मेरा जन्म लड़के के रूप में हुआ था. कुछ ही दिन बाद मैंने पाया कि मेरे अंदर कोई फीलिंग लड़कों सी नहीं. मैं मन से एक लड़की था. ये कहना था 2017 में जेंडर चेंज कराके ज़रीन बनने वाले विक्रांत का.
राजस्थान के भरतपुर में मीरा देवी से आरव बने एक स्कूल टीचर की कहानी भी ऐसी ही है. उन्होंने पहले लड़की से लड़के के रूप में ख़ुद को बदला और फिर अपनी ही एक स्टूडेंट से शादी कर ली. लेकिन क्या ऐसी शादियां क़ानून की नज़रों में वैध हैं? और यदि ऐसा है तो इसके लिए क्या शर्तें हैं ? जेंडर चेंज के बाद शादी की ख़बरें पढ़ कर ये सवाल झटपट दिमाग़ में आते हैं.इन्हीं सारे सवालों का जवाब है आज का एपिसोड. Spotify पर सुनने के लिए नीचे क्लिक करें.
जेंडर चेंज शारिरिक तौर पर भले ही अब मुमकिन हो गया हो लेकिन सामाजिक तौर पर आज भी स्वीकार्य नहीं. लाखो के खर्चे, इलाज का रिस्क तो बाद की बात है लेकिन उसके पहले एक व्यक्ति जो अपने जन्मजात जेंडर से असहज महसूस कर रहा हो उसे ऐसे फैसले से पहले समाज की प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. जाहिर है आरव हों या ज़रीन सबने ये फेस किया ही होगा. इसलिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी हो जाता है कि जेंडर चेंज की प्रक्रिया क्या होती है? सुनने के लिए क्लिक करें.
जेंडर चेंज करवाना सुनने में जितना मुश्किल है, उतना ही कठिन इसका प्रोसेस भी है. लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वो जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया का अनुभव करते हैं. इसको कहते हैं जेंडर दिसफोरिया जेंडर डिस्फोरिया उस स्थिति को कहते हैं जहां एक मेल फ़ीमेल की तरह और एक फ़ीमेल मेल की तरह महसूस करते हैं. जिन लोगों को जेंडर डिस्फोरिया होता है, वो इस तरह का ऑपरेशन कराते हैं. इसे कहते हैं सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी. सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी कोई एक सर्जरी नहीं, बल्कि कई सर्जरीज की सीरीज है जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति की शारीरिक बनावट को बदल दिया जाता है. ताकि वो उस जेंडर की तरह हो भी सके जिस तरह का वो महसूस करता है.
राजस्थान के भरतपुर के एक छोटे से गांव में रह रहे आरव कहते हैं कि मेरे दिमाग मे जब ये आया कि मैं जेंडर चेंज कराऊंगा तो घरवालों को मनाना बहुत मुश्किल काम था. उनकी अब जो पत्नी हैं वो भी इस दौरान उनके साथ रहीं. और फिर उन दोनों ने शादी कर ली. क़ानून की नजरों में ये शादी कितनी वैध है और यदि वैध है तो उसका प्रॉसेस क्या होता है अब ये भी समझ लेते हैं.
विराग गुप्ता जो सुप्रीम कोर्ट में लॉयर हैं, वो इस संदर्भ में मौजूदा कानून के बारे में बताते हैं -
जेंडर चेंज के बाद आप शादी तो कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपके पास सारे जरूरी कागज हों.यानी सेक्स सर्जरी के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट होना जरूरी है. ध्यान ये भी रखना है कि सरकारी डॉक्यूमेंट जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड में नाम और जेंडर बदलवाया है कि नहीं. यदि ऐसा नहीं किया गया है तो शादी कानूनी रूप से अवैध होगी क्योंकि देश में समलैंगिक शादी मान्य नहीं. यदि किसी ट्रांसजेंडर ने अपना डॉक्यूमेंट चेंज करवाकर उसमें अपना सेक्स फीमेल से मेल कर लिया है तो वह लीगली शादी कर सकता है.
भारत समेत पूरी दुनिया मे अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है जो अपने बाय बर्थ जेंडर से अगर असहज हैं तो वो उसे ज़ाहिर कर रहे हैं और जेंडर चेंज को जा रहे हैं. एक आंकड़े के अनुसार एक साल में लगभग 5 हजार लोग दुनिया भर में जेंडर चेंज करवा रहे हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि इसके लिए सबसे जरूरी है मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहना. अगर आप दिमागी तौर पर तैयार हैं और अपने प्रेजेंट जेंडर के साथ जीने में परेशान हैं तो आपको इसके लिए ज़रूर जाना चाहिए. भारत मे अभी जेंडर चेंज का खर्चा लगभग 15 लाख रुपए है. एम्स समेत कई मेडिकल संस्थानों में ये सर्जरी की जाती है.तो कुल मिला कर लैंगिक असहजता के प्रति आपका खुला पन भी क़ानूनी है और उसके बाद शादी के लिए पार्टनर चुनना भी. ज़रूरी इतना ही है कि आप को सारे प्रॉसेस कायदे से फॉलो करने हैं. आजतक रेडियो का ये पॉडकास्ट ‘ज्ञान-ध्यान’ सुनने के लिए क्लिक करें.