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क्या Israel में अल्पसंख्यक बनकर रह जाएंगे यहूदी? जानें- क्यों घट रही इनकी आबादी

यहूदियों के पास एक ही देश है इजरायल. इसके अलावा उनकी कुछ आबादी अमेरिका, फ्रांस और पोलैंड जैसे देशों में बसी है. लेकिन अब इजरायल में भी यहूदी जनसंख्या तेजी से घट रही है. वहां देश की आजादी के बाद से ज्यूइश पॉपुलेशन रिकॉर्ड तौर पर घटी, जबकि मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में यहूदियों पर अपने ही देश में अल्पसंख्यक होने का खतरा मंडरा रहा है.

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इजरायल और हमास में लगातार संघर्ष चल रहा है. सांकेतिक फोटो (Unsplash)
इजरायल और हमास में लगातार संघर्ष चल रहा है. सांकेतिक फोटो (Unsplash)

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग लगातार खतरनाक रूप ले रही है. चरमपंथी गुट हमास की तरफ से कई ऐसे वीडियो आए, जो खुद उनकी बर्बरता की कहानी कहते हैं. एक तरफ तो एक्सट्रीमिस्ट गुट यहूदियों को गलत बताता है, दूसरी तरफ उसी धर्म को मानने वाले लोग इजरायल में आराम से रह रहे हैं. यहां तक कि बीते कुछ सालों के भीतर इजरायल के बॉर्डर इलाकों में उनकी संख्या तेजी से बढ़ी है. 

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क्या कहता है डेटा

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (CBS) के मुताबिक साल 2021 में पूरे देश में लगभग साढ़े 9 मिलियन लोग रह रहे थे. इनमें वेस्ट बैंक और गाजा में रह रहे लोग भी शामिल हैं. इनमें 6 मिलियन से ज्यादा ज्यूइश हैं, जबकि 2 मिलियन से ज्यादा मुस्लिम हैं. ये आंकड़ा सुनने में ठीक-ठाक लगता है लेकिन इसमें कई अजीब पैटर्न दिख रहे हैं. मसलन पेलेस्टिनियन ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स का कहना है कि वेस्ट बैंक में उनके 3 मिलियन, जबकि गाजा में 2 मिलियन लोग रह रहे हैं. इसे सही माना जाए तो 9 मिलियन के यहूदी देश में मुस्लिम आबादी करीब 5 मिलियन हो जाती है. 

हाइफा यूनिवर्सिटी का डेटा कहता है कि इजरायल में 7.45 मिलियन ज्यूइश हैं, जबकि  7.53 अरब इजरायली हैं, जो मेनलैंड के अलावा वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में रह रहे हैं. 

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jewish population decreasing in israel and palestine hamas and israel war photo Getty Images

मृत्युदर ज्यादा रही यहूदियों में

एक बड़ी समस्या ये है कि यहूदियों की मृत्युदर काफी ज्यादा रहती आई है. रिसर्च जर्नल टेलर एंड फ्रांसिस ने एक रिसर्च प्रकाशित की थी. वॉच आउट फॉर चिल्ड्रन नाम से छपे शोध में माना गया कि 19वीं सदी और 20वीं सदी की शुरुआत में यहूदियों में मृत्युदर सबसे ज्यादा रही. सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी ने भी यही माना था कि दुनिया में जितने भी समुदाय हैं, उनमें ज्यूइश कम्युनिटी में डेथ रेट ज्यादा दिखती रही. लेकिन शोध में इसकी वजहों पर ज्यादा बात नहीं दिखती, सिवाय नाजी दौर में हुए नरसंहार और उसकी बाद आई भटकन के. 

इसकी तुलना में मुस्लिम समुदाय ज्यादा फर्टाइल भी है, और मौत की दर भी कम है. इससे हो ये रहा है कि इजरायल से यहूदी कम होते दिख रहे हैं, जबकि मुस्लिम पॉपुलेशन तेजी से बढ़ रही है. 

क्या धर्म परिवर्तन हो रहा इनमें

कई इस्लामिक संगठन ये भी दावा करते हैं कि इजरायली यहूदी खुद ही मुस्लिम धर्म अपना रहे हैं. उनके अनुसार, साल 2003 में काफी सारे लोगों ने इस्लाम अपनाया और खुलकर सामने भी आए. इसके बाद से संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि मुस्लिम संगठनों के अलावा और कहीं भी ये बात नहीं दिखती, न ही इस किस्म का कोई सर्वे मिलता है. 

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jewish population decreasing in israel and palestine hamas and israel war photo Unsplash

CBS ने माना साल 2021 में पहली बार माना कि यहूदियों की आबादी में तेजी से गिरावट आई है. देश की आजादी के दौरान यानी 1948 में करीब  82.1% इजरायली यहूदी थे, जबकि 7 दशकों में ये संख्या 10 प्रतिशत तक गिर गई. 

शादी, विरासत जैसे मामलों में अलग कानून

यहूदियों के बाद इस देश में इजरायली अरब सबसे बड़ी जनसंख्या हैं. इनमें ज्यादातर सुन्नी मुस्लिम हैं. वे खुद को इजरायली नहीं मानते, बल्कि अपने लिए एक खास टर्म इस्तेमाल करते हैं- पेलेस्टीनियन इनसाइड (filasṭīniyyū al-dākhil) यानी इजरायल के भीतर रह रहे फिलिस्तीनी. देश में इनको समान अधिकार मिले हुए हैं, लेकिन शादी-ब्याह, विरासत जैसे निजी मामलों में इनका अलग कानून चलता है. 

और कहां रहते हैं यहूदी

दूसरे विश्व युद्ध से पहले हिटलर की क्रूरता से बचते हुए यहूदियों ने यूरोप छोड़ना शुरू किया और अमेरिका में पनाह ली. लंबे समय तक अमेरिका में इजरायल से ज्यादा ज्यूइश आबादी थी. हालांकि इजरायल बनने के बाद काफी सारे लोग वहां भी गए, तब भी इनकी संख्या वहां अच्छी-खासी रही. न्यूयॉर्क में ये दूसरी सबसे बड़ी आबादी हैं. इसके अलावा फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड और अर्जेंटिना जैसे देशों में भी लाखों की संख्या में यहूदी बसे हुए हैं. 

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