पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर गुरुवार को जानलेवा हमला हुआ. उन पर ये हमला तब हुआ, जब वो वजीराबाद में सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे. इस दौरान हमलावर ने फायरिंग कर दी. गोली इमरान के पैर में लगी थी. उन्हें तुरंत लाहौर के अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.
हमले के बाद इमरान खान ने कहा कि वो झुकने वाले नहीं है और पाकिस्तानियों के हक-ए-आजादी के लिए लड़ते रहेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अल्लाह ने उन्हें दूसरी जिंदगी बख्शी है और वो अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
इमरान पर हमला करने वाले हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने कबूल किया है कि उसका मकसद इमरान की जान लेना था. वो इमरान खान को मारना चाहता था क्योंकि वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उसने ये भी कहा कि वो अजान के वक्त गाने बजा रहे थे.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता फवाद चौधरी ने आरोप लगाया कि ये इमरान खान पर एक सुनियोजित हत्या की कोशिश थी, जिसमें वो बाल-बाल बच गए. बहरहाल, इस मामले में सुरक्षा चूक की बात भी सामने आ रही है.
कहां हुआ सिक्योरिटी लैप्स?
पाकिस्तान के अखबार DAWN ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 26 अक्टूबर को पंजाब प्रांत के आईजी ने बकायदा एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें इमरान के मार्च के दौरान फुलप्रूफ सिक्योरिटी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया था.
गृह विभाग ने सख्त निर्देश दिए थे कि इमरान जब रैली को संबोधित करेंगे, तो उनके आसपास बुलेटप्रूफ ग्लास लगाया जाए और पुलिस की एक लेयर भी रहे ताकि कोई भी उनके करीब न आ सके. लेकिन जब इमरान पर हमला तब न तो वहां बुलेटप्रूफ ग्लास लगा था और न ही पुलिस की कोई लेयर थी.
गृह विभाग की ओर से जारी SOP में निर्देश दिया गया था कि रैली में आने वाले हर व्यक्ति की सख्ती से जांच की जाए, ताकि कोई हथियार लेकर अंदर न आ सके. साथ ही हवाई फायरिंग की भी जांच की जाए. एक पुलिस अधिकारी ने DAWN को बताया कि अगर अच्छे से जांच की जाती तो घटना को टाला जा सकता था.
SOP में ये भी लिखा था कि मार्च के आसपास किसी ड्रोन को उड़ने की इजाजत नहीं होगी. आसपास की ऊंची इमारतों की अच्छी तरह से निगरानी की जाए और अगर मोबाइल सर्विस बाधित होती है तो तुरंत गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी जाए.
4 नवंबर को इस्लामाबाद पहुंचना था
इस साल अप्रैल में इमरान खान सत्ता से बेदखल हो गए थे. उनकी अपनी ही पार्टी में बगावत हो गई थी. इसके बाद शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन गए थे. तब से ही इमरान सेना और सरकार के खिलाफ मुखर हैं.
इमरान ने 28 अक्टूबर को लाहौर से मार्च की शुरुआत की थी. इस मार्च को 4 नवंबर को राजधानी इस्लामाबाद पहुंचना था, जहां इमरान एक रैली करने वाले थे. इमरान लगातार सरकार से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं.
हालांकि, अभी तक इमरान को इस्लामाबाद में रैली करने की इजाजत नहीं मिली थी. इमरान पर हमले के बाद अब 11 नवंबर को मार्च के इस्लामाबाद में पहुंचने की संभावना है.
इमरान की पार्टी ने हमले के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया है.