अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों के बीच गोलीबारी भी हुई है. इसके बाद तोरखम बॉर्डर को बंद कर दिया गया है.
जब से तालिबान सत्ता में आया है, तब से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया है. गोलीबारी और झड़प के कारण पहले भी कई बार तोरखम बॉर्डर को बंद किया जा चुका है.
कैसे शुरू हुआ झगड़ा?
बुधवार को दोनों देशों के बीच जमकर गोलीबारी हुई. दरअसल, तालिबान सरकार सीमा पर अपनी तरफ एक बंकर बनवा रही है. ये बंकर ऊंची पहाड़ी पर बन रहा है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देते हुए बंकर के कंस्ट्रक्शन का काम रोकने की अपील की थी.
हालांकि, तालिबान सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया और कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहा. इस कारण विवाद इतना बढ़ गया कि गोलियां चल गईं.
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान उस इलाके में चेक पोस्ट बना रहा है, जहां पहले ही इस बात पर बनी है कि दोनों देश उस जगह पर चेक पोस्ट नहीं बनाएंगे.
किसने शुरू की गोलीबारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर बातचीत भी हुई थी, लेकिन इसका कुछ नतीजा नहीं निकला.
पाकिस्तानी अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बुधवार को अचानक अफगानिस्तान के सैनिकों ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी.
उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान की ओर से कई मोर्टार दागे गए. एक मोर्टार मस्जिद पर भी गिरा और दूसरा बाचा मेना गांव में गिरा. हालांकि, इससे कोई हताहत नहीं हुआ. पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया कि अफगानी सैनिकों ने तीन घंटे तक गोलीबारी की.
काफी अहम है तोरखम बॉर्डर
भयंकर गोलीबारी के बाद तोरखम बॉर्डर को सील कर दिया गया है. तोरखम बॉर्डर दोनों देशों के बीच कारोबार का मुख्य इलाका है.
तोरखम बॉर्डर से ही दोनों देशों के लोग आना-जाना करते हैं. यहां ज्यादातर पश्तुन आबादी है, जो हर रोज बॉर्डर पार करते हैं.
तोरखम बॉर्डर पर बनी मुख्य सड़क पाकिस्तान और अफगानिस्तान को जोड़ती है. इसी बॉर्डर के जरिए पूरे दिन सामान ढोने का काम चलता रहता है. ट्रकों की आवाजाही होती रहती है.