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आरोपों से घिरे होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप लोकप्रिय, क्यों नैतिक तौर पर गलत नेता को भी मिलता है सपोर्ट?

पैसों के गुप्त लेनदेन मामले में अदालत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोषी पाया. ज्यूरी ने माना कि ट्रंप ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से संबंधों को छिपाने के लिए बिजनेस रिकॉर्ड्स में हेराफेरी की. ऐन राष्ट्रपति चुनावों के पहले ऐसा होना बड़ी बात है. हालांकि इससे ट्रंप की लोकप्रियता पर खास फर्क नहीं दिखता. ये मॉरल डीकपलिंग है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कई आरोप हैं. (Photo- Getty Images)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कई आरोप हैं. (Photo- Getty Images)

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियन्स से संबंध बनाए और फिर पैसे देकर उन्हें चुप रहने को कहा. शुक्रवार को अदालत ने इस मामले में ट्रंप को दोषी पाया. इधर फैसले से नाखुश ट्रंप ने कहा कि पांच नवंबर को असली फैसला जनता देगी. ये अमेरिकी चुनाव की तारीख है. लेकिन सवाल ये है कि दोषी करार दिए जाने के बाद भी ट्रंप को खुद पर इतना भरोसा क्यों है. 

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ट्रंप पर पहले भी लग चुके यौन शोषण के आरोप

डोनाल्ड ट्रंप पर 34 आपराधिक मामलों की सुनवाई चल रही थी, जिसका संबंध साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव से था. इसी दौरान उन्होंने एक एडल्ट स्टार से अपने रिश्ते को छिपाने के लिए बड़ी रकम खर्च की ताकि उनकी इमेज पर असर न हो. ट्रंप पर तीन और क्रिमिनल आरोप हैं, जिनकी सुनवाई नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के बाद ही होगी. 

ट्रंप साल 2023 में भी अमेरिकी पत्रकार और लेखिका ई जीन कैरल से यौन दुर्व्यवहार के दोषी पाए जा चुके हैं. ये मामला लगभग तीन दशक पुराना था, जिसमें लेखिका ने आरोप लगाता था कि ट्रंप ने चेंजिंग रूम में उनसे रेप किया था. रेप के आरोप हालांकि साबित नहीं हो सके, लेकिन ये साबित हो गया कि ट्रंप ने यौन दुर्व्यवहार जरूर किया था. 

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donald trump convicted in hush money trial but still popular what is moral decoupling photo AFP

पक्ष में है माहौल

इतने सारे कानूनी पचड़ों के बाद भी ट्रंप को यकीन है कि नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव का फैसला उनके पक्ष में जाएगा. यहां तक कि पोल्स भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं. मीडिया हाउस सीएनएन के ताजा पोल्स में दिख रहा है कि अमेरिकी जनता ट्रंप के पक्ष में जा रही है. 55% लोगों ने माना कि ट्रंप के दौरान देश ज्यादा सफल था. कई स्टेट्स में लोग वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ हैं, खासकर माइग्रेंट्स को लेकर उनकी उदार नीतियों के. वहीं ट्रंप लगातार शरणार्थियों पर सख्ती करने जैसे वादे कर रहे हैं.

कई बातें मिल-जुलकर ट्रंप को लोकप्रिय बनाए हुए हैं. लेकिन अब जबकि कोर्ट उन्हें दोषी मान चुकी, तब भी रिपब्लिकन्स का ट्रंप से लगाव कम नहीं हुआ. 56 प्रतिशत रिपब्लिकन सोचते हैं कि ट्रंप के यौन दुर्व्यवहार की वजह से राष्ट्रपति पद के लिए उनकी योग्यता कम नहीं होती. 

