फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास को पूरी तरह से खत्म करने का इजरायली इरादा साफ है. वो आसमान से लेकर जमीन तक हमले कर रहा है. इससे गाजा पट्टी में रहने वालों की भी शामत आई हुई है. असल में गाजा ही वो इलाका है, जहां हमास आतंकी बसे हुए हैं. ऐसे में जंग का सीधा असर गाजा के आम लोगों पर हो रहा है. इस बीच ह्यूमेनिटेरियन पॉज या मानवीय युद्ध विराम की बात हो रही है. इजरायल इसपर करीब-करीब राजी भी है.
अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने इसका एलान करते हुए कहा कि रोज 4 घंटों के लिए इजरायल उत्तरी गाजा की तरफ लड़ाई रोक देगा. इजरायल सरकार ने भी इसपर हामी भरी. ये किस तरह का ब्रेक है और सीजफायर से कितना अलग है. यहां समझिए.
क्यों दिया जाता है मानवीय विराम?
ह्यूमेनिटेरियन पॉज युद्ध के दौरान पैदा हुई स्थिति है. इसमें कुछ घंटों से लेकर एकाध दिन के लिए युद्ध रोका जाता है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे सैनिक घायल हों और इलाज के लिए उन्हें यहां-वहां ले जाए जाने की जरूरत हो. या फिर आम लोगों को खाना-पानी न मिल पा रहा हो. ये मानवीय संकट है.
यूनाइटेड नेशन्स कहता है कि ऐसे में आपस में कट्टर दुश्मन देशों को भी मानवीय विराम देना चाहिए ताकि खाने-दवा या बाकी जरूरी चीजों की सप्लाई हो सके. कई बार किसी देश के खास त्योहार पर भी दूसरा देश मानवीय पॉज देने को मान जाता है. जैसे आर्मेनिया-अजरबैजान की लड़ाई में भी त्योहार पर पॉज मिला था. या पाकिस्तान अगर किसी देश से भिड़ जाए और बीच में ईद आए तो युद्ध कुछ देर के लिए रोका जा सकता है. ये ये तभी होगा जब हमलावर देश इसके लिए तैयार हो.
क्या होता है इस विराम में?
- मानवीय विराम एक तय समय के लिए होता है. जैसे अगर इजरायल ने इसकी अवधि 4 घंटे तय की है तो इतनी ही देर लड़ाई रुकी रहेगी.
- ये पूरे युद्ध क्षेत्र पर लागू नहीं होता, बल्कि एक निश्चित एरिया के लिए होता है. जैसे किसी खास बॉर्डर पर लड़ाई रोक दी जाए.
- इस दौरान खतरनाक जगहों पर फंसे लोगों को बाहर निकलकर सेफ जोन में जाने की भी छूट मिलती है, लेकिन परमिशन के साथ.
सीजफायर क्या है?
ये एक पॉलिटिकल कंडीशन है, जिसका जिक्र अक्सर ही आता रहता है. इसमें दोनों पक्ष लड़ाई बंद करने को लेकर औपचारिक समझौता करते हैं. लेकिन अगर दो देश ऐसा करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वे दोस्त बन गए. वे सीजफायर के दौरान पूरी तरह शांति लाने के तरीके खोजते हैं. मतलब ये भी अस्थाई है. जैसे पाकिस्तान के ऊपर अक्सर ही सीजफायर भंग करके भारत को परेशान करने का आरोप लगता रहा.
क्या हो सकता है इजरायल-हमास के मामले में?
फिलहाल जैसे हालात बने हुए हैं, ये तय है कि इजरायल अपने लोगों को हमास की गिरफ्त से निकाले बिना नहीं रुकेगा. हमास ने उसके डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर रखा हुआ है. इजरायल ने लगातार उन्हें छोड़ने की शर्त पर युद्ध रोकने या कोई भी बात करने की बात की.
टेंपररी पॉज देने को वो तैयार है, लेकिन सीजफायर की स्थिति अभी काफी दूर है. सीजफायर का ये भी मतलब होगा कि हमास अपनी जड़ें और मजबूत कर ले, जो कि इजरायल के लिए खतरा बन सकता है. साथ ही लेबनान में हिजबुल्लाह भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. ऐसे में सीजफायर अभी संभव नहीं दिखता.
पहले भी हुआ था सीजफायर
इससे पहले भी हमास और इजरायल के बीच साल 2021 में जंग हुई थी. करीब 11 दिन चली लड़ाई में 2 सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे. बाद में इजिप्ट के बीच-बचाव से दोनों के बीच सीजफायर हुआ. अब भी अमेरिका, इजिप्ट या किसी न किसी तीसरे देश के बीच में आने पर ही स्थितियां काबू में आ सकती हैं.