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आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने रविवार को ही पद की शपथ ली. अपने दूसरे कार्यकाल में जरदारी एक नई मिसाल कायम करने जा रहे हैं. दरअसल, जरदारी पाकिस्तान की 'फर्स्ट लेडी' का दर्जा अपनी बेटी को देने जा रहे हैं.
पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ARY न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि राष्ट्रपति जरदारी ने फर्स्ट लेडी का दर्जा अपनी बेटी आसिफा को देने का फैसला लिया है. जल्द ही इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा.
आमतौर पर किसी भी देश में फर्स्ट लेडी का दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को मिलता है. पाकिस्तान के इतिहास में ये पहली बार होगा जब राष्ट्रपति की बेटी को ये दर्जा दिया जाएगा.
आधिकारिक घोषणा के बाद आसिफा भुट्टो जरदारी को फर्स्ट लेडी की तरह सारे विशेषाधिकार दिए जाएंगे. आसिफा राष्ट्रपति जरदारी की छोटी बेटी हैं.
कौन हैं आसिफा भुट्टो जरदारी?
आसिफा, आसिफ अली जरदारी और बेनजीर भुट्टो की बेटी हैं. दोनों के तीन बच्चे थे. सबसे बड़े बिलावल भुट्टो हैं, उनके बाद बेटी बख्तावर भुट्टो हैं. आसिफा सबसे छोटी हैं. आसिफा अभी 31 साल की हैं. बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे हैं. 34 साल की बख्तावर भुट्टो भी राजनीति में सक्रिय हैं.
आसिफा पाकिस्तान की पहली बच्ची थीं, जिन्हें पोलियो की वैक्सीन लगी थी. जब उनकी मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री थीं, तब देश में पोलियो की वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ था. उस वक्त आसिफा पोलियो-फ्री कैंपेन की ब्रांड एम्बेसेडर भी थीं.
उन्होंने लंदन से पब्लिक हेल्थ में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी. आसिफा पहली बार लाइमलाइट में तब आई थीं, जब वो अपने पिता के साथ 2012 में नोबेल विजेता मलाला युसुफजई से बर्मिंघम में मिलने गई थीं. तब मलाला की उम्र 15 साल थी और तालिबान ने उन पर हमला कर दिया था. उस समय 19 साल की आसिफा ने बर्मिंघम में मलाला के परिवार और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात की थी.
21 साल की उम्र में आसिफा ने ऑक्सफोर्ड यूनियन में भाषण दिया था. यहां भाषण देने वालीं वो पाकिस्तान की सबसे युवा महिला थीं.
2019 में एक इंटरव्यू में आसिफा ने कहा था, 'हमारे पास दो ऑप्शन हैं. या तो बोलें या चुप रहें. मेरे दादाजी ने पाकिस्तान की आवाम के अधिकारों के लिए बोला. मेरी मां ने भी बोलने को ही चुना. मेरे दादाजी और मां के विजन के आधार पर ही मेरे भाई ने भी पूरे पाकिस्तान के लिए बोलना चुना. इसलिए हम बोलना जारी रखेंगे.'
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फर्स्ट लेडी का मतलब क्या?
आमतौर पर किसी भी देश में फर्स्ट लेडी का दर्जा वहां के राष्ट्रपति या प्रमुख की पत्नी को दिया जाता है. लेकिन पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार फर्स्ट लेडी का दर्जा राष्ट्रपति की बेटी को मिल रहा है.
पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, फर्स्ट लेडी पारंपरिक रूप से विदेशी मेहमानों के आने पर डिनर को होस्ट करती हैं.
फर्स्ट लेडी एक पॉलिटिकल वर्कर्स की तरह काम करती हैं. कॉन्फ्रेंस और समिट को संबोधित करती हैं. फर्स्ट लेडी अलग-अलग कामों के लिए एनजीओ से मदद लेती हैं.
इतना ही नहीं, पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी वहां के प्रधानमंत्री की पत्नी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं.
डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान में फर्स्ट लेडी सामाजिक और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर अपनी पहल शुरू करने के लिए जानी जाती हैं. हालांकि, कुछ फर्स्ट लेडी जिनमें आसिफा की दादी नुसरत भुट्टो भी शामिल हैं, राजनीति में भी काफी सक्रिय रही हैं.
पाकिस्तान में बना रिकॉर्ड
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पत्नी बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 की हत्या कर दी गई थी. बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री भी रही थीं.
पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति की बेटी को फर्स्ट लेडी का दर्जा नहीं मिला है. हालांकि, अमेरिका में इसके कुछ उदाहरण जरूर मिलते हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन की बेटी मार्था जेफरसन ने उनके शासन में एक्टिंग फर्स्ट लेडी के तौर पर काम किया था. एक और अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्र्यू जैक्सन की बहू और भतीजी ने भी एक्टिंग फर्स्ट लेडी के रूप में काम किया था.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति चेस्टर आर्थर और ग्रोवर क्लेवलैंड ने अपनी बहनों को फर्स्ट लेडी का दर्जा दिया था.