लगभग छह हफ्तों तक चला 18वीं लोकसभा का चुनाव खत्म हो गया है. मंगलवार को आए नतीजों में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा तो पार कर लिया, लेकिन बीजेपी 240 सीटें ही जीत सकी. सत्तारूढ़ एनडीए ने 291 तो विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें जीत हासिल की.
इस बार सबसे बड़ा नुकसान एनडीए को हुआ. 2019 के चुनाव में एनडीए 350 के पार चला गया था, लेकिन इस बार 300 सीट भी नहीं जीत सका. वहीं, विपक्ष का एकजुट होना उसके लिए फायदेमंद साबित हुआ.
सबसे बड़ा झटका बीजेपी को लगा है. क्योंकि 2014 और 2019, दोनों ही बार बीजेपी ने अपने बूते बहुमत हासिल कर लिया था. लेकिन इस बार बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से दूर रह गई. इस चुनाव में कई बड़े दिग्गज हार गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव जीते. हालांकि, 2014 और 2019 की तुलना में 2024 में उनकी जीत सबसे छोटी रही. बीते दो चुनावों में तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के अजय राय ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया. पीएम मोदी ने ये चुनाव 1.52 लाख वोटों के अंतर से जीता. जबकि, पिछली बार उनकी जीत का अंतर 4.79 लाख वोटों का रहा था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार तीसरी बार सत्ता में आए हैं.
इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जीत का अंतर भी 2019 के मुकाबले थोड़ा कम हुआ. 2019 में वायनाड सीट से उन्होंने 4.31 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. वहीं, इस बार उन्होंने 3.64 लाख वोटों से सीपीआई की एनी राजा को हराया. वायनाड में बीजेपी के के. सुरेंद्रन तीसरे नंबर पर रहे, जिन्हें 1.41 लाख वोट मिले. वायनाड के अलावा राहुल गांधी की रायबरेली सीट से भी चुनाव लड़ा था. रायबरेली में राहुल ने वायनाड से भी बड़ी जीत हासिल की. रायबरेली में उन्होंने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 3.90 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया.
इस चुनाव में मोदी सरकार के 19 मंत्रियों में से 18 जीत गए. जबकि, अमेठी से स्मृति ईरानी हार गईं. उन्हें कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने 1.67 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया. गुजरात की गांधीनगर सीट से गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने 7.44 लाख वोटों से कांग्रेस की सोनल पटेल को चुनाव हराया.
इस चुनाव में मोदी सरकार में मंत्री रहे दर्जनों नेता हार गए. हारने वाले मंत्रियों में राजीव चंद्रशेखर (तिरुवनंतपुरम), अर्जुन मुंडा (खूंटी), महेंद्र नाथ पांडे (चंदौली) और अजय मिश्रा टेनी (लखीमपुर खीरी) शामिल हैं.
हालांकि, इस चुनाव में NDA के लिए एक अच्छी बात ये रही कि 6 राज्यों में उसने 80 फीसदी से ज्यादा सीटें जीत लीं. ये राज्य हैं- गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा. इन छह राज्यों की 118 में से 111 सीटें जीत लीं. वहीं, INDIA ब्लॉक सिर्फ केरल और तमिलनाडु में ही 80% से ज्यादा सीट जीत सका. INDIA ब्लॉक ने तमिलनाडु की सभी 39 और केरल की 20 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की.
इस बार NDA को सिर्फ दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और ओडिशा में ही बंपर फायदा हुआ. इन दोनों राज्यों में NDA ने पिछली बार 29 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार 40 सीटें जीत लीं. जबकि यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान में 58 सीटों का नुकसान हुआ.
NDA की तुलना में INDIA ब्लॉक ज्यादा फायदे में रहा. INDIA ब्लॉक की पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और बिहार में जबरदस्त सीटें बढ़ी हैं. इन पांचों राज्यों में INDIA ब्लॉक ने 100 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि, पिछले चुनाव में INDIA ब्लॉक की पार्टियों ने यहां की 18 सीटें ही जीत सकी थीं.
अनुसूचित जनजाति (एससी) के लिए आरक्षित सीटों पर भी NDA को जितना नुकसान हुआ है, उससे ज्यादा फायदा INDIA ब्लॉक को हुआ. एससी बहुल 156 सीटों में NDA ने 57 तो INDIA ब्लॉक ने 93 सीटें जीतीं. पिछले चुनाव से तुलना की जाए तो NDA को एससी बहुल 34 सीटें हार गई, जबकि INDIA ब्लॉक ने 57 सीटें ज्यादा जीतीं.
बहरहाल, केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार की हैट्रिक लग गई है. हालांकि, पिछले दो कार्यकाल में बीजेपी जहां अपने बूते पर सत्ता में थी तो वहीं इस बार उसे सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा. पहले जो विपक्ष कमजोर था, अब वो पहले से ज्यादा मजबूत हो गया है.