इसे मॉरल डीकपलिंग कहते हैं

ये सोचने का वो तरीका है, जिसमें किसी शख्स, खासकर लोकप्रिय शख्स की नैतिकता नहीं, बल्कि उसके परफॉर्मेंस के आधार पर उसे पसंद या नापसंद किया जाता है. यानी अगर जनता के लिए या अपनी फील्ड में उसका काम बढ़िया हो तो उसके नैतिक पक्ष को नजरअंदाज कर दिया जाता है. कंपनियों के मामले में भी ये खासा दिखता रहा. कई कंपनियों पर उनके कर्मचारियों के शोषण जैसे आरोप लगते रहे, लेकिन अगर ग्राहक को उसका प्रोडक्ट पसंद आए तो वे इस बात को अनदेखा कर देते हैं. इसे साधारण भाषा में ऐसे भी समझ सकते हैं कि ग्राहक या वोटर मानता जरूर है कि फलां ने ये एक काम गलत किया, लेकिन वो अपने असल काम में बढ़िया है. 

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donald trump convicted in hush money trial but still popular what is moral decoupling photo Getty Images

ऐसे कितने ही उदाहरण हैं, जिसमें यौन दुर्व्यवहार जैसे आरोप के बाद भी किसी नेता या कलाकार की लोकप्रियता कम नहीं हुई. हमारे यहां हो रहे लोकसभा चुनावों की ही बात लें तो साल 2009 से 2024 के बीच दागी उम्मीदवारों की संख्या कई गुना बढ़ी. पार्टियां उनपर भरोसा दिखाती हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में उनका रुतबा होता है. फिल्म इंडस्ट्री में भी कई कलाकारों की नैतिकता पर विवाद होता रहा, लेकिन इसका उनके फैन-बेस पर असर कम ही दिखा. 

अमेरिका की बात करें तो मॉरल डीकपलिंग की वजह से कई सारी मुश्किलें भी आ सकती हैं. जैसे-जैसे वोटरों में किसी नेता के काम को उसकी नैतिकता से अलग रखने की सोच बढ़ेगी, सार्वजनिक ओहदे पर बैठे लोगों में नैतिक भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा. यही वजह है कि अमेरिका में एथिकल कंडक्ट लागू करने की भी बात हो रही है. इससे ये तय हो सकेगा कि लीडर को हर हाल में अपनी नैतिकता का खयाल रखना होगा. ये उसकी राजनैतिक ड्यूटी का हिस्सा होगा. 

ट्रंप को क्या हो सकती है सजा

इसका फैसला 11 जुलाई को होगा, जब जज जुआन एम मर्चेन फैसला सुनाएंगे. थ्योरी में देखें तो जज ट्रंप को लगभग 4 सालों के लिए जेल भी भेज सकते हैं. 

donald trump convicted in hush money trial but still popular what is moral decoupling photo AFP

क्या दोषी करार दिए जाने पर ट्रंप की उम्मीदवारी रद्द हो सकती है

इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन है, जिसमें ट्रंप को आधिकारिक तौर पर पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. इस बीच ट्रंप मैनहटन कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करेंगे. अगर मनमुताबिक फैसला न आए तो वे यूएस सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. कुल मिलाकर, अपीलों का सिलसिला राष्ट्रपति चुनाव से काफी आगे निकल सकता है. इस दौरान ट्रंप कैंपेन कर सकते हैं. 

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यहां तक कि अमेरिकी नियम के मुताबिक, जेल से भी उम्मीदवार चुनावी कैंपेन कर सकता है. साल 1920 में सोशलिस्ट कैंडिडेट यूजीन विक्टर डेब्स ने जेल से ही प्रचार किया था. यूएस के संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं कि सजायाफ्ता या दोषी करार दिए जा चुके लोग राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी नहीं कर सकते.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए क्या योग्यता

अमेरिकी कंस्टीट्यूशन के मुताबिक, कैंडिडेट को 35 साल या इससे ज्यादा का होना चाहिए, और नेचुरल बॉर्न नागरिक होना चाहिए जो वहां कम से कम 14 सालों से रह रहा हो.  कुछ अमेरिकी राज्यों में अपराधियों को स्थानीय चुनाव नहीं लड़ने दिया जाता, लेकिन फेडरल ऑफिस के लिए ऐसा नहीं है.

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