scorecardresearch
 

हमास का 500KM वाला वो जाल... जानें- गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन से क्यों बच रहा इजरायल

इजरायल और फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. इस बीच इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में जमीनी ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है. हालांकि, इजरायली सेना के लिए सबसे बड़ी मुसीबत हमास की सुरंगें हैं. जानते हैं कि हमास ने इन सुरंगों को कैसे तैयार किया? क्यों इजरायली सेना के लिए हैं ये बड़ी मुसीबत?

Advertisement
X
हमास ने गाजा पट्टी में 500 किलोमीटर का सुरंगों का नेटवर्क बना रखा है.
हमास ने गाजा पट्टी में 500 किलोमीटर का सुरंगों का नेटवर्क बना रखा है.

गाजा पट्टी के नीचे एक और शहर बसा हुआ है. ये नजरों से नजर नहीं आता है. और वो है 500 किलोमीटर में फैला 1300 सुरंगों का नेटवर्क.

Advertisement

आमतौर पर ये सुरंगें 30 मीटर तक गहरी होती हैं. लेकिन कुछ-कुछ सुरंगें 70 मीटर तक गहरी हैं. इन सुरंगों को इजरायली बमबारी से बचाने के लिए मजबूत कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है. इन सुरंगों में बिजली भी है.

यही सुरंगें अब इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गईं हैं. सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायली सेना इन्हीं सुरंगों के कारण गाजा पट्टी पर जमीनी हमला करने से बच रही है. 

माना जा रहा है कि हमास ने जिन 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाया है, उन्हीं गाजा में इन्हीं सुरंगों में रखा गया है. 

सुरंगें कैसे बनेंगी मुसीबत?

घने शहरी इलाकों में बनीं ये सुरंगें इजरायली सेना का काम और मुश्किल कर रहीं हैं. इन सुरंगों से हमास के लड़ाकों को इजरायली बमबारी और गोलीबारी से बचने का फायदा तो मिलेगा ही मिलेगा. साथ ही वो इजरायली सेना के पैरों के नीचे से पलभर में गायब भी हो सकते हैं और चकमा दे सकते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब ये लड़ाई थ्री-डायमेंशनल हो गई है.

Advertisement

मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में अर्बन वॉरफेयर स्टडीज के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर लिखते हैं, 'अगर इजरायली सेना गाजा पट्टी में जमीनी लड़ाई शुरू करती है तो उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती हमास की ये सुरंगें ही होंगी.'

जॉन स्पेंसर के मुताबिक, 'हमास के लड़ाके इन सुरंगों का इस्तेमाल इजरायली सेना की कार्रवाई से खुद को बचाने, वहां से भाग निकलने और फिर हमला कर दोबारा सुरंगों में लौटने के लिए कर सकते हैं.'

लोगों के लिए भी हैं बड़ा खतरा

हमास की बनाई इन सुरंगों को 'गाजा मेट्रो' भी कहा जाता है. ये सुरंगें गाजा की सीमा के दोनों ओर नागरिकों के लिए भी बड़ा खतरा हैं.

अगर हमास के लड़ाके इन सुरंगों का इस्तेमाल इजरायल में घुसपैठ करने और वहां के लोगों को मारने या किडनैप करने के लिए करते हैं तो जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना गाजा पर हमला करेगी. 

मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट से जुड़े डैफने रिचमोंड-बराक ने एबीसी न्यूज लाइव को बताया, 'ये सुरंगें गाजा सीमा के दोनों ओर के नागरिकों के लिए बड़ा खतरा हैं. ये सुरंगें स्कूल, मस्जिद और घरों में खुलती हैं. इन्हें हमास ने रणनीति के तहत बनाया है.'

इजरायली डिफेंस फोर्स का कहना है कि 'घनी आबादी वाले इलाकों के नीचे सुरंग बनाकर हमाज गाजा की फिलीस्तीनी आबादी का शोषण करता है. कई बार, इन सुरंगों की पहुंच स्कूलों, मस्जिदों, अस्पतालों और दूसरी रिहायशी इमारतों तक होती है.' इजरायली सेना का कहना है कि हमास ने जानबूझकर इन सुरंगों को रिहायशी इलाकों के बीचों-बीच बनाया है.

Advertisement

हमास ने इन सुरंगों को कैसे बनाया?

शुरुआत में इन सुरंगों के जरिए वियाग्रा से लेकर रेफ्रिजरेटर तक और ईंधन की तस्करी की जाती थी. सुरंगों का ये नेटवर्क हमास के लिए उसके कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, आर्म्स स्टोरहाउस और उसके नेताओं के लिए घर की तरह काम करता है.

डैफने रिचमोंड-बराक का कहना है कि हमास ने इजरायल में घुसपैठ के लिए जो सुरंगें बनाई हैं, वो गाजा में बनी सुरंगों से अलग हैं.

