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कनाडा में लैंड करने के बाद गायब हो रहीं पाकिस्तान एयरलाइंस की महिलाएं, क्या है मिसिंग स्टाफ का रहस्य?

पाकिस्तान से एक अलग ही मामला आ रहा है. वहां पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) की फ्लाइट अटेंडेंट्स दूसरे देशों में लैंड तो करती हैं, लेकिन उसके बाद गायब हो जाती हैं. हाल में इसी एयरलाइंस से कनाडा पहुंचकर गायब हुई एक स्टाफ ने नोट लिख छोड़ा था- थैंक यू पीआईए. तो क्या पाकिस्तानी फ्लाइट क्रू जान-बूझकर देश से भाग रहे हैं?

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पाकिस्तान के एयरलाइंस स्टाफ कनाडा पहुंचकर वापस नहीं लौट रहे.
पाकिस्तान के एयरलाइंस स्टाफ कनाडा पहुंचकर वापस नहीं लौट रहे.

पीआईए की केबिन क्रू मरियम रजा अपनी रूटीन फ्लाइट में कनाडा के टोरंटो पहुंची. वहां लैडिंग के बाद उनका कहीं पता नहीं लगा. पाकिस्तान में तलाशी लेने पर उनके सामान में कंपनी को शुक्रिया कहता हुए एक कागज मिला. ऐसा लगातार हो रहा है. केबिन क्रू कनाडा पहुंचकर अदृश्य हो जाते हैं. जनवरी में इसी एयरलाइंस की एक और स्टाफ गायब हुई थीं. पिछले साल पीआईए के ही 7 स्टाफर कनाडा में मिसिंग हो गए. बाद में पता लगा कि उन्होंने वहां शरण ले ली है. 

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पाकिस्तान की बदहाली है कारण

फ्लाइट स्टाफ का दूसरे, खासकर बड़े देश पहुंचते ही मिसिंग हो जाना एक खास ट्रेंड की तरफ इशारा करता है. गरीबी से जूझते और इंटरनेशनल फंड के मोहताज इस देश में युवा लगातार बाहर जा रहे हैं. खुद पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिसटिक्स ने बताया कि पिछले सालभर में सवा 8 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया. लेकिन ये वो डेटा है, जो रिकॉर्ड में हैं. बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो आधिकारिक तौर पर देश नहीं छोड़ते, जैसे एयरलाइंस के क्रू का गायब होना. 

क्यों कनाडा पहुंचकर ज्यादा गायब हो रहे लोग

पिछले साल 7 फ्लाइट अटेंडेंट टोरंटो में उतरने के बाद वापस अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटे. इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों ही शामिल हैं. लेकिन ये वहां जाने पर किडनैप नहीं हो रहे, बल्कि शरण ले रहे हैं. पीआईए के स्पोक्सपर्सन ने पिछले नवंबर को इसके लिए कनाडा की असाइलम नीति को जिम्मेदार बताया, जो बेहद उदार है. 

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Pakistani flight attendants disappearance after landing in another country

कैसे मिलती है शरण 

कनाडा में अगर कोई शरण लेना चाहे तो उसे वहां फिजिकल तौर पर मौजूद होना होगा.

यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीस के मुताबिक, आप कनाडा में एयरपोर्ट पहुंचकर भी वहां सीधे असाइलम के लिए आवेदन कर सकते हैं.

इसके लिए पूरे दस्तावेज होना जरूरी है. साथ ही पक्का कारण भी होना चाहिए. जैसे अपने ही देश में आपको जान का खतरा है, या फिर राजनैतिक दिक्कत के चलते आप अपना पेट तक नहीं भर पा रहे.

अक्सर युद्ध वाले हालातों में फंसे देश के लोग असाइलम मांगते हैं. या फिर नेचुरल आपदा से तहस-नहस हुए देश. 

