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पत्थरबाजी में भी 20 साल की सजा, हर 5 में से 1 फिलिस्तीनी कैदी... इजरायली कंट्रोल वाले इलाकों का हाल

हर 5 में से 1 फिलिस्तीनी कभी न कभी इजरायल की जेलों में जाता है. ये प्रतिशत अमेरिका से कहीं ज्यादा है, जहां हर 200 में से एक अमेरिकी जेल की हवा खाता है. इजरायल में एक खास तरह का मिलिट्री ऑर्डर है, जो छोटी-बड़ी गतिविधियों को जुर्म की श्रेणी में रखता है. यहां तक कि पत्थरबाजी के लिए भी सालों कैद हो सकती है.

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इजरायल में फिलिस्तीन के काफी लोग कैद हैं. सांकेतिक फोटो (AFP)
इजरायल में फिलिस्तीन के काफी लोग कैद हैं. सांकेतिक फोटो (AFP)

हमास के साथ हुई डील के तहत इजरायल अपने यहां से फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ रहा है, जिसके बदले में बंधकों की रिहाई हो रही है. लेकिन होस्टेज एक्सचेंज के बीच ये बात चर्चा में है कि आखिर इजरायल में हजारों फिलिस्तीनी नागरिक किस जुर्म में बंदी हैं और अपराध साबित होने पर उन्हें किस तरह की सजा मिलती है. 

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फिलहाल क्या स्थिति है

7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला करते हुए वहां से करीब 200 लोगों को बंधक बना लिया. अब इन्हीं लोगों को छोड़ने के बदले वो इजरायली जेलों में बंद कैदियों को छु़ड़वा रहा है. दावा किया जा रहा है कि इजरायल प्रिजन सर्विस (IPS) ने बड़ी संख्या में किशोरों को भी जेलों में डाल रखा है. यहां औसतन हर पांच में से एक शख्स जेल जाता है, जबकि पुरुषों के मामले में संख्या हर पांच में से दो हो जाती है. 

हमास के अटैक के बाद बढ़े कैदी

इजरायल में काम करने वाले एनजीओ हामोक्ड के मुताबिक, वहां की जेलों में 5 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी कैद थे. 7 अक्टूबर को हमास के अटैक के बाद इनकी संख्या पौने 7 हजार हो गई. ये वे लोग हैं, जिन पर इजरायल को या तो शक है, या फिर जिन्होंने हमास के सपोर्ट में कोई न कोई एक्टिविटी की. 

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यूनाइटेड नेशन्स का डेटा और डराता है. साल 1967 में जब अरब देशों से लड़ाई के बाद इजरायल ने येरूशलम, गाजा पट्टी और वेस्ट बैंकपर कब्जा किया, उसके बाद से अब तक करीब 10 लाख फिलिस्तीनी कभी न कभी अरेस्ट हो चुके हैं. यहां बता दें कि पूरे गाजा पट्टी की आबादी करीब 22 लाख है. 

palestinian detainees in israeli prisons reason amid hamas palestine war photo Unsplash

इन्हें जेल क्यों हुई

जीत के तुरंत बाद इजरायल ने मिलिट्री ऑर्डर 101 जारी किया. इसमें कई ऐसी चीजों को अपराध की श्रेणी में रखा गया, जिसे ज्यादातर देश फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन मानते हैं. 

- इजरायल-ऑक्युपाइड इन जगहों पर प्रदर्शनी की मनाही है. 

- किसी तरह का इजरायल-विरोधी नारा नहीं लगाया जा सकता. 

- पॉलिटिकल मटेरियल छापा या बांटा नहीं जा सकता. 

- इजरायल-विरोधी संस्था को किसी भी तरह का सपोर्ट नहीं दिया जा सकता. 

मिलिट्री ऑर्डर 101 के बाद भी कई संशोधन हुए. गाजा पट्टी में फिलहाल इसमें कई तरह की छूट है, जबकि वेस्ट बैंक में अब भी ज्यादातर नियम लागू हैं. तीन साल बाद एक और ऑर्डर आया, इसमें मिलिट्री कोर्ट बनाए गए. इनका मकसद मामलों को जल्दी और ज्यादा मानवीयता से निपटाना था. वहीं एनजीओ आरोप लगाते हैं कि इसके बाद बहुत से मिलिट्री ऑर्डर लगातार आए, जिसमें फिलिस्तीनियों के सिविक और पॉलिटिकल एक्सप्रेशन्स पर लगाम लगा दी गई. 

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palestinian detainees in israeli prisons reason amid hamas palestine war photo Wiki

कितनी जेलें हैं 

फिलहाल इजरायल के भीतर 19 जेलें हैं, जहां फिलिस्तीनी रखे जाते हैं. इसके अलावा वेस्ट बैंक में एक जेल है. चौथे जेनेवा कंवेंशन के मुताबिक, प्रशासनिक क्षेत्रों से लोगों को उठाकर अपने यहां रखना गलत है, लेकिन इजरायल कथित तौर पर इसे नजरअंदाज करते हुए वेस्ट बैंक या गाजा पट्टी के लोगों को अपने यहां रख रहा है. 

प्रशासनिक बंदी भी काफी ज्यादा

इजरायल की जेलों में 1200 से ज्यादा प्रशासनिक बंदी भी हैं. ये वे लोग हैं, जो किसी ट्रायल या चार्ज के बिना भी लंबे समय तक जेलों में रखे जा सकते हैं. इसमें सरकार कह सकती है कि उसे कोई गुप्त सबूत मिला, जिसके आधार पर वो ऐसा कर रही है. इजरायल का कहना है कि वो सबूत जुटाने की प्रोसेस में लोगों को डिटेन करके रखता है. 

कितने बच्चे बंदी हैं 

पिछले 23 सालों में 12 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी बच्चों को इजरायल ने बंदी बनाया. इजरायली मिलिट्री हर साल कम से कम 700 ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाती है, जिनकी उम्र 18 साल से कम है. सबसे कॉमन अपराध पत्थरबाजी है, जिसपर 20 सालों की कैद भी हो सकती है, अगर ये साबित हो सका कि पत्थरबाज ने गाड़ी या घर के भीतर मौजूद लोगों को मारने के इरादे से ऐसा किया है. बता दें कि साल 2011 से अब तक पत्थरबाजी के चलते 3 इजरायलियों की जान जा चुकी. 

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palestinian detainees in israeli prisons reason amid hamas palestine war photo Unsplash

किन लोगों को छोड़ रहा है इजरायल 
ये वे लोग हैं, जो हमास, फतेह, इस्लामिक जेहाद और पॉपुलर फ्रंट से हैं. इस लिस्ट में वो लोग भी हैं, जो ईस्ट जेरूशलम में रहते हैं और जिनके पास इजरायल का ID है. ज्यादातर कैदियों पर हत्या की कोशिश का आरोप है. कथित तौर पर हमास की दी हुई लिस्ट में मर्डर कर चुके लोगों का भी नाम था, लेकिन इजरायल ने इसपर सहमति नहीं दी. लिस्ट के कुल लोगों में से 123 की उम्र 18 साल से कम है.

किस देश की जेलों में सबसे ज्यादा कैदी

इसमें पहला नाम अमेरिका का हुआ करता था, जहां हर 200 में से एक शख्स जेल जाता. लेकिन अब चीन इसमें टॉप पर है. वहां बीते साल 1.7  मिलियन लोगों को जेल हुई. 

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