
जम्मू के उदयवाला में जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या हो गई है. आतंकी संगठन TRF ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली है. TRF यानी द रेसिस्टेंस फोर्स, जो कि पहले भी कई हत्याओं में शामिल रहा है. डीजी जेल एचके लोहिया की हत्या ऐसे समय हुई है, जब गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर के दौरे पर हैं.
जानकारी के मुताबिक, रात को जब एचके लोहिया अपने किसी दोस्त के घर पर थे, तभी उनके नौकर यासिर ने उन पर हमला कर दिया और केचप की बोतल से उनका गला काट दिया. इतना ही नहीं यासिर ने उन्हें जलाने की कोशिश भी की. वहीं हत्या के बाद नौकर फरार हो गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि नौकर को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि एचके लोहिया के शरीर पर जलने के निशान मिले हैं. उनका गला कटा हुआ है. उनके पैर में सूजन थी. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पहले लोहिया की हत्या की गई और बाद में उनके शव को जलाने की कोशिश की गई.
इस कायराना हरकत की जिम्मेदारी लेते हुए आतंकी संगठन TRF ने गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती भी दी है. TRF ने कहा कि गृह मंत्री के लिए ये छोटा सा गिफ्ट है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के इतने बड़े अफसर की घर में हत्या ने पूरे कश्मीर को हिलाकर रख दिया है. इससे पहले भी आतंकियों ने कई ऐसे अफसरों की हत्या की है, जिसने कश्मीर को हिलाकर रख दिया था.
4 वायुसेना अधिकारियों की हत्या | 25 जनवरी 1990
25 जनवरी 1990 को जब वायुसेना के जवान और अधिकारी श्रीगनर के एयरबेस जा रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था. कार से आए आतंकियों ने वायुसेना के अफसरों और जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं.
इस फायरिंग में वायुसेना के चार अफसरों की मौत हो गई थी. इसमें स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी शामिल थे. रवि खन्ना को आतंकियों ने 27 गोलियां मारी थीं. इस आतंकी हमले में 40 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए थे.
इस हमले का आरोप जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के मुखिया यासीन मलिक पर है. मलिक के अलावा अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नलका, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी भी आरोपी हैं.
लेफ्टिनेंट उमर फयाज | 9 मई 2017
22 साल के लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों ने 9 मई 2017 को हत्या कर दी थी. वो 6 महीने पहले ही सेना में शामिल हुए थे. जिस समय फयाज की हत्या हुई थी, उस समय वो छुट्टी पर थे.
लेफ्टिनेंट उमर फयाज छुट्टी लेकर शोपियां गए थे. वहां वो ममेरी बहन की शादी में शामिल होने गए थे. तभी रात में तीन हथियारबंद आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. अगली सुबह उनका शव मिला था.
आतंकियों ने उनके साथ बर्बरता की सारे हदें पार कर दी थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने लेफ्टिनेंट फयाज के घुटने और जबड़े तोड़ दिए थे. उनके दांत भी निकाल लिए थे. उनके पूरे शरीर पर घाव थे. आतंकियों ने उन्हें सीने पर दो गोलियां भी मारी थीं.
लेफ्टिनेंट फयाज की शहादत का बदला सेना ने अप्रैल 2018 में ले लिया था. सुरक्षाबलों ने अनंतनाग और शोपियां में एनकाउंटर में दो आतंकियों को मार गिराया था. इनमें दो आतंकी वो भी थे, जो लेफ्टिनेंट फयाज की हत्या में शामिल थे.
अयूब पंडित | 22 जून 2017
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की हत्या कर दी गई थी. वो श्रीनगर की जामिया मस्जिद के बाहर तैनात थे. जिस दिन उनकी हत्या हुई थी, उस दिन शब-ए-कद्र की रात थी.
थोड़ी देर पहले ही उन्होंने नमाज भी पढ़ी थी. जानकारी के मुताबिक, कुछ लोगों ने पहले डीएसपी अयूब पंडित से पूछताछ की थी. बात इतनी बढ़ गई कि भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. उन्हें तब तक मारा गया, जब तक उनकी मौत नहीं हो गई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ने हमला करने से पहले पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी भी की थी. इस हत्या का मास्टरमाइंड साजिद अहमद गलकर को माना गया था, जो आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का मेंबर था. गलकर को एनकाउंटर में मार दिया गया था.
भीड़ ने उन पर पत्थर और लोहे की रॉड से हमला किया था. बताया जाता है कि हत्या करने के बाद उनके कपड़े उतार दिए गए थे. इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों को आरोपी बनाया है.
शुजात बुखारी | 14 जून 2018
पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या आतंकियों ने 14 जून 2018 को कर दी थी. मोटरसाइकिल सवार तीन आतंकियों ने उनपर तब हमला किया था, जब वो अपने ऑफिस से बाहर निकल रहे थे. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने उनकी हत्या की थी.
उस समय पुलिस ने बताया था कि तीन आतंकियों ने उनपर तब गोलियां चलाईं, जब वो दफ्तर से बाहर निकलकर अपनी कार में बैठने ही जा रहे थे. इस हमले में शुजात बुखारी की सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई थी.
28 जून 2018 को पुलिस ने चार संदिग्ध आतंकियों की फोटो जारी की थी. जिनकी फोटो जारी हुई थी, उनमें पाकिस्तान का शेख सज्जाद गुल, आजाद अहमद मलिक, मुजफ्फर अहमद भट और नाविद जट शामिल था. जांच में सामने आया था कि बुखारी की हत्या की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी.
नाविद जट इस हमले का मुख्य आरोपी था. 28 नवंबर 2018 को एनकाउंटर में नाविद को मार दिया गया था. आजाद अहमद मलिक को 23 नवंबर 2018 और मुजफ्फर अहमद भट को 15 मार्च 2020 को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था.
राहुल भट्ट | 12 मई 2022
इसी साल 12 मई को आतंकियों ने राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी. राहुल भट्ट कश्मीरी पंडित थे. आतंकियों ने उन्हें दफ्तर में घुसकर गोली मारी थी.
राहुल भट्ट बड़गाम के चडूरा में राजस्व अधिकारी थे. दो आतंकियों ने तहसीलदार दफ्तर में घुसकर उनपर गोलियां चलाई थीं. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन बचाया नहीं जा सका.
राहुल भट्ट की हत्या के तीन महीने बाद एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था. तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे. मारे गए आतंकियों में लतीफ राथर भी शामिल था. राहुल भट्ट की हत्या लतीफ ने ही की थी.