गाजा पर शासन कर रहे आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायली सीमा पर हमला कर हजारों जानें ले लीं, साथ ही 253 लोगों को बंधक बना लिया. इसके बाद से इजरायल गाजा पट्टी पर हमलावर है. वो बंधकों को वापस चाहता है लेकिन हमास कई ऐसी शर्तें रखा रहा है जो उसे मंजूर नहीं. इस रस्साकशी के बीच हमास की कैद में रहते लोगों को 2 सौ से ज्यादा दिन बीत चुके. अब बंधकों का नया वीडियो जारी हुआ है.
क्या है ताजा वीडियो में
इसमें दो इजरायली बंधक हैं, जिनकी पहचान 64 साल के कीथ सीगल और 47 साल के ओमरी मिरान के तौर पर हुई. वे अपने परिवारों को याद कर करते हुए काफी भावुक नजर आ रहे हैं. साथ ही रिहाई की फरियाद करते हुए इजरायली हमले को रोकने की मांग कर रहे हैं. एक बंधक कीथ सीगल ने हवाई हमले के दौरान बंधकों की जान को खतरा बताया.
ये वीडियो हमास ने तब जारी किया, जब बंधकों में से कई के मृत होने की आशंका जताई जा रही थी. इसके साथ ही रिहाई की मांग इंटरनेशनल स्तर पर दोबारा जोर पकड़ चुकी.
18 देशों ने की हमास से अपील
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, होस्टेजेस को वापस पाने के लिए अमेरिका समेत 17 देशों ने एक अपील की है. इनमें कनाडा, कोलंबिया, डेनमार्क, जर्मनी, हंगरी, पोलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, ब्रिटेन और थाइलैंड समेत वे सारे देश हैं, जिनके लोग हमास के कब्जे में हैं. आतंकियों ने अक्टूबर में 253 लोगों को बंधक बनाया था, जिसमें से 129 अब भी उन्हीं के पास हैं.
क्या वादा कर रहे देश
सभी प्रभावित देशों ने कहा कि अगर होस्टेज रिहा कर दिए जाएं तो गाजा में तत्काल सीजफायर होगा, जो लंबे समय तक के लिए रहेगा. साथ ही गाजवासी अपने घरों, अपनी जमीनों पर वापस लौट सकेंगे. उन्हें शेल्टर और बाकी मानवीय मदद दी जाएगी. इस अपील के जवाब में हमास लीडर अबू जुहरी ने कहा कि हमास किसी बहकावे में नहीं आएगा. अमेरिका सबसे पहले इजरायल को शांत करे.
बंधकों को छुड़ाने की क्या कोशिशें हो चुकीं
पिछले साल नवंबर में भी एक्शन हुआ था. देशों ने हमास से कहा था वो बुजुर्ग, बच्चों, बीमार और जख्मी बंधकों को छोड़ दे. इसके बदले कुछ दिनों का सीजफायर हुआ था. इजरायल के 240 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने के बदले 80 बंधक रिहा हुए थे.
इजरायल ने किए नए वादे
- हमास 33 बंधकों को रिहा कर दे, बदले में फिलिस्तीनी कैदियों को जेल से छोड़ा जाएगा.
- कुछ समय के लिए शांति की बात भी इजरायल के प्रस्ताव में है.
- इजरायली सरकार गाजा पट्टी पर लोगों के लौटने को मंजूरी दे सकती है.
- नेतन्याहू अपनी सेना को मिलिट्री कॉरिडोर से हटाने पर 'विचार' कर सकते हैं.
क्या चाहता है हमास
वो गाजा में पूरी तरह युद्धविराम चाहता है, जबकि इजरायल समेत कोई भी देश कम्प्लीट सीजफायर की बात नहीं कर रहा. साथ ही हमास की मांग है कि इजरायल अपनी आर्मी वहां से हटा ले. ये अब तक के किए-कराए पर पानी फेरने जैसा है. चूंकि गाजा पट्टी हमास की जमीन है, तो फिलहाल इजरायल सरकार वहां से पूरी तरह सेना हटाने के पक्ष में नहीं दिख रही.
बन चुके फोरम
बंधकों को वापस पाने के लिए परिवार भी हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. वे अपनी सरकारों पर दबाव बना रहे हैं. इजरायल में ही सरकार के खिलाफ कई प्रोटेस्ट हो चुके. एक फोरम भी बना है- होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम. ये केवल बंधकों को रिहा करवाने की बात नहीं कर रहा, बल्कि हमास के हमले के बाद गुमशुदा लोगों की भी तलाश कर रहा है. बता दें कि अक्टूबर में हुए हमले के बाद से 341 लोग मिसिंग है. किसी को नहीं पता कि वे जिंदा भी हैं या नहीं. इजरायल के भीतर ही नहीं, इन लोगों को अमेरिका से लेकर कई देशों में खोजा जा रहा है. इसके लिए भारी फंडिंग भी हो चुकी. सोशल प्लेटफॉर्म पर ब्रिंगदेमबैक जैसे हैशटैग चल रहे हैं.
कहां हैं ये बंधक?
इजरायल का कहना है कि हमास के लड़ाके नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी ले गए हैं. हालांकि, इन्हें कहां रखा गया है, इसकी सटीक लोकेशन नहीं मिली है. इसी कारण इनका रेस्क्यू करने में दिक्कत आ रही है. ऐसा माना जा रहा है कि कई सारे बंधकों को हमास ने गाजा पट्टी की सुरंगों में रखा है. इन सुरंगों को इजरायली सेना 'गाजा मेट्रो' कहती है. अब ताजा वीडियो में एक बंधक ने खुद को इजरायली हवाई हमलों से खतरा बताया. माना जा रहा है कि ऐसा हमास ने अपने-आप को तबाह होने से बचाने के लिए किया है.
क्या हमास पर भरोसा किया जा सकता है!
हमास का इजरायली सीमा से आम लोगों को पकड़कर बंधक बनाने का तरीका पुराना है. इसमें सबसे चर्चित मामला पूर्व इजरायली सैनिक गिलाद शालिट के एक्सचेंज का था. उन्हें जून 2006 में हमास ने बंधक बना लिया था. गिलाद अगले 5 सालों तक आतंकियों की कैद में रहे. इजरायली सरकार लगातार बात करती रही. आखिरकार साल 2011 में हमास ने सैनिक को रिहा कर दिया, लेकिन इसके बदले उसे हमास के 1,027 कैदी छोड़ने पड़े थे. इनमें से ज्यादातर फिलिस्तीनी या अरब-इजरायली थे, जबकि कुछ सीरिया और जॉर्डन के भी थे. ये फैसला घातक साबित हुआ. ज्यादातर ने बाहर आकर फिर से ज्यूइश देश के खिलाफ साजिशें शुरू कर दीं.
सैनिकों के मृत शरीर को भी कब्जे में रखा
हमास की बर्बरता यहीं खत्म नहीं होती. साल 2014 में उसने इजरायल के सैनिकों को मारकर उनका शरीर भी अपने पास रख लिया. परिवार लगातार रोता रहा. इजरायल ने कई बार उन्हें लौटाने की डिमांड की, लेकिन हमास ने उसे लौटाने से इनकार कर दिया.