
जम्मू के उदयवाला में डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या हो गई है. उनकी हत्या का मुख्य आरोपी उनका ही नौकर यासिर अहमद लोहार है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या के बाद यासीर वहां से फरार हो गया था. उसे पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गईं थीं.
डीजी जेल एचके लोहिया अपने घर में मृत मिले थे. शुरुआती जांच में सामने आया है कि उनका गला कटा हुआ है. केचप की बोतल से उनका गला रेता गया था. मारने के बाद उनके शव को जलाने की भी कोशिश की गई थी. लोहिया की हत्या ऐसे समय हुई है, जब गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर दौरे पर हैं.
इस हत्या के पीछे पुलिस अभी टेरर एंगल की बात से इनकार कर रही है. हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए जांच की जा रही है. लेकिन आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फोर्स (TRF) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. TRF ने कहा कि गृह मंत्री के लिए ये छोटा सा गिफ्ट है.
पुलिस ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल हथियार जब्त कर लिए गए हैं. मौके से आरोपी नौकर यासिर की एक डायरी भी मिली है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति का पता चलता है.
कौन है आरोपी यासिर?
यासिर अहमद लोहार की उम्र 23 साल थी. वो रामबन जिले के हल्ला-धंद्रथ गांव का रहने वाला था. वो 6 महीने से लोहिया के घर पर काम कर रहा था. इससे पहले वो गृह विभाग के प्रमुख सचिव के यहां काम करता था.
जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी यासिर भागता हुआ दिख रहा था. उन्होंने बताया कि यासिर बहुत गुस्सेवाला था और डिप्रेशन से भी जूझ रहा था.
डायरी से हुए कुछ अहम खुलासे
आरोपी यासिर की डायरी भी मिली है. इस डायरी से यासिर को लेकर कुछ अहम खुलासे हुए हैं. डायरी से पता चलता है कि यासिर डिप्रेशन में था.
डायरी में आरोपी ने कई शायरियां भी लिखी हैं. एक शायरी में उसने लिखा है, 'हम डूबते हैं, डूबने दो. हम मरते हैं तो मरने दो. पर अब कोई झूठापन मत दिखाओ.'
डायरी में उसने अपनी जिंदगी खत्म करने की ओर भी इशारा किया है. डायरी में उसने लिखा है, 'जिंदगी तो बस तकलीफ देती है. सुकून तो अब मौत ही देती है.' उसने आगे ये भी लिखा है कि 'मौत आ जाओ, मैं हमेशा तुम्हारा इंतजार करता हूं.'