उन्होंने बताया, 'गाजा की इन सुरंगों में हमास का पूरा मिलिट्री सिस्टम मौजूद है. एक सेना से आप जो भी उम्मीद करते हैं, वो सबकुछ इन सुरंगों में है. गोला-बारूद और रॉकेट से लेकर हमास की लीडरशिप के लिए क्वार्टर और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर तक यहां मौजूद है.'

उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि हमास ने अलेप्पों में सीरियाई विद्रोहियों और इराक के मोसुल में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों को देखकर अपनी सुरंगें बनाईं हैं.

हमास की इन सुरंगों को अब 'गाजा मेट्रो' के नाम से जाना जाता है. इनका निर्माण दशकों से किया जा रहा था. लेकिन 2005 में इजरायली सेना की वापसी के बाद सुरंग बनाने के काम में तेजी आ गई.

रिचमोंड-बराक के मुताबिक, कुछ सुरंगों को इजरायली हमलों से बचाने के लिए कंक्रीट से बनाया गया है. इनमें बिजली और वेंटिलेशन की सुविधा भी है. सुरंगों के इस नेटवर्क में हथियारों को लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी है.

Advertisement
गाजा में 2005 के बाद से सुरंग बनाने के काम में तेजी आ गई. (फाइल फोटो- गेटी)

सुरंग बनाने में कितना खर्च?

2013 में आई गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में इन सुरंगों को बनाने में 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक काम में लगे थे. 2014 में ही एक मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना को इन सुरंगों के बारे में पता चला था.

2021 में इजरायली सेना ने 11 दिन की कार्रवाई में 100 किलोमीटर की सुरंगों को तबाह करने का दावा किया था. हालांकि, हमास का दावा था कि सिर्फ सुरंगों का 5 फीसदी नेटवर्क ही डैमेज हुआ है.

आईडीएफ के मुताबिक, एक सुरंग बनाने में करीब 3 मिलियन डॉलर का खर्च आता है. आईडीएफ का दावा है कि इजरायल की ओर से गाजा में सिविलियल कंस्ट्रक्शन के लिए जो सामान भेजा जाता है, उसी से हमास इन सुरंगों को बनाता है.

आईडीएफ का कहना है कि हर महीने इजरायल गाजा में सिविल प्रोजेक्ट के लिए कंस्ट्रक्शन मटैरियल भेजता है, लेकिन हमास इससे सुरंगें बना रहा है.

हमास कैसे कर रहा इन सुरंगों का इस्तेमाल?

जॉन स्पेंसर का कहना है कि हमास ने अब तक इन सुरंगों खाना, पानी और जरूरत का सारा समान जमा कर लिया है. ये उसके हथियारों के भंडार से अलग है. 

Advertisement

उनका कहना है कि सुरंग में छिपे लड़ाकों को बहुत ज्यादा खतरा नहीं है, भले ही इजरायल इन पर हजारों पाउंड के बम ही क्यों न गिरा दे.

स्पेंसर का मानना है कि सुरंगों की मदद से हमास सरप्राइज अटैक को अंजाम दे सकता है. इसके लड़ाकों की छोटी टीम होगी जो ऊपर आएगी, हमला करेगी और फिर सुरंग में लौट जाएगी. इतना ही नहीं, रॉकेट ले जाने के लिए भी हमास इन सुरंगों का ही इस्तेमाल करता है.

इजरायल कैसे निपटेगा इससे?

हालांकि, इन सुरंगों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए इजरायली सेना के पास अपनी खास यूनिट है.

स्पेंसर का कहना है कि आईडीएफ की एक स्पेशल यूनिट है, जिसके कमांडो इन सुरंगों को खोजने और नष्ट करने में माहिर हैं. इस यूनिट के पास सुरंगों में लड़ने के लिए खास तरह के हथियार भी हैं.

इतना ही नहीं, इजरायली सेना के पास अपनी कैनाइन यूनिट 'ओकेट्ज' भी है, जिसमें कुत्तों को सुरंगों में काम करने के लिए ट्रेन्ड किया जाता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली सेना गाजा में इन सुरंगों में लड़ने के लिए खास तरह की ट्रेनिंग भी ले रही है. 

इसके अलावा, इजरायली सेना ने अब 'आयरन स्टिंग' को भी लगा दिया है, जिसकी रेंज एक से 12 किलोमीटर तक है. ये मजबूत से मजबूत कंक्रीट को भेद सकता है, जिसका इस्तेमाल हमास अपनी सुरंगों को सुरक्षित रखने में करता है.

Advertisement

स्पेंसर का कहना है कि गाजा में जमीन के अंदर बनाई गई इन सुरंगों की चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत ज्यादा समय की जरूरत है.

Live TV

Advertisement
Advertisement