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कहीं दर्शकों को बाहर निकाला, कहीं स्क्रिनिंग रोक दी... महाराष्ट्र में 'हर हर महादेव' फिल्म को लेकर क्यों मचा है बवाल?

Har Har Mahadev Movie Controversy: देश में एक बार फिर से ऐतिहासिक फिल्म को लेकर बवाल शुरू हो गया है. अब बवाल मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' को लेकर हो रहा है. फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. आरोप है कि फिल्म में शिवाजी महाराज को गलत तरीके से दिखाया गया है.

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हर हर महादेव फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. (फाइल फोटो)
हर हर महादेव फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी दिखाई गई है. (फाइल फोटो)

Har Har Mahadev Movie Controversy: महाराष्ट्र में मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' को लेकर बवाल हो गया है. फिल्म में छत्रपति शिवाजी को सही तरीके से नहीं दिखाने का आरोप लगा है. फिल्म तो रिलीज हो गई है, लेकिन इसे सिनेमाघरों में चलाने नहीं दिया जा रहा है. 

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ठाणे में एनसीपी विधायक जितेंद्र अवहाद समेत 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया है. इन पर ठाणे के एक मॉल में घुसकर जबरन 'हर हर महादेव' को बंद कराने और फिल्म देखने आए लोगों से बदसलूकी करने का आरोप है. हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

इससे पहले मराठा सेवा संघ संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने भी विवियाना मॉल के अधिकारियों से मुलाकात कर फिल्म को दिखाने से मना करने को कहा. वहीं, फिल्म के डायरेक्टर अभिजीत देशपांडे का कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखाया गया है. बताया जा रहा है कि फिल्म का विरोध होने के चलते डायरेक्टर देशपांडे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

 इस फिल्म को लेकर बवाल किस बात पर हो रहा है, ये समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि फिल्म की कहानी क्या है?

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क्या है फिल्म की स्टोरी लाइन?

ये पहली ऐसी मराठी फिल्म है, जिसे मराठी के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषा में भी रिलीज किया गया है. ये फिल्म 25 अक्टूबर को रिलीज हो चुकी है. 

ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है. इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की कहानी बताई गई है. 

बाजी प्रभु देशपांडे ने 300 सैनिकों के साथ आदिल शाह के 12 हजार से ज्यादा सैनिकों से लड़ाई लड़ी थी और जंग में जीत हासिल की थी.

बाजी प्रभु देशपांडे उन योद्धाओं में से थे जो शिवाजी महाराज के 'स्वराज्य' के सपने को साकार करने में शामिल हुए थे.

इस फिल्म में शरद केल्कर ने बाजी प्रभु देशपांडे का किरदार निभाया है, जबकि सुबोध भावे ने छत्रपति शिवाजी महाराज का रोल किया है. फिल्म को अभिजीत देशपांडे ने डायरेक्ट किया है.

2 घंटे 41 मिनट की इस फिल्म को क्रिटिक्स भी पसंद कर रहे हैं. इस फिल्म को IMDb ने 10 में से 8.2 रेटिंग दी है.

फिर बवाल किस बात पर है?

फिल्म को लेकर बवाल मचाने वालों का कहना है इसमें कई ऐसे सीन दिखाए गए हैं, जो गलत हैं. पुणे में मराठी संगठन के सदस्यों ने फिल्म को चलने नहीं दिया तो वहीं सोमवार रात को एनसीपी नेताओं और उनके समर्थकों ने ठाणे के मॉल में घुसकर फिल्म की स्क्रिनिंग रोक दी थी.

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एनसीपी कार्यकर्ताओं पर फिल्म देखने आए दर्शकों के साथ भी कथित तौर पर बदसलूकी करने का आरोप है. उन्होंने दर्शकों को इसलिए सिनेमा हॉल से बाहर कर दिया था, क्योंकि उनका कहना था कि फिल्म में शिवाजी महाराज को जिस तरह से दिखाया गया है, वो गलत है.

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी ने भी 'हर हर महादेव' और अपकमिंग फिल्म 'वेदात मराठे वीर दौड़ाले सात' को लेकर नाराजगी जताई. वेदात मराठे वीर दौड़ाते सात को महेश मांजरेकर डायरेक्ट कर रहे हैं. इस फिल्म में अक्षय कुमार छत्रपति शिवाजी महाराज का किरदार निभाएंगे.

संभाजी ब्रिगेड के नेता संतोष शिंदे ने आरोप लगाया है कि 'हर हर महादेव' में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है, जबकि 'वेदात मराठे वीर दौड़ाले सात' में मावले (शिवाजी महाराज के सैनिक) का गलत चित्रण किया गया है.

छत्रपति संभाजी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित किसी भी फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जाता है, तो वो ऐसी फिल्मों का विरोध करेंगे और उनकी रिलीज को रोकने के लिए सभी कोशिश करेंगे.

सरकार का क्या है रुख?

महाराष्ट्र में शिंदे सरकार 'हर हर महादेव' और अपकमिंग फिल्म 'वेदात मराठे वीर दौड़ाले सात' का समर्थन कर रही है. 

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ठाणे में जब एनसीपी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया तो वहां पहुंचकर बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि मौजूदा सरकार पिछली सरकार की तरह नहीं है और जो कोई भी कानून को हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उस पर कार्रवाई होगी.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने 'हर हर महादेव' में नरेशन किया है. ये पूछे जाने पर कि इन फिल्मों को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे का समर्थन हासिल है, इस पर छत्रपति संभाजी ने कहा कि मीडिया को ये सवाल उनसे ही पूछना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मेरी लाइन क्लियर है. गलत तरीके से बनाई गई ऐसी फिल्मों का मैं विरोध करूंगा. अगर जरूरी हुआ तो मैं सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखूंगा. ये सुझाव भी दूंगा कि ऐसी फिल्मों की रिलीज से पहले ऐतिहासिक तथ्यों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए.

डायरेक्टर का क्या है कहना?

'हर हर महादेव' फिल्म के डायरेक्टर अभिजीत देशपांडे का कहना है कि सिर्फ राजनीतिक कारणों की वजह से फिल्म का विरोध किया जा रहा है, जबकि इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखाया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि वो छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों को फिल्म देखने के लिए इनवाइट करेंगे.

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देशपांडे ने दावा किया है कि फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखने से 7-8 साल पहले उन्होंने रिसर्च की थी और ऐसी घटनाओं के बारे में जानकारी जुटाई थी. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने शिवाजी महाराज पर लिखी केए कालुस्कर की किताब को पढ़ा था. 

उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया गया है. फिल्म को कई भाषाओं में रिलीज किया गया है और इसे काफी पसंद किया जा रहा है. सिर्फ कुछ लोग ही हैं जो इसे मुद्दा बना रहे हैं.

जी स्टूडियो ने भी एक जारी बयान ने साफ कर दिया है कि उनकी फिल्म में किसी भी तरह से इतिहास को गलत तरह से नहीं दिखाया गया है. इस बात पर भी जोर रहा कि उनकी फिल्म के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज को पूरा सम्मान दिया गया है. जी स्टूडियो ने फिल्म को लेकर मचे बवाल और प्रदर्शन की कड़े शब्दों में निंदा भी की है.

(इनपुटः पंकज उपाध्याय, विद्या)

 

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