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देश की संसद में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब सदन के अंदर और बाहर हंगामा हो गया. लोकसभा में दो लोग विजिटर्स गैलरी से कूद आए और पीले रंग का स्प्रे छिड़क दिया. वहीं, संसद भवन के बाहर भी दो लोगों ने ऐसा ही किया.
इस पूरे मामले में 6 लोगों के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है. पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि, एक की तलाश अब भी जारी है.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वो लोग किसान आंदोलन, मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी जैसे देश की समस्याओं से परेशान थे, इसलिए उन्होंने ये सब किया.
सुरक्षा चूक को लेकर गुरुवार को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, लोकसभा सचिवालय ने आठ कर्मचारियों को भी सस्पेंड कर दिया है.
ऐसे में जानते हैं कि ये सभी 6 आरोपियों का एक-दूसरे से क्या कनेक्शन है? सभी एक-दूसरे को कैसे जानते थे? भगत सिंह से इनका क्या कनेक्शन था?
सभी 6 आरोपियों पर क्या हैं आरोप?
इस मामले में कुल 6 लोगों- सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, विशाल शर्मा और ललित झा को आरोपी बनाया गया है.
लोकसभा चैम्बर में कूदने वालों में सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शामिल थे. शून्यकाल के दौरान ये लोग कूदे थे. इन्होंने कनिस्तर से पीले रंग का धुआं छोड़कर नारेबाजी की.
जिस समय सागर और मनोरंजन लोकसभा के अंदर हंगामा कर रहे थे. उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाकर वही पीले रंग का धुआं छोड़ा.
जब नीलम और अमोल धुआं छोड़ रहे थे, तब ललित उनका वीडियो बना रहा था. ललित ने इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर भी अपलोड कर दिया.
वहीं, विशाल गुरुग्राम का रहने वाला है. ये सभी लोग विशाल के घर पर ही रुके थे. ललित को छोड़कर बाकी सभी पांचों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने विशाल की पत्नी को भी हिरासत में लिया है. ललित को इसका मास्टरमाइंड माना जा रहा है.
संसद में घुसपैठ की ऐसे हुई प्लानिंग
साल 2022 में ललित, सागर और मनोरंजन ने मैसूर में मुलाकात की. इस दौरान इन तीनों ने संसद में घुसपैठ का प्लान बनाया. बाद में इस प्लान में नीलम और अमोल भी शामिल हो गए.
ललित झा एक टीचर है और उसे ही इस सबका मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ललित के निर्देश पर ही मनोरंजन ने इस साल जुलाई में संसद भवन के सभी एंट्री प्वॉइंट की रेकी की.
अब तक की जांच में सामने आया है कि जुलाई में जब मॉनसून सत्र चल रहा था, तब मनोरंजन विजिटर पास बनवाकर संसद के अंदर गया. यहां उसे पता चला कि विजिटर के जूतों की चेकिंग नहीं की जाती.
कल्याण से 1200 में खरीदे थे 5 कलर स्मोक
अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. वो ग्रेजुएट है, लेकिन बेरोजगार है. वो पहले प्लंबर के हेल्पर के तौर पर काम करता था, लेकिन बाद में उसने नौकरी छोड़ दी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में अमोल ने बताया कि उसने महाराष्ट्र के कल्याण से कम से कम 5 कनिस्तर खरीदे थे. इनकी कीमत 1200 रुपये थी. पुलिस के मुताबिक, अमोल का मुंबई आना-जाना भी लगा रहता था.
तीन दिन पहले गुरुग्राम आ गए थे सब
10 दिसंबर को पांचों- ललित, सागर, अमोल, नीलम और मनोरंजन गुरुग्राम आ गए. यहां वो विशाल शर्मा उर्फ विक्की के घर पर रुके.
मंगलवार तक पांचों विशाल के घर पर ही रुके. बुधवार सुबह पांचों संसद भवन की ओर निकल पड़े. मैसूर-कोडागू से सांसद प्रताप सिम्हा के जरिए इन्हें विजिटर पास मिला. पहले सभी पांचों लोकसभा चैम्बर के अंदर जाना चाहते थे. लेकिन सभी को पास नहीं मिल सका. इस कारण सागर और मनोरंजन ही अंदर पहुंचे.
मनोरंजन सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस आता-जाता रहता था. क्योंकि वो उसी के क्षेत्र के सांसद थे. मनोरंजन ने ही सागर की पहचान करवाई थी. दोनों ने ये कहकर विजिटर पास मांगा था कि वो नए संसद भवन को देखना चाहते हैं.
भगत सिंह से क्या था कनेक्शन?
पुलिस के मुताबिक, सभी आरोपी एक-दूसरे को चार साल से जानते थे. पिछले साल जब सब मिले तो सभी फेसबुक पर 'भगत सिंह फैन पेज' से जुड़ गए.
पुलिस के मुताबिक, कोलकाता का रहने वाला ललित शहीद भगत सिंह से बहुत ज्यादा प्रभावित था. और वो भी कुछ ऐसा करना चाहता था, जिससे देश का ध्यान खींच सके.
मनोरंजन का नाम सामने आते ही मैसूर में पुलिस ने उसके घर वालों से भी पूछताछ की. न्यूज एजेंसी ने पुलिस के हवाले से बताया कि मनोरंजन का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं है. वो बहुत शांत था, लेकिन वो जिस तरह की किताबें पढ़ता था, उससे लगता है कि वो 'क्रांतिकारी टाइप' था.
एक और पुलिस अफसर ने बताया कि मनोरंजन भगत सिंह का फैन था. उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि आजादी की लड़ाई के दौरान भगत सिंह ने जो किया था, ये लोग भी वैसा ही कुछ करना चाहते थे.
8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम धमाका कर दिया था. बताया जा रहा है कि सभी आरोपी 'भगत सिंह युवा फैन क्लब' से भी जुड़े हुए थे.
आगे क्या...?
सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन सभी के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है.
इस पूरी घटना की जांच स्पेशल सेल की एंटी-टेरर यूनिट कर रही है. ललित की तलाश भी जारी है. ललित की आखिरी लोकेशन राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर के पास नीमराना के पास ट्रेस की गई थी.
आरोपियों का दावा है कि वो किसी भी संगठन से नहीं जुड़े हैं. लेकिन एक सीनियर अफसर ने बताया कि दो संगठनों का नाम सामने आया है और जांच की जा रही है. पुलिस अफसर का कहना है कि लगता है कि वो पहले से ही तैयार थे कि जब पुलिस उनसे पूछताछ करेगी तो उन्हें क्या जवाब देना है.