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Raid on NewsClick: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को न्यूज वेबसाइट न्यूक्लिक से जुड़े करीब 85 ठिकानों पर छापेमारी की. साथ ही संस्था से जुड़े कई पत्रकारों से पूछताछ भी की. इसके बाद न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया.
छापेमारी के दौरान दिल्ली पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप समेत तकरीबन 80 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को जब्त कर लिया. अब इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की जांच की जाएगी. बैंक खातों की डिटेल भी खंगाली जाएगी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, स्पेशल सेल ने नया केस दर्ज किया है और जांच शुरू की है. स्पेशल सेल ने सेंट्रल एजेंसी से मिले इनपुट के आधार पर कंपनी पर छापेमारी की है.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी फंडिंग के सोर्सेस की जांच के लिए न्यूजक्लिक के परिसरों पर छापेमारी की थी.
25 सवालों की लिस्ट है तैयार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों के लिए 25 सवालों की लिस्ट तैयार की थी. इसमें 2020 के दिल्ली दंगे, किसान आंदोलन और विदेश यात्रा से जुड़े सवाल शामिल हैं.
पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने बताया, सुबह साढ़े छह बजे नौ पुलिसवाले गुरुग्राम स्थित उनके घर पर आए और कई सारे सवाल किए.
उन्होंने बताया, 'मैं स्पेशल सेल के दफ्तर अपनी मर्जी से आया हूं. उन्होंने मुझसे कई सवाल किए. मुझसे पूछा कि क्या मैं न्यूजक्लिक का कर्मचारी हूं तो मैंने कहां कि मैं सिर्फ कंसल्टेंट हूं. उन्होंने मुझसे मेरी सैलरी पूछी.'
उन्होंने आगे बताया, 'उन्होंने मुझसे पूछा क्या मैंने दिल्ली दंगा कवर किया था. मैंने कहा नहीं. फिर मुझसे पूछा कि क्या किसान आंदोलन कवर किया था. मैंने कहा हां. उन्होंने मुझसे ये भी पूछा कि मैं कबसे कंसल्टेंट हूं. तो मैंने बताया कि मई 2018 से. मैं जब यहां आया तब पता चला कि यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. मैं सुबह साढ़े आठ बजे आया था और शाम छह बजे निकल रहा हूं.'
ठाकुरता ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे ये भी पूछा कि क्या उन्होंने अमेरिका में किसी एस भटनागर को कॉल किया था तो मैंने कहा हां, वो मेरे जीजा हैं. पुलिस ने उनसे ये भी पूछा कि क्या वो सिग्नल ऐप इस्तेमाल करते हैं, जिसके जवाब में उन्होंने हां कहा.
किस-किससे हुई पूछताछ?
पुलिस ने बताया कि इस मामले में 46 लोगों से पूछताछ की गई है. इनमें 37 पुरुषों से स्पेशल सेल के दफ्तर में और 9 महिलाओं से उनके घर पर पूछताछ की गई.
जिन लोगों से पूछताछ की गई, उनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा, परंजय गुहा ठाकुरता के अलावा इतिहासकार सोहेल हाशमी और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट से जुड़े डी. रघुनंदन भी शामिल थे.
अभिसार शर्मा ने पूछताछ के बाद X पर लिखा, 'दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से पूछताछ के बाद मैं घर आ गया हूं. हर सवाल का जवाब दिया जाएगा. डरने की जरूरत नहीं है. मैं सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करता रहूंगा, खासकर उनसे जिन्हें सवालों से डर लगता है. पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है.'
स्पेशल सेल ने जिन जगहों पर छापेमारी की, उनमें सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का आधिकारिक आवास भी शामिल था. पुलिस ने येचुरी के दफ्तर में काम करने वाले श्री नारायण के बेटे सुमित से पूछताछ के लिए छापा मारा था. सुमित न्यूजक्लिक में काम करते हैं.
येचुरी ने बताया, 'वो बिना किसी नोटिस के यहां आए थे. शुरुआत में उन्होंने बताया कि बैंक लोन से जुड़ा मामला है. आखिरकार जब वो अंदर आ गए तो बताया कि मामला न्यूजक्लिक से जुड़ा है.'
उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि 'वो लगभग दो घंटे यहां बैठे रहे. कई सारे सवाल किए. जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो सुमित का लैपटॉप और फोन लेकर चले गए और कहा कि दो दिन बाद आकर ले जाना.'
एक और पत्रकार आर भाषा सिंह ने X पर लिखा, 'आखिरकार इस फोन से आखिरी ट्वीट हुआ. दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन जब्त कर लिया है.'
फाउंडर-एचआर हेड गिरफ्तार, दफ्तर सील
न्यूजक्लिक कुछ महीने पहले तब चर्चा में आया था, जब उस पर चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगा था. इसके साथ ही पुलिस ने न्यूजक्लिक के दफ्तर को भी सील कर दिया है.
पुलिस ने न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया. दोनों को आज कोर्ट में पेश किया गया है. पुलिस ने उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.
अब इन सात दिनों में इनसे पूछताछ की जाएगी और ये पता लगाने की कोशिश होगी कि जो रकम आई, उसे कहां खर्च किया गया.
किन-किन धाराओं में दर्ज हुआ है केस?
दिल्ली पुलिस ने इस साल 17 अगस्त को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इसी मामले में मंगलवार को छापेमारी की गई.
पुलिस ने यूएपीए की धारा-16, 17, 18 और 22C के तहत केस दर्ज किया है. साथ ही एफआईआर में आईपीसी की धारा-153A (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120B (आपराधिक साजिश) भी लगाई गई है.
दोष साबित हुआ तो लंबी सजा होगी?
पुलिस ने यूएपीए की जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, उनमें अगर दोष साबित हो जाता है तो लंबी सजा का प्रावधान है.
धारा-16 आतंकवादी कृत्य से जुड़ी है. इसके तहत, अगर आतंकवादी कृत्य में किसी की मौत होती है तो दोषी को फांसी या उम्रकैद के साथ-साथ जुर्माने की सजा हो सकती है. बाकी दूसरे मामलों में कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है.
धारा-17 में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाने से जुड़ी है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. जुर्माना भी लगाया जाता है.
धारा-18 साजिश रचने के लिए सजा तय करती है. इस धारा के तहत भी अगर दोष साबित होता है तो पांच साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जाता है.
इसके अलावा धारा-22C के तहत कंपनी, सोसायटी या ट्रस्ट की ओर से किए गए कृत्य के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही कम से कम पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसे बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये भी किया जा सकता है.
न्यूजक्लिक ने क्या कहा?
न्यूजक्लिक ने कहा कि हम एक स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट हैं. हमारा पत्रकारीय कंटेंट इस पेशे के उच्च मानकों पर आधारित हैं. न्यूजक्लिक ऐसी कोई न्यूज या खबर प्रकाशित नहीं करता, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर चीन की किसी भी इकाई से जुड़ा हुआ हो. हम अपनी वेबसाइट पर चीन के किसी भी प्रोपेगेंडा का समर्थन नहीं करते. न्यूजक्लिक अपनी वेबसाइट पर प्रकासिथ किसी भी कंटेंट के लिए नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता. हमारी सभी फंडिंग उचित बैंकिंग माध्यमों के जरिए और कानून के तहत है.