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जल्द ही हैरिस छोड़ देंगी ऑफिस, किताब लिखने से लेकर दोबारा वकालत तक- इसके बाद क्या हैं विकल्प?

लगभग 70 दिनों बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पद छोड़ देंगी. राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर देते हुए हारी हैरिस के बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे आगे क्या करेंगी. साल 2003 में सैन फ्रांसिस्को की जिला अटॉर्नी के तौर पर काम शुरू करने के बाद ये पहला मौका है, जब वे किसी राजनैतिक पद पर नहीं होंगी.

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कमला हैरिस लंबे समय बाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं होंगी. (Photo- Reuters)
कमला हैरिस लंबे समय बाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं होंगी. (Photo- Reuters)

वाइट हाउस में ये आवाजाही का वक्त है. डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. जनवरी 2025 में वे वाइट हाउस के ओपल ऑफिस पहुंच जाएंगे. इस बीच मौजूदा उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस वॉशिंगटन डी.सी. स्थित अपना दफ्तर और आवास दोनों खाली करेंगी. लगभग 2 दशक बाद हैरिस पहली बार आम नागरिक होंगी, जिनके पास उस तरह की सरकारी सुविधाएं नहीं रहने वाली हैं. अमेरिका में अभी से चर्चा हो रही है कि उनका अगला कदम क्या हो सकता है. क्या वे चार साल बाद होने वाले चुनाव की दोबारा तैयारी में जुट जाएंगी, या कोई और विकल्प भी है?

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अगले इलेक्शन की तैयारी के विकल्प क्यों कमजोर

डेमोक्रेट्स के साथ ये बात है कि वे एक बार हारे हुए उम्मीदवार को राष्ट्रपति की रेस में दोबारा मौका नहीं देना चाहते. साल 2016 की हार के बाद हिलेरी क्लिंटन को एक कमजोर उम्मीदवार की तरह देखा जाने लगा. हालांकि डोनरों के साथ उनके संबंध बने रहे लेकिन जब हैरिस के लिए चुनाव प्रचार चल रहा था, तो क्लिंटन इसमें उस तरह से शामिल नहीं दिखीं. 

बिल क्लिंटन के समय में उप-राष्ट्रपति रह चुके अल गोर ने साल 2004 में राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए दावा किया, लेकिन बाद में उन्हें इससे हटना ही पड़ा. 

हैरिस को देखें तो ऐसा नहीं लगता कि साल 2028 में उन्हें दोबारा पद के लिए खड़ा किया जाएगा. इस बार भी वे तगड़ी कंपीटिटर जरूर थीं लेकिन सिर्फ इसलिए क्योंकि ऐन वक्त पर जो बाइडेन को रेस से हटना पड़ा. चुनाव सिर पर था और पार्टी के पास प्राइमरी इलेक्शन का वक्त नहीं था. उसके पास कई चेहरे थे, जिसमें से सबसे मजबूत यानी हैरिस को चुन लिया गया और उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. इस वक्त तक दूसरी पार्टी रिपब्लिकन ट्रंप के साथ आधा किला जीत चुकी थी. 

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next move of kamala harris after defeat in america presidential election by donald trump photo Reuters

इसके अलावा पॉलिटिक्स में चार साल का समय बहुत होता है. इतने वक्त में कोई नया मजबूत कैंडिडेट भी दिख सकता है. या फिर ये भी हो सकता है कि ट्रंप का कार्यकाल अस्थिर रहे. तब अच्छे राजनैतिक संबंधों, खासकर डोनरों से अच्छे रिश्तों का फायदा हैरिस को मिल सकता है. 

गवर्नर पद के लिए भी लड़ने का विकल्प

साल 2026 में कैलिफोर्निया में गवर्नर के लिए ओपन-सीट चुनाव होगा. लेकिन शायद ही हैरिस उसमें शामिल हों क्योंकि इसके लिए पहले से ही एक डेमोक्रेट दावेदारी कर चुका. अगर वे हिचक छोड़कर गर्वनर पद के लिए लड़ती हैं तो ये पहला केस नहीं. इससे पहले रिचर्ड एम. निक्सन ने साठ के दशक में राष्ट्रपति पद गंवाने के बाद यही चुनाव लड़ा था और फिर इसमें भी हार गए थे. बाद में वे दूसरी बार भी वाइट हाउस पहुंचे लेकिन वॉटरगेट कांड के कारण सालभर के भीतर उन्हें रिजाइन करना पड़ गया था. 

क्या वकालत में आजमाएंगी हाथ

हैरिस एक वकील रह चुकी हैं और उनका करियर काफी प्रभावशाली रहा. ऐसे में उनके पास ये ऑप्शन भी है कि वे प्राइवेट सेक्टर में लौट आएं. वॉशिंगटन और कैलिफोर्निया में बहुत से बड़े बिजनेस ग्रुप हैं, जो हैरिस जैसी दबंग वकील से जुड़ना चाहेंगे. ये वैसे तो काफी फायदेमंद हो सकता है लेकिन हैरिस अगर साल 2028 में प्रेसिडेंट की रेस में शामिल होने जा रही हों तो वे इससे बचेंगी ताकि किसी विवाद से दूर रह सकें. 

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next move of kamala harris after defeat in america presidential election by donald trump photo Getty Images

थिंक टैंक जॉइन करना भी मुमकिन

वॉशिंगटन में एक बड़ा थिंक टैंक- सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस है. कमला इससे भी जुड़ी रहीं. लेकिन ओवल ऑफिस जाने का मौका न मिलने पर थिंक टैंक जॉइन करना काफी छोटा कदम हो सकता है. ऐसे में कमला अपनी संस्था भी शुरू कर सकती हैं लेकिन इसके लिए बड़ी फंडिंग चाहिए होगी. डेमोक्रेट्स को फंड कर चुके लोग अब हैरिस की हार पर नाराज हैं. यानी फंडिंग जुटाना भी आसान नहीं. 

प्रकाशकों की लग सकती है कतार

हारे हुए राजनेताओं का किताब लिखना आम बात है. कमला की हार भी काफी प्रॉमिसिंग है. ढेरों पब्लिशर हैरिस का अनुभव छापने को तैयार बैठे होंगे. हिलेरी क्लिंटन ने भी साल 2016 में ट्रंप से हारने के बाद व्हाट हैपन्ड नाम की किताब लिखी थी. तो इस फील्ड में भी उनके पास विकल्प खुला हुआ है. 

निजी जिंदगी पर फोकस

चुनावी कैंपेन के दौरान हैरिस ने कई बार खाने-पीने पर परहेज को लेकर इच्छा जताई थी कि वे इलेक्शन के बाद मनचाहा खाना चाहती हैं. पिछले महीने पेंसिल्वेनिया में उन्होंने साफ कहा था कि वे वजन बढ़ाएंगी ताकि थकान दूर हो सके. हार चुके कई उम्मीदवार ऐसा करते रहे हैं. जैसे हिलेरी की ही बात लें तो ट्रंप से हार के बाद वे सैर-सपाटे पर निकल गई थीं, जिसकी फोटो भी वायरल हुई थी. 

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