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पाकिस्तान में एक बार फिर एयरस्ट्राइक हुई है. ये एयरस्ट्राइक ईरान ने की है. ईरान ने दावा किया है कि उसने बलूचिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-अल-अद्ल के ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया है.
ईरान का दावा है कि उसने बलूचिस्तान के कूह सब्ज नाम के इलाके में हमला किया है. इस इलाके के जैश-अल-अद्ल का सबसे बड़ा ठिकाना माना जाता है.
जैश-अल-अद्ल एक सुन्नी आतंकी संगठन है, जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में काम करता है. इस संगठन पर ईरान में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने का आरोप है.
इसके बाद पाकिस्तान ने वही किया, जो वो करता आ रहा है. उसने एयरस्ट्राइक की बात तो मानी, लेकिन ये नहीं बताया कि मिसाइलें और बम कहां गिराए हैं. पाकिस्तान ने दावा किया है कि इस हमले में दो बच्चियों की मौत हुई है और तीन लोग घायल हुए हैं.
बहरहाल, इस सबने पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर अपना ठिकाने बनाए आतंकी संगठन कैसे दुनियाभर के लिए खतरा बनते जा रहे हैं.
लगभग सवा साल पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक मुल्क बताया था. बाइडेन ने कहा था, 'मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है- पाकिस्तान. उसके पास बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं.'
150 से ज्यादा आतंकी संगठन या आतंकवादी पाकिस्तान में
पाकिस्तान आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित देशों में से हैं. संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेजों के मुताबिक, 150 से ज्यादा आतंकी संगठन या आतंकवादी पाकिस्तान में मौजूद हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पिछले साल बताया था कि उसने पाकिस्तान में मौजूद 150 से ज्यादा आतंकी संगठन और आतंकियों को ब्लैकलिस्ट में डाल रखा है. इसमें हाफिज सईद, जकी-उर रहमान लखवी, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र आतंकी संगठन या आतंकवादी को जिस लिस्ट में डालती है, उसे 1267 आईएसआईएल (दाएश) या अल-कायदा समिति कहा जाता है. इस लिस्ट में किसी व्यक्ति या संगठन का नाम तभी जोड़ा जाता है, जब उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत हों.
पाकिस्तान के हर प्रांत में हैं आतंकी संगठन
साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (SATP) के मुताबिक, पूरे पाकिस्तान में आतंकी संगठन और आतंकवादी फैले हुए हैं. एक भी प्रांत ऐसा नहीं है, जहां कोई आतंकी संगठन न हो.
दिसंबर 2023 में अमेरिकी संसद में पेश एक दस्तावेज में बताया गया था कि पाकिस्तान में पांच तरह के आतंकी संगठन काम करते हैं. पहला- जो दुनियाभर में हमले करते हैं. दूसरा- अफगानिस्तान में हमले करते हैं. तीसरा- कश्मीर में हमले करते हैं. चौथा- पाकिस्तान में ही हमले करते हैं. और पांचवां- जो शिया बहुल इलाकों पर हमले करते हैं.
पाकिस्तान के वो बड़े आतंकी संगठन, जो बने खतरा
दुनिया के लिएः-
1. अल-कायदाः 1988 में ओसामा बिन लादेन ने इसे शुरू किया. 1999 में इसे आतंकी संगठन घोषित किया गया. अमेरिका में 9/11 हमला करने के बाद मई 2011 में अमेरिका की स्पेशल फोर्स ने ओसामा बिन लादेन को घर में घुसकर मार दिया था. उसके बाद अयामान अल-जवाहिरी इसका मुखिया बना, जिसे 2022 में अमेरिकी सेना ने मार गिराया.
2. अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंटः साल 2014 में आसिम उमर नाम के आतंकी ने इसे शुरू किया. आसिम उमर भारतीय था, जिसे अमेरिका और अफगानिस्तान की सेना के ज्वॉइंट ऑपरेशन में मार दिया गया था. इसे 2016 में वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया था.
3. इस्लामिक स्टेट खोरासनः इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से जुड़ा हुआ है. 2015 में अफगानिस्तान में ये संगठन शुरू हुआ और 2016 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया. इसमें लगभग 5 हजार से ज्यादा आतंकी शामिल हैं. ज्यादातर आतंकी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान से जुड़े हुए थे. ये मुख्य रूप से अफगानिस्तान का है, लेकिन पाकिस्तान में भी इसके ठिकाने हैं.
