पिछले कुछ समय से मांग की जा रही थी कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को अगले चुनाव में भागीदारी नहीं करनी चाहिए. इस डिमांड के पीछे भी खास वजह थी. 80 पार के बाइडेन कन्फ्यूज दिख रहे थे. उनके हाथों के मूवमेंट और चलने-फिरने पर भी कंट्रोल न होने के कई वीडियो वायरल होते रहे. इस बीच हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट ने साफ कर दिया कि बाइडेन वाकई पद के लिए उतने मजबूत नहीं. रविवार को खुद ही उन्होंने उम्मीदवारी से हटने की बात कह दी. इसके बाद से कमला हैरिस का नाम रेस में शामिल हो चुका है, लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये काफी मुश्किल हो सकता है.
क्या हैरिस राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए चुनी जा चुकीं
नहीं. फिलहाल बाइडेन ने अपने विकल्प के तौर पर कमला का नाम जरूर सुझाया लेकिन ये ऑफिशियल नहीं है. ये भी दिख रहा है कि कई और प्रत्याशी हैं, जो पार्टी में अहम माने जाते हैं. यहां तक कि विकल्प के तौर पर ऐसे एक या दो नहीं, छह नाम लिए जाते रहे. अमेरिकी चुनाव की भाषा में समझें तो वे प्रेजंप्टिव नॉमिनी भी नहीं, यानी जिसके रेस में सबसे आगे होने का अनुमान हो. ये वो टर्म है, जो ऐसे शख्स के लिए इस्तेमाल होता है, जिसने प्राइमरी इलेक्शन में अपनी पार्टी में बहुमत पाया हो.
कौन ले सकता है बाइडेन की छोड़ी हुई जगह
निश्चित तौर पर हैरिस इसमें सबसे मजबूत दावेदार हैं, लेकिन कई और भी चेहरे हैं, जिनपर पार्टी दांव लगा सकती है. इनमें ज्यादातर लोग काफी बड़े उद्योगपति रह चुके हैं, जो पार्टी पर काफी पैसे लगाते रहे और वफादार भी रहे. कई महिलाएं भी हैं, जो गन लॉ, अबॉर्शन जैसे मुद्दे उठाकर लोकप्रिय हो चुकीं.
एक बात ये भी है कि दो टर्म तक राष्ट्रपति रह चुके बराक ओबामा अब भी पार्टी के भीतर दबदबा रखते हैं. ऐसे में ये भी हो सकता है कि काफी लोग ऐसे कैंडिडेट को सपोर्ट करें तो ओबामा लॉबी से हो. यहां बता दें कि ओबामा ने अब तक हैरिस के समर्थन में कुछ नहीं कहा.
कैसे चुना जाएगा नया दावेदार
बाइडेन के ही सपोर्ट से ये पक्का नहीं हो जाता कि हैरिस राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी. कैंडिडेट कौन होगा, इसे बाकायदा वोट से चुना जाता है. अगले महीने शिकागो में डेमोक्रेट्स की कन्वेंशन में ये फैसला होगा. पार्टी में कुल 3949 डेलीगेट्स हैं. जब बाइडेन रेस में थे, तो उन्हें 3886 वोट मिले थे.
क्या हो अगर हैरिस या किसी नाम पर सहमति न बने
ये स्थिति भी बन सकती है. अगर वोट इतने बंट जाएं कि किसी को भी बहुमत न मिल सके तब अगस्त की कन्वेंशन के बाद एक ओपन सम्मेलन होगा. इसमें सभी उम्मीदवार अपने पक्ष में समर्थन जुटाएंगे. जिसके पास ज्यादा लोग हो जाएं, वही पार्टी का आधिकारिक चेहरा होगा.
बाइडेन के जुटाए पार्टी फंड का क्या होने वाला है
चूंकि बाइडेन से खुद ही हैरिस का समर्थन किया, ऐसे में उनके लिए जुटा सारा पार्टी फंड कमला हैरिस के कैंपेन के लिए जा सकता है. हालांकि हैरिस को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी न मिलने पर ये रकम डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी में जा सकती है. इसके बाद अगस्त से लेकर नवंबर से पहले कैंडिडेट को अपने लिए फंड खुद जुटाना होगा.
कैसे होगी अगस्त में वोटिंग
डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य दो भागों में बंटे हुए हैं. एक हैं- सामान्य डेलीगेट्स. कुल 3,949 ये प्रतिनिधि पहले वोटिंग करेंगे. अगर इसके बाद भी किसी नाम पर सहमति न बने तो लगभग 7 सौ सुपर डेलीगेट्स भी प्रोसेस में शामिल हो जाएंगे. ये दूसरे दौर में मतदान करेंगे.
विवादों में रहता आया है इतिहास
कमला के नाम पर काफी सारे सीनियर डेमोक्रेट्स ने चुप्पी साध रखी है. इसमें अकेले बराक ओबामा नहीं, बल्कि अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी भी हैं. वे जो बाइडेन की खुलकर तारीफ कर चुकीं, लेकिन हैरिस के बारे में अब तक कुछ नहीं कहा है. ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके पीछे हैरिस का विवादित इतिहास रहा.
बता दें कि कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रहते हुए उन्होंने कई विवादित फैसले किए थे, जिसमें से एक स्कूल मिस करने वाले पेरेंट्स को सजा देना था. वे ट्रांसजेंडरों के खिलाफ भी कई बार दिख चुकीं. ऐसे में एक बड़ा तबका उनसे नाराज रहता है.