मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एक नई मुसीबस में फंस गए हैं. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसे लेकर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है. इतना ही नहीं, विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी भी कर रहा है.
मुइज्जू के कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद से मालदीव की सियासत गरमा गई है. ये रिपोर्ट ऐसे समय लीक हुई है, जब 21 अप्रैल को मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग होनी है.
हालांकि, मुइज्जू ने इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने सवाल किया कि उनकी (एमडीपी) सरकार पांच साल से थी, अगर उन्हें मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिले होते तो क्या मेरे पर आरोप नहीं लगाते?
बहरहाल, रिपोर्ट सामने आने के बाद मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और मुइज्जू की पार्टी पीपल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.
क्या लगे हैं आरोप?
ये सारा विवाद तब शुरू हुआ, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 'हसन कुरुसी' नाम के हैंडल से एक पोस्ट की गई. इस पोस्ट में मालदीव मॉनेटरी अथॉरिटी और मालदीव पुलिस सर्विस की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के दस्तावेज लीक किए गए. इन दस्तावेजों ने राष्ट्रपति मुइज्जू के कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया.
मालदीव की न्यूज वेबसाइट mvrepublic.com की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लीक रिपोर्ट में 2018 में मुइज्जू के पर्सनल बैंक अकाउंट से हुए ट्रांजेक्शन में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि उनके बैंक अकाउंट से कम से कम 10 ट्रांजेक्शन संदिग्ध थे.
इससे वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी, नेताओं के इस गड़बड़ी में शामिल होने, गबन और फंड का सोर्स छिपाने के लिए कॉर्पोरेट इकाइयों के इस्तेमाल का पता चलता है.
स्थानीय मीडिया का दावा है कि ये पहली बार है जब एफआईयू की कोई रिपोर्ट लीक हुई है. इस रिपोर्ट और आरोपों पर अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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विपक्ष महाभियोग की तैयारी में
इन रिपोर्टों के सामने आने के बाद मालदीव की विपक्षी पार्टियां मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और पीपल्स नेशनल फ्रंट (पीएनएफ) ने मामले की जांच की मांग की है.
पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद जमील अहमद ने राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की मांग की है. उन्होंने मुइज्जू पर माले विकास परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है. साथ ही पब्लिक रिलेशन पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने का भी आरोप लगाया है.
जमील अहमद ने लीक रिपोर्ट्स में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में मुइज्जू से सहयोग करने की अपील की है.
मुइज्जू क्या बोले?
इन लीक रिपोर्ट्स में लगाए गए आरोपों को मुइज्जू ने खारिज किया है. उन्होंने विपक्ष पर हताशा के कारण रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, 'जब आप मुझ पर इस तरह से कुछ थोपने की कोशिश करते हैं तो आप इसे पहले भी नहीं कर सकते ते और अब भी नहीं कर सकते हैं. आप मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं दिखा सकते, चाहे आप इसे कितनी भी दूर तक ले जाएं.'
राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि उनसे पहले विपक्ष पांच साल तक सरकार में था, अगर कुछ भी गलत हुआ होता तो वो सामने आ जाता.
क्या मुइज्जू पर चलेगा महाभियोग?
मालदीव की संसद को 'पीपल्स मजलिस' कहा जाता है. इसमें 93 सदस्य हैं. इसके लिए 21 अप्रैल को वोटिंग होगी.
मालदीव के संविधान के मुताबिक, महाभियोग का प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम एक तिहाई सांसदों का समर्थन चाहिए. प्रस्ताव को पास कराने के लिए दो तिहाई सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ती है.
इस बार 93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवार मैदान में हैं. मौजूदा समय में राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी यहां विपक्ष में है. अब चुनाव के नतीज तय करेंगे कि विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव ला सकती हैं या नहीं.