरीर के आकार को छिपाने के लिए होता है. इसमें पूरा चेहरा नहीं ढंका जाता, बल्कि सिर के लिए अलग से स्कार्फ होता है. हाथ-पैर भी खुले हो सकते हैं. 

ज्यादातर वेस्ट एशियाई मुस्लिम-बहुल देशों, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट की महिलाएं अबाया पहनती हैं. इंडोनेशिया का पारंपरिक परिधान कबाया इसी से प्रेरित है. पहले यह ग्रे या खाकी रंग का होता था, जो अब कई रंगों में आने लगा है. 

difference between hijab burqa and abaya ban in schools of france photo Unsplash

बुर्का कैसे अलग है


अबाया एक चोगे की तरह होता है, जिसमें चेहरा ढंकने के लिए कुछ नहीं होता, वहीं बुर्का में शरीर और चेहरा, यहां तक कि आंखें भी जालीदार पैटर्न से ढंकी होती हैं. ये जालीदार पैटर्न ऐसा होता है कि देखने में कोई दिक्कत न हो. बुरका भी अबाया की तरह ढीला-ढाला होता है. ये अक्सर सॉलिड या एक ही रंग का होता है, जैसे काला या नीला. 

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किस कहते हैं चादर

चादरी या चादर भी एक तरह का बुरका है, लेकिन इसमें बॉडी कवरिंग के अलावा बालों और चेहरे को ढंकने के लिए अलग से पैनल मिलता है. तालिबान-शासित अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए गैर-पुरुषों के सामने या घर से बाहर निकलते हुए ये पहनना जरूरी है. 

हिजाब की भी इस्लाम में बात होती है

इसका मतलब है परदा. ये सीधे-सीधे कपड़े नहीं, बल्कि किसी भी तरह के परदे के लिए इस्तेमाल होता है. ये महिलाओं और पुरुषों दोनों पर लागू होता है, दोनों को ही मॉडेस्ट, ढीले-ढाले कपड़े पहनने को कहा जाता रहा. सिर ढंकने वाले कपड़े के लिए खिमर शब्द भी इस्तेमाल होता है. ये पुरुषों के लिए भी होता है, लेकिन चलन में कम है. 

difference between hijab burqa and abaya ban in schools of france photo Unsplash

क्या है नकाब

नकाब केवल सिर और गले, कंधों को ढंकने के काम आता है. मिडिल ईस्ट के कई देशों में महिलाओं के लिए नकाब जरूरी है. ये आमतौर पर काले, भूरे या नीले रंग का कपड़ा होता है जो सिर पर ऊपर से ढाला जाता है. इसमें चेहरे को ढंकते हुए आंखें खुली रहती हैं, किसी तरह का जालीदार पैटर्न आंखों पर नहीं पड़ा रहता. 

कई देशों में शायला भी महिलाओं में लोकप्रिय है. यह एक चौकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बाल ढंके जाते हैं. इसके दोनों छोर कंधे पर आकर गिरते हैं और स्कार्फ की तरह दिखता है. 

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अल अमीरा भी एक किस्म है

इसमें सिर के कपड़े पर किनारे की तरफ कशीदा बना हुआ होता है. ये टोपी की तरह ऊपर से डाल लिया जाता है, जिसे कवर करते हुए दूसरा कपड़ा कंधों-सीने पर डाला जाता है. यूएई, ओमान, कतर और दक्षिणी ईरान में ये खूब चलता है. 

 

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