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स्नाइपर, एंटी-टैंक मिसाइल और सुरंग का इस्तेमाल... इजरायल में कत्लेआम मचा रही हमास की नुखबा फोर्स कितनी खतरनाक?

Hamas al-Nukhba Force: सात अक्टूबर को हमलों के बाद इजरायली सेना ने हमास पर एक्शन शुरू कर दिया है. गुरुवार को इजरायली सेना ने हमास से जुड़ी नुखबा फोर्स को टारगेट किया. नुखबा बेहद खतरनाक फोर्स है, जिसने पहले भी इजरायली सेना पर सफल हमले किए हैं.

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नुखबा फोर्स हमास से ही जुड़ी है.
नुखबा फोर्स हमास से ही जुड़ी है.

Hamas al-Nukhba Forces: इजरायल और हमास में हफ्तेभर से जंग जारी है. इस जंग के बीच अब एक नई फोर्स का नाम सामने आ गया है और वो है 'नुखबा फोर्स'. ये फिलिस्तीन के संगठन हमास से ही जुड़ी है.

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नुखबा फोर्स के खिलाफ अब इजरायली सेना ने ऑपरेशन तेज कर दिया है. इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने बताया कि अब नुखबा को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमलों में नुखबा फोर्स का ही हाथ था.

'अल-नुखबा' असल में अरबी शब्द है, जिसका मतलब 'एलिट' यानी 'कुलीन' है. नुखबा फोर्स हमास की मिलिट्री विंग इज्ज अल-दीन अल-कसम में आने वाली फाइटिंग यूनिट है.

हमास लड़ाकों की नुखबा फोर्स में ट्रेन्ड और एक्सपीरियंस्ड लड़ाके शामिल हैं, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार होते हैं.

कितनी खतरनाक है नुखबा?

इजरायली सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नुखबा फोर्स में हमास के ऐसे लड़ाके होते हैं जो घात लगाकर हमला देने में माहिर हैं. साथ ही सुरंग बनाकर घुसपैठ भी करते हैं. 

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इजरायली सेना ने बताया कि नुखबा फोर्स से जुड़े लड़ाके एंटी-टैंक मिसाइलों, रॉकेट और स्नाइपर का इस्तेमाल भी करना बखूबी जानते हैं.

इजरायल पर घात लगाकर हमले करने के अलावा नुखबा फोर्स के लड़के हमास नेताओं और ठिकानों की सुरक्षा भी संभालते हैं. नुखबा फोर्स के लड़ाकों को बंधक बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है.

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ऐसी होती है ट्रेनिंग

नुखबा फोर्स के लड़ाकों की ट्रेनिंग भी बहुत सख्त होती है. उन्हें हथियार और विस्फोटकों को संभालने की खास ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही स्कूबा डायविंग और हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट के लिए भी तैयार किया जाता है.

जमीन पर नुखबा फोर्स के लड़ाके असॉल्ट राइफल्स, स्नाइपर राइफल्स और मशीन गन से लैस होते हैं. इतना ही नहीं, उनके पास रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड और एंटी-टैंक मिसाइलें भी होती हैं. 

बढ़ी रही है नुखबा के लड़ाकों की संख्या

हमास की अल-नुखबा यूनिट 2014 में गाजा युद्ध में भी शामिल रही थी. उस समय इसके लड़ाकों ने इजरायली सेना पर कई सारे सफल हमले किए थे.

इसके बाद इजरायली सेना ने 'ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज' चलाया था. इस ऑपरेशन में नुखबा के कई लड़ाई मारे गए थे.

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हाल के सालों में अल-नुखबा के लड़ाकों की संख्या तेजी से बढ़ी है. साथ ही साथ उनकी क्षमताएं भी बढ़ी हैं. इसने अल-नुखबा को हमास की अहम यूनिट बना दिया है. हालांकि, अल-नुखबा के कई लड़ाके आईएसआईएस के हाथों मारे गए हैं.

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फैला रखा है सुरंग का नेटवर्क

इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने बताया था कि हमास ने अंडरग्राउंड टनल का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा है. 

आईडीएफ के मुताबिक, 2007 में गाजा पट्टी पर कब्जा करने के बाद से हमास के लड़ाके इन सुरंगों का इस्तेमाल गाजा सिटी से गाजा पट्टी के बाकी इलाकों में आने-जाने के लिए करते हैं.

फोर्स ने बताया था कि इन सुरंगों के जरिए हमास और नुखबा के लड़ाके हमलों को अंजाम भी देते हैं. आईडीएफ अब इन सुरंगों को निशाना बना रही है.

क्या है हमास?

फिलिस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी संगठन है. 1987 में बना था. इस्माइल हानियेह इसका मुखिया है. इजरायल के अलावा अमेरिका समेत कई देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित करके रखा है. 

2007 से हमास का गाजा पट्टी पर दबदबा है. अरसे से हमास इजरायल पर हमले करते रहा है. हमास का सबसे ज्यादा समर्थन ईरान करता है. ईरान से ही हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग होती है.

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