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भारतीय सेना ने नई वर्दी का पेटेंट करवा लिया है. लड़ाकू अभियानों के लिए सैनिकों की नई वर्दी को लॉन्च इसी साल 15 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर किया गया था. सेना की नई वर्दी पुरानी वर्दी से कई मायनों में बेहतर है. ये पहले ज्यादा हल्की है, मजबूत है और इसे रखरखाव के लिहाज से भी आसान बनाया गया है. नई वर्दी में महिला सैनिकों की जरूरतों को भी ध्यान में रखा गया है.
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि नई वर्दी का पेटेंट करवा लिया गया है और अब इसका इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पूरी तरह से भारतीय सेना के पास है. अब अगर कोई भी भारतीय सेना के अधिकृत किए बगैर नई वर्दी बनाता है या उसकी बिक्री करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
नई वर्दी की जरूरत क्यों?
सेना में कई तरह की वर्दियां होती हैं. लेकिन सभी वर्दियों में बदलाव नहीं किया गया है. फिलहाल युद्ध के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी को ही बदला जा रहा है.
इस साल 15 जनवरी को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एमएम नरवणे ने इस वर्दी का लॉन्च किया था.
सेना में अभी जो वर्दी पहनी जा रही है, वो साल 2008 से इस्तेमाल की जा रही है. नई वर्दी में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. इसमें उसका कैमोफ्लाज पैटर्न और नए कपड़े का इस्तेमाल किया गया है.
क्या है नई वर्दी की खासियत?
सेना की नई वर्दी को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) की टीम ने डिजाइन किया है. इसमें 4 C- कंफर्ट, क्लाइमेट, कैमोफ्लाज और कॉन्फिडेंशियलिटी का ध्यान रका गया है.
नई वर्दी पुराने से कई मायनों में अलग है. इसमें अंदर ब्लैक कलर की राउंड नेक की टी-शर्ट पहनी जाएगी. इसमें शर्ट पैंट के अंदर नहीं डालना होगा.
नई वर्दी की शर्ट जैकेट की तरह होगी. इसमें ऊपर-नीचे जेब होगी. एक जेब बाजू पर भी होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीठ पर चाकू रखने के लिए भी जगह होगी.
मौजूदा वर्दी के मुकाबले नई वर्दी का कपड़ा हल्का है और काफी मजबूत है. नया कपड़ा जल्दी सूख जाता है और किसी भी तरह की वेदर कंडीशन में पहनने में सहज होता है.
हालांकि, नई वर्दी में कैमोफ्लाज पैटर्न को डिजिटल रखा गया है. इसमें रंग पहले जैसे ही होंगे. इसका डिजिटल पैटर्न अमेरिकी सेना की वर्दी की तरह ही है.
कब तक मिल जाएगी नई वर्दी?
नई वर्दी के करीब 50 हजार सेट पहले ही कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) से खरीदे जा चुके हैं. इन्हें 15 सीएसडी डिपो- दिल्ली, लेह, बीडी बारी, श्रीनगर, उधमपुर, अंडमान और निकोबार, जबलपुर, मासीमपुर, नारंगी, दीमापुर, बागडोगरा, लखनऊ, अंबाला, मुंबई और खड़की में डिस्ट्रीब्यूट भी किया जा चुका है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि नई वर्दी को तैयार करने वाले कारीगरों को ट्रेनिंग देने के लिए वर्कशॉप की जा रही हैं. JCO और OR को वर्दी देने के लिए 11.70 लाख सेटों की थोक खरीद की जा रही है. अगस्त 2023 से ये वर्दी जवानों को मिलने लगेगी.