खुद मौजूद होना है जरूरी

असाइलम की अर्जी मंजूर होने के बाद लोगों को रिफ्यूजी का दर्जा मिलता है. ये कुछ सालों से लेकर काफी लंबे वक्त के लिए हो सकता है. टाइम पीरियड इसपर निर्भर करता है कि आपके बताए हुए कारण की गंभीरता कितनी है. कनाडा के मामले में ये है कि अपने देश में बैठे-बैठे वहां असाइलम नहीं ले सकते, बल्कि एयरपोर्ट, लैंड बॉर्डर या सीपोर्ट पर आपको मौजूद होना चाहिए. यहीं सारी जांच हो जाएगी.

Pakistani flight attendants disappearance after landing in another country

स्टाफ को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम

फिलहाल पाकिस्तान अपने फ्लाइट अटेंडेंट्स को रोकने के लिए कई काम कर रहा है. जो भी टोरंटो या कहीं और जाकर गायब हो रहे हैं, उनकी सारी सेवाएं और पैसे रोक दिए जाते हैं. साथ ही कथित तौर पर पीआईए अधिकारी स्टाफ के पासपोर्ट अपने पास रखने की कोशिश भी कर रहा है ताकि वे अर्जी ही न दे सकें. 

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इन तरीकों से भी हो रही एंट्री

दूसरे देश जाने के कई और तरीके भी चलन में हैं, जो अवैध हैं. ऐसा ही एक रास्ता वीजा ओवरस्टे है. इसके तहत लोग प्रॉपर वीजा लेकर आते हैं, लेकिन उसके एक्सपायर होने के बाद भी देश में रुके रहते हैं. ऐसे लोग टूरिस्ट होते हैं, या कोई बिजनेस दिखाकर देश में प्रवेश करते हैं. कई देशों में लोग धार्मिक वीजा लेकर आते हैं और मिसिंग हो जाते हैं. कुछ समय छिपकर वे मेनस्ट्रीम हो जाते हैं. पकड़े जाने पर जान का खतरा बताने पर अक्सर अमीर देश छूट दे देते हैं. 

Pakistani flight attendants disappearance after landing in another country photo Unsplash

क्या इनकी ट्रैकिंग संभव है

इन अवैध शरणार्थियों को ट्रैक करना आसान नहीं. हालांकि पकड़ में आने पर इनके लिए सजा है. जैसे अगर कोई अमेरिका जाकर वहां एक साल या इससे कम वक्त के लिए ओवरस्टे कर जाए तो अगले तीन सालों तक वो अमेरिका नहीं जा सकता. उसका वीजा रिजेक्ट हो जाएगा. अगर कोई एक साल से ज्यादा समय छिपकर बिता दे तो 10 सालों के लिए उसे अमेरिका में एंट्री नहीं मिलती. ज्यादातर लोग उन्हीं देशों में अवैध रूप से जाते हैं, जहां उनका सपोर्ट सिस्टम हो, जैसे नाते-रिश्तेदार. वे इन्हें छिपने या पहचान छिपाने में मदद देते हैं. तब पकड़ाई मुश्किल है. 

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ये है अवैध घुसपैठ का सबसे खतरनाक तरीका

कबूतरबाजी या डंकी रूट भी एक तरीका है. इसमें लोग एक देश का वीजा लेते हैं, लेकिन वहां पहुंचने के बाद सूने रास्तों से होते हुए दूसरे देशों में एंट्री कर जाते हैं. कबूतरबाजी वैसे काफी खतरनाक तरीका है. इसमें पानी और जंगलों के रास्ते हफ्तों जाना होता है. कई बार इसमें लोग बीमार होकर खत्म हो जाते हैं, या तस्कर मार देते हैं. पानी में जहाज के डूबने जैसे हादसे भी आम हैं. 

यूएन रिफ्यूजी एजेंसी UNHCR के अनुसार, पिछले साल यूरोप में घुसने की कोशिश करते हुए ढाई हजार से ज्यादा लोग या तो गायब हो गए, या उनकी मौत हो गई.ये मौतें नाव उलटने, जंगल में भूखे फंसने या बर्फबारी से हुईं. 

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