Manish Sisodia CBI Questioning: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से आज सीबीआई पूछताछ करेगी. सिसोदिया को एक्साइज पॉलिसी बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने तलब किया है.
सीबीआई दफ्तर पहुंचने से पहले मनीष सिसोदिया ने अपनी मां से आशीर्वाद लिया. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज इस केस को 'फर्जी' बताया है.
सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'मेरे खिलाफ पूरी तरह से फर्जी मामला तैयार किया गया है. मेरे घर पर छापेमारी की, बैंक लॉकर की तलाशी ली, मेरे गांव में पूछताछ की, कहीं कुछ नहीं मिला. ये पूरी तरह से फर्जी केस है.'
सिसोदिया के खिलाफ ये पूरी कार्रवाई मुख्य सचिव की उस रिपोर्ट पर हो रही है, जिसमें उन्होंने एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था. मुख्य सचिव की रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एक्साइज पॉलिसी बनाते समय और उसे लागू करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया.
कैसे घिरे सिसोदिया?
- मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एक्साइज डिपार्टमेंट के प्रभारी होने के नाते मनीष सिसोदिया ने ऐसे फैसले लिए, जिससे वित्तीय गड़बड़ियां हुईं. सिसोदिया पर एक्साइज पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप भी हैं.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि सिसोदिया ने कथित तौर पर टेंडर दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
- इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सिसोदिया के आदेश पर एक्साइज पॉलिसी के जरिए कोरोना के बहाने शराब ठेकेदारों के 144.36 करोड़ रुपये माफ किए गए. इससे शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचा.
सिसोदिया पर क्या-क्या आरोप?
- शराब कारोबारियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी. इसके लिए कोरोना का बहाना बनाया गया. आरोप है कि इस छूट के लिए कैबिनेट को लूप में नहीं रखा गया, बल्कि मंत्री स्तर पर ही फैसला ले लिया गया.
- एक्साइज डिपार्टमेंट ने एयरपोर्ट जोन में L1 लाइसेंसधारी को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे, क्योंकि उसे एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली थी. जबकि, ये रकम जब्त की जानी थी.
- इसके अलावा विदेशों से आने वाली बीयर पर 50 रुपये प्रति केस के हिसाब से रकम ली जाती थी. इस फैसले को भी बिना किसी मंजूरी के वापस ले लिया गया. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा.
- इतना ही नहीं, आरोप ये भी हैं कि L7Z और L1 लाइसेंसधारियों का लाइसेंस पहले 1 अप्रैस से 31 मई और फिर 1 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया और इसके लिए एलजी की मंजूरी भी नहीं ली गई.
घोटाले के मुख्य किरदार कौन?
- दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने अगस्त में FIR दर्ज की थी. इस मामले में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया है.
- सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) शामिल हैं.
- इसमें अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.
अब तक किससे पूछताछ, कितने गिरफ्तार?
- इस मामले में सीबीआई ने अब तक कई आरोपियों से पूछताछ की है. इसमें समीर महेंद्रू (इंडो स्पिरिट्स के मालिक), अमित अरोड़ा और मूथा गौतम (इंडिया अहेड न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर) से पूछताछ हो चुकी है.
- सीबीआई ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. इसमें आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और ऑनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर को गिरफ्तार किया गया है. उनके अलावा हैदराबाद स्थित कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को भी गिरफ्तार किया गया है. अभिषेक बोइनपल्ली अरुण पिल्लई का पार्टनर है, जो इस मामले में आरोपी है.