इजरायल और आतंकी गुट हमास के बीच लड़ाई में बार-बार ये बात आ रही है कि दुनिया का कोई भी देश गाजावासियों को शरण देने को तैयार नहीं. इन हालातों में बहुत संभव है कि गाजा पट्टी के लोग चुपके से दूसरे देशों तक पहुंचने लगे. ऐसा होता भी रहा है.
सीरिया, पाकिस्तान या अफ्रीकी देशों से लोग अवैध तरीके से अमीर देशों के बॉर्डर पार करते रहे. बीते दिनों ब्रिटेन जा रहे बहुत से लोगों की एक नाव डूबने से मौत हो गई. वे सभी अवैध ढंग से सीमा पार करने की फिराक में थे. इसके कई मैथड होते हैं. डंकी रूट इनमें से एक है.
क्या होता है ये?
ये विदेश तक पहुंचने का बैकडोर मैथड है. इसमें भागने वाले एक या दो देशों नहीं, बल्कि कई देशों से होते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. इसके लिए केवल एक देश का वीजा लिया जाता है. वहां तक पहुंचने के बाद आदमी गायब हो जाता है, यानी कई देशों से होते-रुकते हुए चुपचाप डेस्टिनेशन तक पहुंचता है.
क्योंकि ये तरीका अवैध है, इसलिए इसमें ट्रांसपोर्ट भी गलत-सलत होता है. जैसे लोगों को कार की डिक्की या माल ढोने वाले जहाजों में छिपा दिया जाता है और उन्हें तभी बाहर आने मिलता है, जब वे सही जगह तक पहुंच जाएं.
मंजिल तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं
इसमें जान का खतरा रहता है. जैसे करीब डेढ़ साल पहले मैक्सिको के रास्ते में एक भारतीय कपल अपने बच्चों के साथ मृत मिला. वो गाड़ी में बंद थे और रास्ते में बर्फबारी में फंस गए थे. कपल मैक्सिको के रास्ते अवैध ढंग से यूएस जाने की फिराक में था. ऐसे मामले लगातार आते रहते हैं.
ये रास्ता एक-दो दिनों या एकाध हफ्ते में खत्म नहीं होता, बल्कि महीनों लग जाते हैं. मिसाल के तौर पर, अगर किसी को भारत से वेस्टर्न यूरोप जाना हो तो पहले उसे सर्बिया भेजा जाएगा. यहां उतनी सख्ती नहीं. सर्बिया में मानव तस्कर सही मौके का इंतजार करने को कहेंगे और ठीक समय आते ही क्लाइंट को किसी और देश होते हुए यूरोप के वेस्ट तक पहुंचा देंगे. ये प्लान फेल भी हो सकता है. तब इंतजार और लंबा हो जाएगा. या फिर तस्कर पीछे भी हट सकते हैं.
किस तरह के हैं खतरे
- ये भी हो सकता है कि क्लाइंट को जेल में डाल दिया जाए और वो अनिश्चित समय के लिए वहीं रह जाए.
- एक खतरा ये है कि अवैध तौर पर सीमा पार करते हुए कई बार लोग चरमपंथियों के हाथ पड़ जाते हैं. ये लोग बेहद खतरनाक हो सकते हैं.
- बहुत बार कई सारी नदियां-नाले पार करने होते हैं, ऐसे में डूबने या कुदरती आपदा का शिकार हो सकते हैं.
अवैध एंट्री का एक रास्ता वीजा ओवरस्टे है
इसके तहत लोग प्रॉपर वीजा लेकर आते हैं, लेकिन उसके एक्सपायर होने के बाद भी देश में रुके रहते हैं. ऐसे लोग अधिकतर टूरिस्ट होते हैं, या कोई बिजनेस दिखाकर देश में प्रवेश करते हैं. इन अवैध शरणार्थियों को ट्रैक करना आसान है. पकड़ में आने पर इनके लिए भी सजा है.
जैसे अगर कोई अमेरिका जाकर वहां एक साल या इससे कम वक्त के लिए ओवरस्टे कर जाए तो अगले तीन सालों तक वो अमेरिका नहीं जा सकता. उसका वीजा रिजेक्ट हो जाएगा. अगर कोई एक साल से ज्यादा समय छिपकर बिता दे तो 10 सालों के लिए उसे अमेरिका में एंट्री नहीं मिलती.
किस तरह का होता है रूट?
ये इसपर निर्भर करता है कि अवैध एंट्री किस तरह से की जा रही है, और क्लाइंट को किस देश में जाना है. जैसे अमेरिका और यूरोप के देशों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होते हैं. अगर कोई डंकी रूट से अमेरिका जाना चाहे तो एक व्यक्ति का चार्ज करीब 40 लाख रुपए होता है. यहां से उसे दुबई ले जाया जाता है. वहां से अजरबैजान और तुर्की होते हुए पनामा तक पहुंचते हैं. यहां से मैक्सिको होते हुए अमेरिका तक की दूरी नापी जाती है. अवैध तरीके से बॉर्डर पार करते हुए अगर लोग किसी मुसीबत में फंस जाएं तो दलाल उसे छोड़कर भाग निकलते हैं.
तेजी से बढ़ी बॉर्डर फेंसिंग
सीमाएं शेयर करने वाले दुनिया के बहुत से देश धीरे-धीरे दीवार या कंटीली बाड़ें बनवा रहे हैं. लेकिन शुरुआत में ये चलन नहीं था. दूसरे विश्व युद्ध के आखिर तक सिर्फ 7 देशों ने दीवारें बनवा रखी थीं. अब ये बढ़कर 75 से ज्यादा हो चुकी हैं. अमेरिकी वॉल सबसे विवादित है इसे ट्रंप वॉल भी कहा गया. तत्कालीन राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने इसे बनवाने की पहल की थी, लेकिन फिर विवाद होने लगा.
असल में अमेरिका मैक्सिको से 3 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा की सीमा साझा करता है. यहां से लगातार अवैध घुसपैठ तो होती ही है, साथ ही ड्रग्स का कारोबार भी खूब चलता है. बहुत से देशों ने बॉर्डर फेंसिंग के साथ पेट्रोलिंग भी कर रखी है. इसके बाद भी अवैध तरीके से लोग आ रहे हैं.