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क्या पेजर ब्लास्ट में गई थी ईरान के पूर्व राष्ट्रपति की जान, क्यों लग रही अटकलें, रईसी का जाना क्यों बड़ा झटका?

लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों पर हुए पेजर अटैक के बीच ईरान में अलग ही चर्चा जोर पकड़ चुकी. वहां के एक सांसद ने दावा किया कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत भी पेजर ब्लास्ट से हुई थी. इसी मई में हेलीकॉप्टर क्रैश होने से रईसी की जान गई थी. इसके बाद अटकलें लगने लगीं कि ये हादसा नहीं, साजिश है जिसमें इजरायल का हाथ है.

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ईरान के पूर्व इब्राहिम रईसी मई में हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए थे.  (Photo- AFP)
ईरान के पूर्व इब्राहिम रईसी मई में हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए थे. (Photo- AFP)

करीब चार महीने पहले ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी. अब एक ईरानी सांसद अहमद बख्शयेश अर्देस्तान ने आरोप लगाया कि इजरायल ने ही पेजर अटैक करके उनके नेता की जान ली है. ये दावा ऐसे समय पर आया है, जब लेबनान में हिजबुल्लाह मिलिटेंट पर सीरियल अटैक के तार भी इजरायल से जोड़े जा रहे हैं. बीते हफ्ते लगातार दो दिनों तक हुए हमले में हिजबुल्लाह सदस्यों के पेजर और वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुए, जिसमें लगभग 40 मौतें हो चुकीं, जबकि हजारों लोग घायल हैं. 

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इस सांसद ने दी हवा 

हिजबुल्लाह पर हुए हमलों के बारे अब तक ये साफ नहीं हो सका कि हमले असल में किसने करवाए. लेबनान और ईरान लगातार आरोप लगा रहे हैं कि ये साजिश मोसाद के दिमाग की उपज है. इसी बीच ईरानी सांसद के बयान ने सनसनी फैला दी, जिसके मुताबिक देश के राष्ट्रपति रईसी की मौत के पीछे भी पेजर ही रहा होगा. अर्देस्तान ने एक बड़े ईरानी मीडिया हाउस से बात करते हुए आशंका जताई कि पहले उनके पेजर में विस्फोट हुआ होगा, जिससे हेलीकॉप्टर भी दुघर्टनाग्रस्त हो गया होगा. कथित तौर पर रईसी भी पेजर का इस्तेमाल करते थे. 

क्यों होने लगी चर्चा

रईसी की मौत में पेजर एंगल हिजबुल्लाह पर हुए हमलों के बाद आया. दरअसल हुआ यह कि इसके तुरंत बाद भूतपूर्व राष्ट्रपति की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें रईसी की टेबल पर एक पेजर नजर आ रहा था. यानी वे भी पेजर का उपयोग करते रहे थे. इसके बाद ही ये सारे डॉट्स जोड़ते हुए नए दावे होने लगे. 

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iran mp alleges pager angle to president ebrahim raisi death amid lebanon blast israel photo- AFP

कैसे हुई थी मौत, जांच में क्या कहा गया

ईरानी प्रेसिडेंट रईसी की मौत इसी साल 19 मई को एक हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई थी. आधिकारिक जांच में खराब मौसम को इसकी वजह बताया गया. वहीं देश के भीतर अलग ही चर्चा थी. नेताओं से लेकर आम लोग अटकलें लगा रहे थे कि इसमें इजरायल का हाथ रहा होगा. लेकिन जांच अधिकारियों ने इसे अफवाह मानते हुए कहा कि हेलीकॉप्टर में सबकुछ चाक-चौबंद था, चूक की कोई गुंजाइश नहीं थी, ये मौसम के चलते हुआ हादसा ही था. हालांकि इसके बाद भी अटकलें और गुस्सा बना रहा, जिसे अब हवा दी जा रही है. 

क्यों रईसी की मौत देश के लिए बड़ा नुकसान 

राष्ट्रपति को अकेले पॉलिटिकल लीडर के तौर पर नहीं, बल्कि देश धार्मिक नेता के तौर पर भी देख रहा था, यानी आगे चलकर वे अयातुल्ला अली खामनेई के उत्तराधिकारी थे. बता दें कि खामनेई ईरान के सुप्रीम लीडर हैं, जिनके पास राष्ट्रपति से भी ज्यादा पावर है. वे सेना और अदालत से लेकर देश की फॉरेन पॉलिसी पर भी दखल रखते हैं. 

इस देश में इस्लामिक कानून है, जिसके चलते धर्मगुरु की हैसियत सबसे ऊपर है. चूंकि रईसी भी इस्लामिक कानूनों को लेकर खासे कट्टर रहे, साथ ही वे इजरायल से भी नाराजगी दिखाते रहे, लिहाजा उन्हें खामनेई का सहज उत्तराधिकारी माना जाने लगा था. वैसे ईरान में इकनॉमिक दिक्कतों के बाद उनकी लोकप्रियता में कमी भी आने लगी थी, लेकिन बड़ा तबका उनसे जुड़ा हुआ था. 

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iran mp alleges pager angle to president ebrahim raisi death amid lebanon blast israel photo AP

नई सरकार को पश्चिम के करीब माना जा रहा 

रईसी की मौत के बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव हुए, जिसमें सुधारवादी मसूद पेजेशकियान चुनकर आए. आते ही उन्होंने वादा कर दिया कि वे देश को पश्चिम, खासकर अमेरिका से जोड़ेंगे. ये वादा ईरान के कट्टरपंथी समुदाय के लिए अपने में बड़ा झटका है. ईरान और अमेरिका दशकों से बैर रखते चले आ रहे हैं और वहां राजनैतिक या धार्मिक नेताओं का काम ही इस दूरी को बनाए रखना है. तो कुल मिलाकर नए राष्ट्रपति तो आगे चलकर किसी भी तरह सुप्रीम लीडर के पद पर नहीं आ सकते. तब खामनेई का उत्तराधिकारी कौन होगा?

अंदाजा लगाय जा रहा है कि खामनेई के बेटे अयातुल्लाह उनके बाद देश के रहबर हो सकते हैं. लेकिन ईरान के लोगों में इसे लेकर ज्यादा भरोसा नहीं. अयातुल्लाह के पास राजनैतिक तजुर्बा कम है, साथ ही इससे ये भी हो सकता है कि परिवारवाद पनपने लगे, यानी सारी ताकत खामनेई परिवार के पास ही रह जाए. 

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