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हर तरफ से नाकेबंदी, शहर भर में तबाही... गाजा पट्टी में ऐसा क्या है, जो उसे धरती का जहन्नुम कहा जाने लगा?

हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पर कई गुनी ताकत से अटैक शुरू कर दिया. फिलहाल वहां कहर बरप रहा है, लेकिन आम दिनों में भी गाजा पट्टी को दुनिया का नर्क कहा जाता है. करीब 17 सालों से ये इलाका नाकेबंदी झेल रहा है. पड़ोसी देशों ने भी अपने बॉर्डर यहां रह रहे फिलिस्तीनियों के लिए बंद रखे हैं.

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गाजा पट्टी दुनिया में सबसे घनी बस्तियों में से है. सांकेतिक फोटो (Getty Images)
गाजा पट्टी दुनिया में सबसे घनी बस्तियों में से है. सांकेतिक फोटो (Getty Images)

इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास में करीब 6 दिनों से जंग छिड़ी हुई है. हमास आम लोगों पर भी हमलावर रहा, इससे भड़की हुई इजरायली सेना ने गाजा पट्टी इलाके पर बमबारी शुरू कर दी. यहां तक कि गाजा में बिजली-पानी और खाने तक की आपूर्ति बंद हो चुकी. ये वो इलाका है, जो साल 2007 से हमास के कब्जे में है.

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क्या है गाजा पट्टी?

ये इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा-सा एरिया है, जहां फिलिस्तीनी रहते हैं. यहां प्रति किलोमीटर पर लगभग साढ़े 5 हजार लोग बसे हुए हैं, जिससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इलाका कितना घना बसा हुआ होगा. यही वजह है कि इजरायली हमले में यहां तबाही भी भारी मची हुई है. फिलिस्तीनी मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के मुताबिक इजरायली एयरस्ट्राइक में उनके साढ़े 5 सौ से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि लगभग 3 हजार लोग घायल हैं. 

इतनी भयंकर है बेरोजगारी

साल 2021 में UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस जगह को धरती का जहन्नुम कहा था. इससे पहले इसे ओपन-एयर जेल भी कहा जा चुका है. इन बातों के पीछे कई कारण हैं. सबसे पहली वजह है गरीबी. यूएन के अनुसार गाजा पट्टी दुनिया की सबसे गरीब जगहों में से है. यहां कुल बेरोजगारी 46% है, जिसमें भी युवाओं में बेरोजगारी लगभग 60% है. ये हाल तक है, जबकि सटे हुए इजरायल में बेरोजगारी सिर्फ 4% है. एप्लॉयमेंट के मामले में इजरायल अमेरिका की बराबरी पर खड़ा है, जबकि गाजा की तुलना अफ्रीका के सबसे गरीब और अस्थिर देशों से होती रही. 

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gaza strip is called hell on the earth israel hamas war photo Getty Images

हर 5 में से एक शख्स भूखा

काम की तंगी के चलते यहां लोगों के पास न तो पेटभर खाना है, न ही जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधा. गाजा पट्टी में हर 5 में से 3 लोग खाने की कमी के चलते बीमार हो रहे हैं. अगस्त में ही यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी ने ये बात कही थी. कैंसर जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए यहां इलाज के लिए कोई अस्पताल नहीं. पैसे न होने की वजह से वे बाहर भी नहीं जा पाते. ऐसे में बहुत सी मौतें उन बीमारियों से हो रही हैं, जिनका इलाज है. 

क्या है इस हालत की वजह?

गाजा की ये हालत खुद हमास का किया-धरा है. साल 1967 में इजरायल ने इजिप्ट से लड़कर गाजा पर कब्जा कर लिया. तब से अगले करीब 30 सालों तक उसने इस पट्टी में कई सैटलमेंट्स बनाए. सारी सुविधाएं भी दीं, लेकिन फिलिस्तीनी लगातार विरोध करते रहे. वे इस क्षेत्र पर इजरायली कब्जे के खिलाफ थे.

साल 2005 में आखिरकार इजरायली सेना ने गाजा से अपने 21 सैटलमेंट्स हटा लिए. लेकिन तभी हमास ने इसपर कब्जा कर लिया. वो फिलिस्तीनियों को कथित तौर पर इजरायल से आजादी दिलाने के लिए बना संगठन था, लेकिन उसकी सारी हरकतें आतंकी गुट की थीं. उसके एक्टिव होने के बाद से गाजा पट्टी की हालत लगातार खराब हुई. 

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gaza strip is called hell on the earth israel hamas war photo Pixabay

हर तरफ से हो रखी है घेराबंदी

इजरायल ही नहीं, इजिप्ट ने भी उसपर कई तरह की नाकेबंदी कर दी. यहां के लोग जमीन या हवा के रास्ते इन देशों तक नहीं जा सकते, जब तक कि परमिट न हो. इजरायल ने तो गाजा पट्टी के चारों तरफ दीवार खड़ी की ही, इजिप्ट ने भी अमेरिकी मदद लेकर 14 किलोमीटर की लोहे की दीवार घेर दी. पट्टी के पश्चिम की तरफ इजरायल ने समुद्री रास्ते रोके हुए हैं कि वहां से न लोग जा सकें, या किसी सामान की तस्करी हो सके. तो कुल मिलाकर, 41 किलोमीटर की ये पट्टी जेल बन चुकी है. ये खुली हुई तो है लेकिन तब भी यहां के लोगों को न कहीं जाने की आजादी है, न भरपेट खा सकने की. 

बची-खुची कसर सेना और आतंकी गुट में लड़ाई से पूरी हो जाती है. साल 2007 के बाद ही यहां हमास और इजरायली सेना जब-तब भिड़ती रहती हैं. बम धमाके यहां आम बात हैं. 

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