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रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व में तनाव के बाद क्या दुनिया एक और जंग की तरफ बढ़ रही है? सवाल इसलिए क्योंकि दो दुश्मन- नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच तनाव बढ़ गया है. ये तनाव इतना बढ़ गया है कि दोनों ओर से जंग की धमकी दी जाने लगी है.
दरअसल, नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर उसके एयरस्पेस का उल्लंघन कर राजधानी प्योंगयोंग में ड्रोन से पर्चियां गिराने का आरोप लगाया है. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने साउथ कोरिया को तबाह करने की धमकी दी है.
वहीं, साउथ कोरिया ने प्योंगयांग में ड्रोन भेजने के आरोपों को खारिज किया है. साथ ही चेताया है कि अगर नॉर्थ कोरिया कुछ करता है तो उसके लोगों की सुरक्षा को खतरा होता है तो वो कड़ा जवाब देगा.
नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच अक्सर तनाव बढ़ जाता है. हालांकि, इस बार नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं और जंग की धमकी दी है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये सब कैसे हुआ?
हुआ क्या है?
नॉर्थ कोरिया का दावा है कि इस महीने तीन बार ड्रोन के जरिए प्योंगयांग में पर्चियां गिराई गईं हैं. इन पर्चियों में नॉर्थ कोरिया की सरकार और किम जोंग-उन के खिलाफ बातें लिखी गई हैं. नॉर्थ कोरिया का दावा है कि ये ड्रोन साउथ कोरिया की ओर से भेजे गए हैं.
नॉर्थ कोरिया की समाचार एजेंसी KCNA ने बताया कि इन पर्चियों पर भड़काऊ और बकवास बातें लिखी गई थीं. जबकि, विदेश मंत्रालय का कहना है कि ऐसा करके साउथ कोरिया ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया है, जिसे मिलिट्री अटैक माना जा सकता है.
पहले तो साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री ने नॉर्थ कोरिया के इन आरोपों को खारिज कर दिया था. हालांकि, बाद में साउथ कोरिया के ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि वो इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि नॉर्थ कोरिया के दावे सही हैं या गलत.
नॉर्थ कोरिया ने क्या कहा?
ये पहली बार है जब नॉर्थ कोरिया ने अपने पड़ोसी पर अपने नेता किम जोंग की आलोचना करने वाले पर्चे गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. नॉर्थ कोरिया का दावा है कि इस महीने तीन बार ऐसा हो चुका है और अब अगर ऐसा होता है तो पूरी ताकत के साथ इसका जवाब दिया जाएगा.
सरकारी मीडिया ने बताया कि नॉर्थ कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने साउथ कोरिया से लगने वाली सीमा के पास तोपखाने और बाकी आर्मी यूनिट को 'ओपन फायर' करने का आदेश दे दिया है. साथ ही ये भी कहा है कि अगर साउथ कोरिया की ओर से अगर ड्रोन आते हैं, तो उसके सैन्य ठिकानों पर तुरंत हमला करने के लिए भी तैयार रहें.
रविवार को नॉर्थ कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक और बयान जारी कर कहा कि अगर हमने हमला किया तो साउथ कोरिया राख के ढेर में बदल दिया जाएगा.
तानाशाह किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने साउथ कोरिया को चेतावनी देते हुए ड्रोन भेजने के फैसले को 'आत्मघाती' बताया. किम यो ने कहा कि अगर प्योंगयोंग में ड्रोन्स आते हैं तो साउथ कोरिया तबाह हो जाएगा.
साउथ कोरिया ने क्या कहा?
साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. साउथ कोरिया ने सोमवार को कहा कि नॉर्थ कोरिया इंटर-कोरियन सड़कों के उत्तरी हिस्सों को नष्ट कर रहा है. माना जा रहा है कि ऐसा करके किम जोंग अपना गुस्सा दिखा रहे हैं.
ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ली सुंग जून ने कहा कि सीमा पर नॉर्थ कोरिया ने स्क्रीन लगा दी हैं और उन स्क्रीन के पीछे सड़कों को तोड़ा जा रहा है.
साउथ कोरिया के एक मंत्रालय के प्रवक्ता कू ब्यूंगसम ने कहा कि प्योंगयांग में ड्रोन उड़ाने के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं, ताकि साउथ कोरिया में अस्थिरता बढ़ाई जा सके और नॉर्थ कोरिया अपनी आंतरिक स्थिति को मजबूत कर सके.
ली सुंग ने अंदेशा जताया है कि साउथ कोरिया पर दबाव बढ़ाने के लिए नॉर्थ कोरिया 'उकसावे' वाली कार्रवाई कर सकता है.
इतना भड़का हुआ क्यों है नॉर्थ कोरिया?
वैसे तो ये पहली बार नहीं है जब नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया को युद्ध की धमकी दी हो. लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बार नॉर्थ कोरिया कुछ ज्यादा ही गुस्सा दिखा रहा है. नॉर्थ कोरिया ने अपने सैनिकों को डिमिलिटराइज्ड जोन में भी गोली चलाने के लिए तैयार रहने को कह दिया है.
