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Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड में एक बार फिर आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aaftab Ameen Poonawala) ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आफताब ने जज के सामने कबूल किया है कि जो कुछ भी हुआ, वो सब 'Heat of the moment' था. इससे पहले पुलिस से पूछताछ में भी आफताब ने अपना जुर्म कबूल किया था.
हालांकि, आफताब के जुर्म कबूल करने के बावजूद उसे दोषी साबित करने के लिए अहम सबूत जुटाने होंगे. पुलिस को अब तक श्रद्धा का सिर नहीं मिला है. अब तक कुछ हड्डियां जरूर मिली हैं, जिनकी जांच हो रही है. मैदानगढ़ी के तालाब से भी कुछ हड्डियां बरामद हुई हैं. शुरुआती जांच में ये हड्डियां इंसानी हाथ की लग रहीं हैं. इन्हें भी फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है.
आफताब ने बताया था कि उसने इसी तालाब में श्रद्धा की खोपड़ी फेंकी थी. आफताब की निशानदेही पर पुलिस तालाब को खाली करवा रही है. पुलिस का मानना है कि यहां श्रद्धा की खोपड़ी हो सकती है. इस बीच 11 ऐसे गवाह सामने आए हैं, जिनसे पुलिस ने पूछताछ की है और आफताब के खिलाफ सबूत जुटाए हैं. इन गवाहों में से कुछ श्रद्धा के दोस्त हैं तो कुछ मददगार.
किन 11 गवाहों पर फोकस?
- लक्ष्मण नडारः श्रद्धा का दोस्त. इसी ने श्रद्धा के पिता को बताया था कि उससे कोई कॉन्टैक्ट नहीं हो रहा है. पुलिस ने लक्ष्मण का बयान दर्ज कर लिया है.
- राहुल रायः श्रद्धा का दोस्त. इसने दावा किया है कि 2020 में जब आफताब ने श्रद्धा से मारपीट की थी, तो उसने और दोस्तों ने मिलकर FIR दर्ज करवाई थी.
- गोडविनः श्रद्धा का मददगार. 2020 में राहुल और गोडविन ने नालासोपारा थाने में आफताब के खिलाफ FIR दर्ज करवाने में श्रद्धा की मदद की थी. बाद में श्रद्धा ने ये केस वापस ले लिया था.
- शिवानी म्हात्रे और उनका पतिः श्रद्धा की सबसे अच्छी दोस्त में से एक. श्रद्धा और शिवानी अक्सर बात करते रहते थे. आफताब की ज्यादती के बारे में श्रद्धा ने इसे बताया था.
- करण बहरीः श्रद्धा का मैनेजर था. न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली पुलिस शिवानी और करण के बीच हुई वॉट्सऐप पर हुई बात को सबूत के तौर पर पेश कर सकती है.
- जयश्री पाटकरः दिल्ली आने से पहले श्रद्धा-आफताब मुंबई के वसई में किराये के फ्लैट में रहते थे. जयश्री पाटकर इसी फ्लैट की ओनर हैं.
- दिल्ली फ्लैट ओनरः महरौली के जिस फ्लैट में आफताब और श्रद्धा साथ रहते थे, उसके मालिक से भी पूछताछ की गई है. श्रद्धा की हत्या के बाद इस फ्लैट का पानी का बिल बढ़ गया था.
- अब्दुल्ला खान और रामदास केवटः अब्दुल्ला वसई स्थित यूनिक पार्क हाउसिंग सोसायटी के सेक्रेटरी हैं. इसी सोसायटी में आफताब का परिवार रहता था. अब्दुल्ला खान ने बताया है कि 20 दिन पहले उसके परिवार वाले यहां से चले गए. रामदास सोसायटी के प्रेसिडेंट हैं.
- गोविंद यादवः गुडलक पैकर्स एंड मूवर्स के मालिक हैं. इसी के जरिए आफताब ने मुंबई से अपना सामान दिल्ली मंगाया था. ये सामान 5 जून को मंगाया था. आफताब ने कुल 37 सामान मंगाए थे. गोविंद का कहना है कि वो आफताब को नहीं जानते.
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कौन है बद्री, जिसकी पुलिस को तलाश?
श्रद्धा हत्याकांड में हिमाचल का भी कनेक्शन है. पुलिस का कहना है कि इस साल दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले आफताब और श्रद्धा कुल्लू घूमने गए थे. दोनों 6 अप्रैल को कुल्लू में थे.
हिमाचल में दोनों की बद्री नाम के शख्स से मुलाकात हुई थी, जो दिल्ली के छतरपुर का रहने वाला था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली आने के बाद श्रद्धा और आफताब कुछ दिनों तक बद्री के फ्लैट में ठहरे थे. बद्री ने ही उन्हें महरौली में फ्लैट दिलाने में मदद की थी.
फिलहाल बद्री पुलिस की पहुंच से दूर है. बद्री इस केस में अहम गवाह हो सकता है. कुछ दिन पहले पुलिस की टीम हिमाचल के तोष गांव के उस गेस्ट हाउस में भी गई थी, जहां आफताब और श्रद्धा रुके थे. पता चला है कि आफताब ड्रग्स तस्करों के संपर्क में भी था.
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श्रद्धा हत्याकांड क्या है?
श्रद्धा वॉल्कर और आफताब पूनावाला लिव-इन में रह रहे थे. दोनों 2019 से रिलेशन में थे. मुंबई में एक ही कॉल सेंटर में जॉब करते ते.
उनके रिलेशन को घर वालों ने एक्सेप्ट नहीं किया, इसलिए दोनों इसी साल दिल्ली आ गए और महरौली में एक फ्लैट में लिव-इन में रहने लगे.
दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे. 18 मई की रात को भी दोनों में झगड़ा हुआ था. जिसके बाद आफताब ने उसकी हत्या कर दी.
हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े कर दिए. इन टुकड़ों को अलग-अलग जगह-जगह फेंक दिया ताकि पकड़ा न जा सके.