अफगानिस्तान के लिएः-
1. अफगान तालिबानः 1990 के दशक में ये संगठन उभरा. मुल्ला उमर ने लंबे समय तक इसकी कमान संभाली. 2013 में मुल्ला उमर मारा गया था. 1996 से 2001 तक तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभाली. ये संगठन पाकिस्तान के बलूचिस्तान, कराची और पेशावर में भी एक्टिव है. हैबतुल्लाह अखुंदजादा अभी इसका मुखिया है. अगस्त 2021 से तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज है.
2. हक्कानी नेटवर्कः 1980 के दशक में जलालउद्दीन हक्कानी ने इस संगठन की शुरुआत की थी. 2012 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया. 2001 में जलालउद्दीन और उसका बेटा सिराजुद्दीन पाकिस्तान से अफगानिस्तान आ गए. अमेरिका ने कई बार हक्कानी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के बीच लिंक होने का दावा किया है, लेकिन पाकिस्तान इसे खारिज करता रहा है.
कश्मीर के लिएः-
1. लश्कर-ए-तैयबाः 1980 के दशक में ही इसकी शुरुआत हुई थी. 2001 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया. इसे जमात-उद-दावा नाम से भी जाना जाता है. हाफिज सईद इसका सरगना है. ये संगठन कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है. 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही था. हाफिज सईद को यूएन ने ब्लैकलिस्ट में डाल रखा है.
2. जैश-ए-मोहम्मदः साल 2000 में मसूद अजहर ने इसे शुरू किया और अगले ही साल इसे वैश्विक आतंकी संगठन की लिस्ट में डाल दिया गया. 2001 में संसद पर हुए हमले में जैश के आतंकियों का ही हाथ था. जैश के सैकड़ों आतंकी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे हुए हैं. जैश अमेरिका के खिलाफ जंग का खुला ऐलान भी कर चुका है.
3. हरकत-उल जिहाद इस्लामीः 1990 के दशक में सोवियत सेना से लड़ने के लिए अफगानिस्तान में इस संगठन की शुरुआत हुई थी. अब ये संगठन आतंकियों को ट्रेनिंग देता है. इसे 2010 में वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया था. ये संगठन पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में एक्टिव है. ये कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता है.
4. हरकत उल-मुजाहिद्दीनः 1997 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया था. ये पीओके यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक्टिव है और कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देता है. 1999 में भारत के एक यात्री विमान को इसी संगठन के आतंकियों ने हाईजैक किया था.
5. हिजबुल मुजाहिद्दीनः 1989 में इसकी शुरुआत हुई थी. 2017 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया. पीओके से चलने वाले ये सबसे बड़ा और सबसे पुराना आतंकी संगठन है. ये कश्मीर के स्थानीय युवाओं को भड़काता है और अपने संगठन में शामिल करता है. हिजबुल को पाकिस्तान से ही फंडिंग मिलती है.
भारत के ये दुश्मन भी पाकिस्तान में
1. हाफिज सईदः 5 जून 1950 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा में पैदा हुआ. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का मुखिया है. 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को वैश्वक आतंकी घोषित किया था. हाफिज सईद भारत में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है. 22 दिसंबर 2000 का लाल किला हमला, 1 जनवरी 2008 का रामपुर हमला, 26 नवंबर 2008 का मुंबई हमला, 5 अगस्त 2015 को जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के काफिले पर हमले में उसका हाथ रहा है. इतना ही नहीं, हाफिज सईद पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश रचने, आतंकी घटनाओं को अंजाम देने और टेरर फंडिंग का आरोप है.
2. दाऊद इब्राहिमः अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का जन्म 26 दिसंबर 1955 को मुंबई में हुआ था. वो भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों में आतंकी हमलों को अंजाम देने, टेरर फंडिंग करने, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करने जैसे अपराधों में शामिल रहा है. मार्च 1993 में दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों ने मुंबई में सीरियल ब्लास्ट किए थे. इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इसके बाद ही दाऊद भारत से भाग गया था. संयुक्त राष्ट्र ने 2003 में दाऊद इब्राहिम को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाला था. 22 अगस्त 2020 को पाकिस्तान ने भी माना था कि दाऊद कराची में रहता है. वो जिस बिल्डिंग में रहता है, उसका नाम 'व्हाइट हाउस' है. उसका हाउस नंबर 37-30 स्ट्रीट है. हालांकि, एक दिन बाद ही पाकिस्तान इस बात से पलट गया था.
