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CEIR... वो सिस्टम जो ढूंढ निकालेगा चोरी हुए मोबाइल फोन, जानिए कैसे करेगा काम, 7 सवालों के पढ़ें जवाब

CEIR के जरिए नागरिकों को चोरी के मामले में अपने स्मार्टफोन को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है. जब कोई नागरिक अपना मोबाइल ब्लॉक करा देता है, तो फिर सरकार फोन को ट्रैक करती है और इसे खोजने की कोशिश करती है.

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चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को अब आसानी से ढूंढा जा सकेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को अब आसानी से ढूंढा जा सकेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अगर आपका फोन चोरी या गुम हो गया है, तो क्या करेंगे? इसके लिए केंद्र सरकार नया सिस्टम लॉन्च करने जा रही है. केंद्र सरकार ने चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को ढूंढने के लिए एक नया सिस्टम तैयार किया है.

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इसका नाम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) है. ये सिस्टम 17 मई को लॉन्च होगा. इसके जरिए लोग अपने गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगा सकेंगे या उसे ब्लॉक कर सकेंगे.

इस सिस्टम को डिपार्टमें को टेलीमैटिक्स (CDoT) ने तैयार किया है. दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पूर्वोत्तर रीजन में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ट्रायल किया गया था. और अब इसे 17 मई से पूरे देश में लॉन्च किया जा रहा है.

1. क्या है CEIR? 

- CEIR खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाने के लिए एक सिटीजन पोर्टल है. ये सभी टेलीकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क में खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है, ताकि इनका इस्तेमाल न किया जा सके.

- अगर कोई व्यक्ति ब्लॉक हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है, तो उसका पता लगाया जा सकता है. एक बार मोबाइल फोन मिल जाने के बाद उसे पोर्टल पर अनब्लॉक किया जा सकता है, ताकि उसका असली मालिक उसे यूज कर सके.

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2. कैसे काम करता है ये सिस्टम?

- ये सिस्टम एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म से लैस है, जो सभी टेलीकॉम नेटवर्क पर क्लोन किए गए मोबाइल फोन की पहचान करने में मदद करता है. 

- केंद्र सरकार पहले ही IMEI नंबर का खुलासा करना जरूरी कर चुकी है. ऐसे में टेलीकॉम नेटवर्क के पास पहले से IMEI नंबर की एक लिस्ट होगी. अगर कोई IMEI बदलने की कोशिश करेगा तो उसके बारे में पता लग जाएगा.

3. खोए या चोरी फोन को ब्लॉक कैसे कर सकते हैं?

- पुलिस के पास एक रिपोर्ट दर्ज करें, और रिपोर्ट की एक कॉपी रखें.

- अपने टेलीकॉम ऑपरेटर (जैसे, एयरटेल, जियो, वोडा / आइडिया, बीएसएनएल, एमटीएनएल आदि) से खोए हुए नंबर के लिए एक डुप्लीकेट सिम कार्ड लें. ये जरूरी है क्योंकि IMEI को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट सबमिट करते समय प्राथमिक मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा.

- पुलिस रिपोर्ट की कॉपी और एक आईडी कार्ड की कॉपी रखकर रखें. मोबाइल फोन खरीद की रसीद भी जमा करा सकते हैं.

- इसके बाद CEIR की वेबसाइट पर जाकर IMEI को ब्लॉक करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज सबमिट करें. फॉर्म पर जाने के लिए यहां क्लिक करें.

- फॉर्म सबमिट होने के बाद एक रिक्वेस्ट आईडी दी जाएगी. इसका इस्तेमाल अपनी रिक्वेस्ट का स्टेटस चेक करने और फोन मिलने के बाद IMEI को अनब्लॉक करने में किया जा सकता है.

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ध्यान रखें- ब्लॉकिंग रिक्वेस्ट करने के बाद अगर यूजर को "Request already exist for IMEI *** and mobile number *** with FirNo = *** on *** by State police." मैसेज मिलता है तो इसका मतलब है कि पुलिस पहले ही CEIR सिस्टम में रिक्वेस्ट डाल चुकी है.

4. IMEI ब्लॉक करने के बाद क्या होता है?

- IMEI ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट करने के 24 घंटे के भीतर मोबाइल फोन ब्लॉक हो जाता है. मोबाइल फोन ब्लॉक होने के बाद उसका इस्तेमाल पूरे देश में कहीं भी नहीं हो सकेगा.

5. इसे कब अनब्लॉक करना चाहिए?

- यूजर को अपने फोन का IMEI तभी अनब्लॉक करना चाहिए, जब उसका फोन उसे मिल गया हो.

6. अनब्लॉक करने का तरीका क्या होगा?

- इसके लिए CEIR की वेबसाइट पर जाकर IMEI को अनब्लॉक करने की रिक्वेस्ट डालनी होगी. इसके लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा.

- फॉर्म पर जाने के लिए यहां क्लिक करें. इसके बाद रिक्वेस्ट आईडी, मोबाइल नंबर और अनब्लॉक करने का कारण बताकर सबमिट करें.

- फॉर्म सबमिट होने के बाद IMEI को अनब्लॉक कर दिया जाएगा. अगर किसी यूजर ने ब्लॉक करने के लिए पुलिस में रिक्वेस्ट डाली है तो फिर उन्हें पुलिस से संपर्क करना होगा.

7. इससे फायदा क्या होगा?

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- इसका सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को आसानी से ढूंढा जा सकेगा. दूसरा चोरी हुए मोबाइल फोन का गलत इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा.

- इसी सिस्टम की मदद से ठाणे पुलिस ने जनवरी से अप्रैल के बीच 1.28 करोड़ रुपये के 711 मोबाइल फोन उनके असली मालिक को लौटाए हैं.

 

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