नॉर्थ कोरिया ने जवाबी हमले में साउथ कोरिया को 'राख के ढेर में बदलने' की चेतावनी दी है. माना जा रहा है कि ऐसा करके किम जोंग-उन नॉर्थ कोरिया में न सिर्फ अपनी लोकप्रियता बढ़ाते हैं, बल्कि आंतरिक राजनीति में भी खुद को मजबूत साबित करने की कोशिश करते हैं.
इतना ही नहीं, अगले महीने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, उससे पहले नॉर्थ कोरिया खुद को कोरियाई प्रायद्वीप का अहम खिलाड़ी दिखाने की कोशिश कर रहा है. ऐसा करके वो कोरियाई प्रायद्वीप में डर और अस्थिरता पैदा करने की अपनी क्षमता दिखा रहा है.
नॉर्थ और साउथ कोरिया में दुश्मनी क्यों हैं?
आज नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया एक-दूसरे के दुश्मन हैं और ये दुश्मनी 70 साल से भी ज्यादा पुरानी है. लेकिन कभी ये एक ही थे, जिसे कोरियन प्रायद्वीप कहा जाता था. प्रायद्वीप यानी पानी के बीच में उठा हुआ जमीन का हिस्सा.
कोरियन प्रायद्वीप एशिया के पूर्वी हिस्से में बसा था. यहां कभी कोरयो वंश का शासन था. कोरयो वंश ने सन् 918 से 1392 तक इस पर राज किया.
इसके बाद जोसेऑन वंश सत्ता में आया. इसने करीब 500 साल तक शासन किया. 1897 में इसी वंश के राजा गोजोंग ने 'कोरियन एम्पायर' नाम से नए साम्राज्य की नींव रखी.
ये वो वक्त था जब जापान काफी मजबूत साम्राज्य हुआ करता था. उसकी सेना काफी ताकतवर थी. 1910 में जापानी साम्राज्य ने कोरियन प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया. जापानी सेना ने यहां क्रूरता और बर्बरता की हदें पार की. यही वजह है कि आज भी दोनों देश जापान को बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते हैं.
1939 से 1945 तक दूसरा विश्व युद्ध हुआ. इसमें जापान बुरी तरह हारा. 1945 में विश्व युद्ध में हार के बाद ही कोरियन प्रायद्वीप जापान के कब्जे से छूट पाया.
कैसे अलग हुए नॉर्थ और साउथ कोरिया?
कोरिया को जापान से तो मुक्ति मिल गई, लेकिन फिर वो कोल्ड वॉर में फंस गया. ये कोल्ड वॉर चलता था अमेरिका और सोवियत संघ (अब रूस) के बीच. दोनों ने कोरिया को बांट दिया. दक्षिणी हिस्से पर अमेरिका ने अपना नियंत्रण रखा और उत्तरी हिस्सा सोवियत के पास गया.
1948 के 15 अगस्त को दोनों जगह अलग-अलग सरकारें बनीं. उत्तर कोरिया बना 'डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया' और दक्षिण बना 'रिपब्लिक ऑफ कोरिया'. उत्तरी कोरिया की राजधानी बनी प्योंगयोंग और दक्षिण कोरिया ने सियोल को अपनी राजधानी बनाया.
उत्तर कोरिया बस नाम का डेमोक्रेटिक रिपब्लिक था. असल में वहां राजशाही थी जिसके मुखिया किम इल-संग थे. किम जोंग-उन के दादा. वहीं, दक्षिण कोरिया में अमेरिका ने सिंगमैन री को सत्ता में बैठाया. सिंगमैन री कम्युनिस्ट सिस्टम के कट्टर विरोधी थी.
फिर हुई दोनों में जंग...
इस बंटवारे के बाद दुश्मनी शुरू हो गई. किम इंल-संग ने 25 जून 1950 को अपनी सेना दक्षिण कोरिया की तरफ भेज दी. उनका कहना था कि वो दक्षिण को मिलाकर कोरिया का एकीकरण करेंगे. इससे जंग छिड़ गई. इसे 'कोरियाई युद्ध' कहा जाता है.
अमेरिका समेत 15 देश दक्षिण कोरिया के साथ आए. जबकि, उत्तर कोरिया का रूस और चीन की सेना ने दिया. तीन साल तक युद्ध चला. लाखों लोग मारे गए. 27 जुलाई 1953 को ये युद्ध रुक गया. मगर खत्म नहीं हुआ. क्योंकि उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शांति समझौता नहीं हो सका था. लिहाजा, तकनीकी तौर पर ये युद्ध अभी भी चल ही रहा है.
युद्ध थमने के बाद साउथ कोरिया अमेरिकी मदद से आगे बढ़ता रहा. वहां लोकतंत्र है. इंडस्ट्री है और एक संपन्न राष्ट्र है. दूसरी ओर तानाशाही में नॉर्थ कोरिया लुढ़कता रहा. वहां गरीबी है. लोगों के पास सीमित आजादी है. दुनिया से भी कटा हुआ है. बंटवारे और युद्ध करने के बाद भी साउथ और नॉर्थ कोरिया में तनाव खत्म नहीं हुआ है.