6 फीट 3 इंच के डोनाल्ड ट्रंप का वजन 100 किलोग्राम से ज्यादा रहा. पिछले कार्यकाल में वाइट हाउस के डॉक्टरों ने उन्हें एक्सीलेंट हेल्थ का माना था. हालांकि बाकी राष्ट्रपतियों की तुलना में ट्रंप को जंक फूड ज्यादा पसंद है. यहां तक कि वाइट हाउस के फूड प्रोटोकॉल से अलग उनके लिए अक्सर बाहर के बड़े फूड जॉइंट से भी स्नैक्स आता रहा, जबकि राष्ट्रपतियों के लिए खाना भवन की रसोई में ही तैयार होता है और उसे कड़ी जांच से भी गुजरना होता है.
जब ट्रंप के डॉक्टर ने दिया था बड़ा बयान
वाइट हाउस में फिजिशियन रह चुके डॉ रॉनी जैक्सन ने माना था कि ट्रंप की फूड हैबिट ठीक करने के लिए वे उनके खाने में साग-सब्जियां मिला देते हैं. न्यू यॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में जैक्सन ट्रंप के बारे में कहते हैं कि वे कसरत कम ही करते हैं. तो हम उनकी डाइट पर काम करने लगे. हम उनके खाने से आइसक्रीम घटाने लगे. साथ ही मैश्ड आलू में सब्जी मिलाने लगे.
पूर्व कार्यकाल में ट्रंप के साथ रहने से पहले जैक्सन और तीन राष्ट्रपतियों के खाने में फेरबदल करके उन्हें फिट बना चुके थे. लेकिन ट्रंप के बारे में साल 2018 में उनकी बात मीडिया में काफी समय तक छाई रही. उन्होंने कहा था कि ट्रंप के जीन्स बेहद अच्छे हैं. और अगर वे अगले 20 सालों तक हेल्दी डाइट लें तो वे दो सौ साल भी जी सकते हैं.
कैलोरीज भर-भरकर खाते हैं वे
इतना लंबा जीना भले बात को थोड़ा बढ़ाकर कहना हो, लेकिन ट्रंप का खानपान तुरंत चर्चा में आ गया. वे आमतौर पर नाश्ता स्किप कर देते हैं, लेकिन लंच और बीच-बीच में चटर-पटर खाते रहते हैं. उनका डिनर सबसे भारी और ढेर सारी कैलोरीज से भरा रहता है. इसमें बर्गर, चिप्स, पिज्जा और डाइट कोक जैसी चीजें शामिल हैं. उनसे जुड़े लोगों का दावा है कि वे एक खुराक में ढाई से तीन हजार कैलोरीज ले लेते हैं.
जर्म्स के डर से कम किया घर का खाना
ट्रंप को वैसे जर्माफोब के तौर पर जाना जाता रहा. जर्म्स का उन्हें ऐसा फोबिया है कि पहले से खुला पैकेट वे कतई नहीं खाते. यहां तक कि वाइट हाउस किचन में भी इस डर की वजह से खाने से बचते रहे, जबकि सच तो ये है कि वहां की रसोई में खाना बेहद सावधानी से बनता और फिर टेस्टिंग से भी गुजरता है. इसके बाद भी वे पैक्ड फूड खाना ज्यादा पसंद करते रहे. फायर एंड फ्यूरी- इनसा्इड द ट्रंप वाइट हाउस नाम की किताब में ट्रंप के इस फोबिया के बारे में विस्तार से बताया गया है. ट्रंप को यकीन है कि फास्ट-फूड चेन्स से शानदार सफाई कोई नहीं रखता, इसलिए वे जंक को घर पर पके खाने से ज्यादा तवज्जो देते रहे.
कोक पीने का भी शौक
ट्रंप शराब के शौकीन नहीं, बल्कि उन्हें डाइट कोक से लगाव के लिए जाना जाता रहा. फॉर्चून मैग्जीन ने बताया था कि पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप के दफ्तर में एक स्पेशल बटन था, जो केवल कोक मंगाने के लिए था. वे एक दिन में दर्जनभर कोक पी जाते.
