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IAS अधिकारी की पोस्ट पर हंसी वाली इमोजी बनाने पर केस, कब सोशल मीडिया रिएक्शन पड़ सकता है भारी?

महिला IAS की पोस्ट पर हंसी वाला इमोजी बनाने पर असम के एक युवक को पुलिस केस का सामना करना पड़ गया. ये पहला मामला नहीं. फेसबुक या किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर इमोजी बनाने को लेकर अक्सर बखेड़ा होता रहा. यहां तक कि कई देशों में इसपर लोग जेल तक जा चुके, या भारी जुर्माना देना पड़ा.

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सोशल मीडिया पर रिएक्शन मुसीबत भी ला रहे हैं. (Photo- Unsplash)
सोशल मीडिया पर रिएक्शन मुसीबत भी ला रहे हैं. (Photo- Unsplash)

असम में डिप्टी कमिश्नर वरनाली डेका की फेसबुक पोस्ट पर हंसने वाली इमोजी बनाकर एक युवक कानूनी पचड़े में फंस गया. मामला दो साल पुराना है, जिसपर अदालत अभी एक्शन में आई. इस बीच आरोपी खुद भी सवाल कर रहा है कि केवल लॉफिंग रिएक्शन किसी अधिकारी को इतना क्यों खल सकता है कि वो कानूनी कार्रवाई करवा दे. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा. इस तरह के इमोजी को लेकर दुनिया के कई हिस्सों में बड़े विवाद हो चुके. 

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क्या है असम का मामला

असम के धेकियाजुली शहर के अमित चक्रवर्ती ने आईएएस अधिकारी वरनाली डेका की एक पोस्ट पर हुई कमेंट पर हंसने वाली इमोजी बना दी. ये कमेंट थी- आज मेकअप नहीं है, मैडम? इसके तुरंत बाद महिला अधिकारी ने उत्पीड़न और मानहानि का दावा करते हुए कोकराझार पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई, जहां वे खुद जिला आयुक्त थीं. इसके साथ ही आईपीसी (अब बीएनएस) और आईटी अधिनियम की कई धाराओं के तहत न केवल कमेंट करने वाले, बल्कि कमेंट पर हंसने वाले युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज हो गया और उन्हें कानूनी दांवपेंच झेलने पड़ रहे हैं. 

असम में हुई इस घटना ने एक बार फिर ये चर्चा शुरू कर दी कि सोशल मीडिया या ऑनलाइन फोरम पर  फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की क्या सीमाएं हैं. 

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क्या किसी पोस्ट पर या ईमेल पर थम्ब्स-अप करने का मतलब उससे सहमत होना है, या फिर अगर कोई सीनियर कर्मचारी, अपने किसी जूनियर को हार्ट इमोजी भेजे तो उसे यौन उत्पीड़न भी माना जा सकता है? या फिर गन या चाकू का इमोजी हत्या की धमकी हो सकती है? दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसके अलग मायने निकलते रहे. 

laughing emoji legal trouble Assam photo Unsplash

देना पड़ा था भारी हर्जाना

कनाडा की एक कोर्ट ने माना कि किसी बात पर थम्ब्स-अप इमोजी का मतलब है उसपर मंजूरी. साल 2021 की घटना है जब किसी व्यापारी ने एक किसान से अनाज खरीदने की चर्चा की. व्यापारी ने किसान को कॉन्ट्रैक्ट की तस्वीर भेजी और जवाब में किसान ने अंगूठे की इमोजी बना दी. व्यापारी इसे उसकी सहमति मान बैठा लेकिन तय समय पर अनाज नहीं मिला. व्यापारी ने किसान के खिलाफ केस कर दिया कि वो कॉन्ट्रैक्ट तोड़ रहा है. किसान ने अपने तर्क दिए लेकिन अदालत ने उसे खारिज करते हुए कहा कि डिजिटल दौर में इमोजी कम्युनिकेशन का जरिया बन चुके और थम्ब्स अप का मतलब सहमत होना है. इसके बाद किसान को लगभग 50 लाख रुपए हर्जाना देना पड़ा. 

यह मामला दुनियाभर में इमोजी की कानूनी वैधता या पचड़े को लेकर नजीर बन गया. बातचीत में इस्तेमाल होने वाले ये छोटे से संकेत बड़ी मुश्किल भी ला सकते हैं. 

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- ब्रिटेन में इंस्टाग्राम पर किसी को चाकू का इमोजी भेजने पर एक शख्स को तीन साल की सजा हो गई. 

- कुछ साल पहले फ्रांस की कोर्ट ने माना कि अगर सीनियर अपनी जूनियर को हार्ट या किस इमोजी भेजे तो ये वर्कप्लेस पर उत्पीड़न के तहत आएगा. 

- अमेरिका में एक लड़की को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने एक फेसबुक पोस्ट में चाकू और बम बनाए थे. कोर्ट ने इसे क्रिमिनल थ्रेट माना. 

वैसे हमारे यहां कोई सीधा कानून नहीं है जो इमोजी को कानूनी हस्ताक्षर मान ले, लेकिन आईटी एक्ट 2000 के तहत डिजिटल कम्युनिकेशन जैसे ईमेल और वॉट्सअप बातचीत को कानूनी मान्यता मिली हुई है. सोशल प्लेटफॉर्म की बात करें तो कमेंट्स पर तो कार्रवाई होती रही, लेकिन हंसना या दिल का रिएक्शन बनाना भी कई बार भारी पड़ सकता है, जैसा असम वाले मामले में दिखा. 

laughing emoji legal trouble Assam photo Unsplash

वहां कोर्ट में जमा किए दस्तावेजों में आरोपियों और महिला अधिकारी के बीच पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट थे. उनपर साइबर स्टॉकिंग और यौन टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए अधिकारी ने कार्रवाई की मांग की. फिलहाल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हंसने वाली इमोजी बनाने वाले शख्स को जमानत मिल चुकी है लेकिन कानूनी पचड़े में तो वो आ चुका. तीन साल पहले मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उनके मैसेज पर किसी ने लॉफिंग इमोजी भेजकर उनकी इंसल्ट की है. उन्होंने इसे मानहानि और मानसिक उत्पीड़न बताया. हालांकि बाद में इसपर साइबर बुलीइंग के तहत जांच शुरू हुई.

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लाफिंग इमोजी या चाकू-गन दिखाने वाले इमोजी पर सीधा एक्शन तो नहीं लिया जा सकता लेकिन अगर कोई इसकी वजह से परेशान हो तो वो अदालत में इसकी शिकायत ले जा सकता है. 

हमने इस मामले पर कड़कड़डूमा कोर्ट के सीनियर वकील मनीष भदौरिया से भी बात की. 

वे कहते हैं कि हम असम वाले मामले को लें तो पुलिस शिकायत के आधार पर किसी को इनवेस्टिगेशन के लिए बुलाया जा सकता है लेकिन किसी कमेंट को लाइक करना, या लाफिंग इमोजी बनाना कानून के दायरे में नहीं आता. मेरा आपके मजाक बनाने में तीसरा आदमी हंस पड़े तो यह उसका अपराध नहीं माना जा सकता. हालांकि अगर इंटेशन अगर साबित हो जाएं कि फलां शख्स, किसी को पब्लिकली डिफेम कर रहा था तो ये जरूर अपराध है.

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