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Indian Navy Ensign: भारतीय नौसेना का निशान बदल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडियन नेवी के नए निशान का अनावरण किया. नए निशान से गुलामी का प्रतीक भी हटा दिया गया है. पहले नेवी के निशान पर लाल क्रॉस बना होता था, जिसे हटा दिया गया है.
नौसेना का नया ध्वज औपनिवेशिक अतीत से दूर है और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से परिपूर्ण है. अभी तक नौसेना का निशान सफेद फ्लैग था, जिस पर खड़ी और आड़ी लाल धारियां बनी थीं. इसे क्रॉस ऑफ सेंट जॉर्ज कहते हैं. इसके बीच में अशोक चिह्न बना था. ऊपर बाईं ओर तिरंगा लगा था.
अब कैसा है नया निशान?
नए निशान से लाल क्रॉस को हटा दिया गया है. ऊपर बाईं ओर तिरंगा बना हुआ है. वहीं बगल में नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डन कलर में अशोक चिह्न बना है, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है. जिस पर अशोक चिह्न बना है, वो असल में छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर है.
नए फ्लैग में नीचे संस्कृत भाषा में 'शं नो वरुणः' लिखा है. इसका अर्थ है 'हमारे लिए वरुण शुभ हों'. हमारे देश में वरुण को समुद्र का देवता माना जाता है. इसलिए नेवी के नए निशान पर ये वाक्य लिखा गया है.
BREAKING: @IndianNavy’s new ensign unveiled, drops St George’s Cross, introduces Indian Navy crest on a navy blue background enclosed in a octagon representing the royal seal of Chhatrapati Shivaji Maharaj. pic.twitter.com/NUh68yt85r
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 2, 2022
निशान बदलने का क्या है इतिहास?
आजादी के बाद जब बंटवारा हुआ तो नौसेना का भी बंटवारा हुआ. इनके नाम रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी पड़े. 26 जनवरी 1950 को भारत जब गणतंत्र बना, तो इसमें से 'रॉयल' शब्द हटा दिया गया और नया नाम इंडियन नेवी यानी भारतीय नौसेना पड़ा.
नाम तो बदल दिया गया, लेकिन नौसेना के निशान पर ब्रिटिश काल की झलक बनी रही. नौसेना के झंडे पर जो लाल क्रॉस नजर आता है, वो 'सेंट जॉर्ज क्रॉस' है, जो अंग्रेजी झंडे यूनियन जैक का हिस्सा हुआ करता था.
ये लाल क्रॉस नौसेना के निशान पर बना रहा और इसके ऊपरी बाईं ओर तिरंगा लगा दिया गया. 2001 में ये झंडा बदला गया और लाल क्रॉस हटा दिया गया. इसकी जगह नीले रंग में अशोक चिह्न बनाया गया. हालांकि, इसमें शिकायत आई कि नीला रंग समुद्र और आसमान से मिल जाता है, जिस कारण ये दिखाई नहीं पड़ता. इसके बाद 2004 में फिर बदलाव किया गया और लाल क्रॉस लगाया गया. पर इस बार लाल क्रॉस के बीचों-बीच अशोक चिह्न लगाया गया. 2014 में फिर इसमें थोड़ा बदलाव किया गया और अशोक चिह्न के नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा गया.
क्या है सेंट जॉर्ज क्रॉस?
सफेद बैकग्राउंड पर बने लाल क्रॉस को 'सेंट जॉर्ज क्रॉस' के रूप में जाना जाता है. इसका नाम एक ईसाई योद्धा संत के नाम पर रखा गया था. माना जाता है कि जब तीसरा धर्मयुद्ध हुआ तो सेंट जॉर्ज एक योद्धा की भूमिका में थे. ये क्रॉस इंग्लैंड के झंडे पर भी बना है.
1190 में इंग्लैंड और लंदन सिटी ने इस झंडे को अपनाया था, ताकि अंग्रेजी जहाजों की पहचान की जा सके. रॉयल नेवी अपने जहाजों पर जॉर्ज क्रॉस वाले झंडे लगाया करती थी. अभी ब्रिटिश नेवी में जो झंडा इस्तेमाल होता है, वो 1707 में अपनाया गया था.