कैसे काम करता है वाइट हाउस किचन
अब बात करें, वाइट हाउस किचन की तो ये एक नहीं, बल्कि तीन रसोइयां हैं, जिनका काम अलग बंटा हुआ है. एक मेन किचन है, एक पेस्ट्री किचन और तीसरा फैमिली किचन. इनके साथ ही पैंट्री भी जुड़ी हुई है, जहां कच्चा सामान और साग-सब्जियां जमा रहती हैं. यहां बता दें कि वाइट हाउस में एक लंबा-चौड़ा किचन गार्डन भी है. सारी सब्जियां यहीं उगाई जाती हैं, अगर बाहर से काफी मेहमान न आ रहे हों.
खुद भरने होते हैं खाने के पैसे
बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक सालाना यहां दो हजार पाउंड से भी ज्यादा सब्जियां उगाई जाती रहीं. यहां एक मजेदार चीज ये है कि फर्स्ट फैमिली यानी राष्ट्रपति समेत उनके परिवार को खाने के लिए अलग से पैसे देने होते हैं. साथ ही निजी मेहमानों के लिए अलग कॉस्ट है. ये खर्च आमतौर पर राष्ट्रपति की सैलरी से कवर किया जाता है. इसपर कई राष्ट्रपति सवाल भी उठा चुके, या मजाक में बोल भी चुके.
कुछ इस तरह की हुई परेशानी
राष्ट्रपति के लिए फैमिली किचन में खाना पकता है लेकिन ट्रंप के आने के बाद ये कस्टमाइज हुआ. वे पेस्ट्री से भी खाने के लिए चीजें मंगाया करते. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी हुई सुरक्षा मानकों पर. असल में इस किचन में इस्तेमाल हो रहे हर उत्पाद की कड़ी जांच खुद सीक्रेट सर्विस करती है. यहां तक कि वहां काम करने वाले मामूली से कर्मचारी का भी बैकग्राउंड चेक और हेल्थ देखी जाती है. अगर जहां भी कमी निकली तो काम पर नहीं रखा जाता. ये सब इसलिए कि देश का सबसे अहम शख्स सेफ रहे.
सेफ्टी के चलते ही वाइट हाउस में बाहर से खाना मंगाने पर काफी हद तक कड़ाई रही. लेकिन ट्रंप ने इसे मानने से इनकार कर दिया. वे मैकडॉनल्ड्स, वेंडीज और केएफसी जैसे फास्ट-फूड चेन से खाना मंगवाते. बाहर से खाना मंगाने पर उसे वाइट हाउस में सुरक्षित रूप से लाने और जांचने में वक्त और रिसोर्स दोनों ज्यादा लगता था. लेकिन सुरक्षा तो पक्की करनी ही थी. लिहाजा तब रिसोर्सेज और बढ़ाए गए. साथ ही बाहर से आए खाने की स्कैनिंग, सैंपलिंग होने लगी. इसके बाद खाने पर एक सुरक्षा मुहर लगाई जाती थी, तभी ये ट्रंप तक पहुंच पाता था.
ट्रंप से कितना अलग है बाइडेन का खानपान
राष्ट्रपति एक दिन में कितनी कैलोरी लेंगे, इसका कोई नियम नहीं है. लेकिन चूंकि उनकी सेहत बड़ी बात है इसलिए ट्रंप के चारों ओर हमेशा मेडिकल टीम रहती आई. वहीं मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन या फिर पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को लें तो उनकी डाइट हमेशा हेल्दी रही. बाइडेन घर का बना खाना पसंद करते हैं. इसमें भी ताजा फल-सब्जियां और प्रोटीन पर वे जोर देते रहे. कैलोरी इनटेक में चुनिंदा मौकों पर उन्हें आइसक्रीम खाते देखा गया.