3. मसूद अजहरः 10 जुलाई 1988 को पैदा हुआ मसूद अजहर पाकिस्तान की जमीन से जैश-ए-मोहम्मद नाम का आतंकी संगठन चलाता है. इस संगठन ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. 1 मई 2019 को संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. अक्टूबर 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में हमला, दिसंबर 2001 का संसद हमला, जनवरी 2016 में पठानकोट में हमला जैश के आतंकियों ने ही किया था. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद भारत ने बालाकोट में जैश के ठिकाने पर एयरस्ट्राइक की थी.
4. जकी-उर-रहमान लखवीः हाफिज सईद का करीबी जकी-उर-रहमान लखवी लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर और संस्थापक सदस्यों में रहा है. 26/11 के मुंबई हमलों में भी लखवी का हाथ रहा है. दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने लखवी को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. हाफिज सईद के साथ ही लखवी भी लाल किला हमला, रामपुर हमला और बीएसएफ के काफिले पर हमले में शामिल रहा है. मुंबई हमले में भूमिका होने पर अगस्त 2009 को लखवी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, लखवी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और ओकारा जिले में रहता है.
5. अब्दुल रहमान मक्कीः अब्दुल रहमान मक्की को जनवरी 2023 में ही संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है. वो हाफिज सईद का साला है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है. वो लश्कर की राजनीतिक विंग जमाद-उद-दावा का भी चीफ है. वो लश्कर के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का भी हेड रहा है. मक्की लश्कर के लिए धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में, खासकर जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए जाना जाता है. मक्की का जन्म 10 दिसंबर 1954 को हुआ था. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में तय्यैबा मरकज के पास रहता है.
ISI फैला रही आतंक का नेटवर्क!
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंक का नेटवर्क तैयार कर रही है. चाहे कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाना हो या फिर पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों को तैयार करना, सबके पीछे आईएसआई का ही दिमाग है.
आईएसआई पर तालिबान का समर्थन करने और अफगानिस्तान और कश्मीर में लड़ने के लिए मुजाहिदिनों की भर्ती करने और ट्रेनिंग देने का आरोप भी है. जुलाई 2008 में काबुल में भारतीय एंबेसी पर हमला हुआ था. अमेरिकी अधिकारियों ने खुफिया इनपुट के आधार पर दावा किया था कि इस हमले के पीछे आईएसआई का हाथ था.
अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया था कि पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है.
इतना ही नहीं, अमेरिका की ग्वांतानामो बे जेल में बंद कई आतंकियों ने पूछताछ में ये भी खुलासा किया था कि उन्हें कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने के लिए आईएसआई से मदद मिली थी.
खुद के पाले सांप भी काट रहे अब पाकिस्तान को
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने सालों पहले पाकिस्तान को लेकर एक बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'अगर अपने घर के बैकयार्ड में सांप पाल रहे हैं तो आप उनसे ये उम्मीद नहीं रख सकते कि वो सिर्फ आपके पड़ोसियों को काटेंगे. आखिरकार, वो सांप उन्हें काटेंगे, जो उन्हें पाल रहे हैं.'
क्लिंटन की ये बात पाकिस्तान के लिए कुछ सालों में सच भी होती दिख रही है. दुनियाभर के आतंकियों के लिए 'सेफ हेवन' बन चुका पाकिस्तान अब आतंकवाद से खुद भी जूझ रहा है.
वहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान कुछ सालों से खतरनाक आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है. तहरीक-ए-तालिबान की वजह से पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं तेजी से बढ़ गईं हैं. टीटीपी 2007 में बना था और 2008 में पाकिस्तानी सरकार ने इसे बैन कर दिया.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल पाकिस्तान में 789 आतंकी हमले हुए थे, जिसमें एक हजार से ज्यादा आम नागरिकों और सुरक्षाबल मारे गए थे.