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दक्षिण चीन सागर में ऐसा क्या है, जिसके लिए सालों से लड़-भिड़ रहे 6 देश, आखिर किसका है ये समुद्र?

चीन से के बीच ही वियतनाम साउथ चाइना सी में धड़ाधड़ नकली द्वीप बना रहा है. तीन सालों में आर्टिफिशियल आइलैंड्स की संख्या बढ़कर सात गुनी हो गई. वैसे दक्षिण चीन सागर दुनिया में सबसे विवादित टैरिटरी है, जिसपर चीन और वियतनाम के अलावा मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और ब्रुनई भी लड़ते-भिड़ते रहते हैं.

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दक्षिण चीन सागर सबसे विवादित भौगोलिक क्षेत्रों में से है. (Photo- Getty Images)
दक्षिण चीन सागर सबसे विवादित भौगोलिक क्षेत्रों में से है. (Photo- Getty Images)

एशिया मैरिटाइम ट्रांसपरेंसी इनिशिएटिन (AMTI) ने हाल में एक रिपोर्ट में बताया कि साउथ चाइना सी में वियतनाम ने सवा दो हजार एकड़ से ज्यादा हिस्से पर नकली द्वीप बना डाले. चीन के पास यहीं पर इससे लगभग दोगुने आइलैंड्स हैं. दक्षिण चीन सागर की जद में आने वाले लगभग सारे ही देश पानी में द्वीप बना रहे हैं ताकि उनका दावा ज्यादा मजबूत हो सके. माना जाता है कि दुनिया में समुद्र को लेकर जितने भी विवाद हैं, उनमें साउथ चाइना सी सबसे आगे है. 

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कहां है दक्षिण चीन सागर

ये प्रशांत महासागर के पश्चिमी किनारे से सटा हुआ है और एशियाई मेनलैंड के दक्षिण-पूर्व में पड़ता है. इसका दक्षिणी हिस्सा चीन को छूता है. दूसरी ओर दक्षिण-पूर्वी भाग पर ताइवान अपनी दावेदारी रखता है. सागर का पूर्वी तट वियतनाम और कंबोडिया से जुड़ा हुआ है. पश्चिमी तट पर फिलीपींस है. साथ ही उत्तरी इलाके में इंडोनेशिया के द्वीप हैं. 

क्यों इसमें कई देश लेते रहे दिलचस्पी

कई देशों से जुड़ा होने के कारण ये दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा व्यस्त जलमार्गों में से एक है, जहां से काफी ज्यादा इंटरनेशनल बिजनेस होता है. यहां तक कि जापान, जो साउथ चाइना सी के साथ सीधे जुड़ा हुआ नहीं, वो भी वियतनाम और फिलीपींस के जरिए व्यापार करता है.

यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट का अनुमान कहता है कि पूरी दुनिया के व्यापार का 21 फीसदी केवल इस पानी से होता है. ये आंकड़ा 2016 का है, जिसमें जाहिर तौर पर अब और ऊपर पहुंचा होगा. 

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south china sea dispute involves which countries china vietnam artificial islands photo Getty Images

सतह के नीचे इतना तेल और गैस हो सकते हैं

सी फूड के मामले में बेहद समृद्ध साउथ चाइना सी में सबसे ज्यादा विवाद पार्सल और स्प्राटलीज द्वीप समूह पर है. ये हिस्सा कच्चे तेल और नेचुरल गैसों का भंडार है. अलग-अलग रिसर्च की मानें तो समुद्र के नीचे 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस, जबकि 11 बिलियन बैरल तेल है. साथ ही मूंगे और समुद्री जीव-जंतुओं की भरमार है. दुनिया के आधे से ज्यादा फिशिंग वेसल इसी एरिया में काम करते हैं. 

साथ ही कई देशों की सीमाओं से सटा होने की वजह से इसकी सामरिक जरूरत भी बढ़ जाती है. यहां नकली द्वीपों पर अपने मिलिट्री बेस बनाकर दूसरों पर नजर रखी जा सकती है. 

चीन लगभग पूरे समुद्र पर करता है दावा

चीन इसके सबसे बड़े लगभग 90% हिस्से पर क्लेम करता आया. ये दावा नाइन-डैश लाइन मैप पर आधारित है, जो 1940 के दशक में एक चाइनीज जियोग्राफर यांग हुइरेन ने बनाया था. यांग ने डैश लाइन नाम से मैप बनाते हुए वहां बीच-बीच में लगभग तीन सौ नकली द्वीप भी बनाए, जिन्हें नाम दिया साउथ चाइना सी आइलैंड्स. इसे टाइम मैगजीन में भी कवर किया गया था. चीन ने इस नक्शे के सहारे दावा किया कि उसमें दिखाए सारे इलाके बीजिंग के ही हैं. 

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क्या है बाकी देशों का कहना

- वितयनाम ने सीधे कहा कि पार्सल और स्प्राटलीज द्वीपों पर 17वीं सदी से ही उसका कंट्रोल रहा. यहां तक कि उसके पास इसके सारे दस्तावेज भी हैं. 

- दूसरा बड़ा दावा फिलीपींस ने किया. ये देश स्प्राटलीज के ज्यादा करीब है, जिसके उसका क्लेम ज्यादा दमदार हो गया.

- फिलीपींस और चीन, होंग्यान आइलैंड पर भी विवाद करते आए हैं, जो कि फिलीपींस से सिर्फ सौ मील दूर है. 

- मलेशिया और ब्रुनई भी दक्षिण चीन सागर के उन हिस्सों पर दावा करते हैं, जो उनके सबसे ज्यादा करीब हैं. 

south china sea dispute involves which countries china vietnam artificial islands photo Getty Images

बता दें कि यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ सी के नियम में देश अगर साबित कर सके कि समुद्र के कुल 220 मील दूरी के बाद का भी हिस्सा उसके हक का है, तो इसपर उसका अधिकार माना जा सकता है. कई द्वीपों से मिलकर बना देश किसी उजाड़ द्वीप पर भी अपना दावा करता है, जो उसकी समुद्री सीमा के आसपास हो, या फिर जहां की वनस्पति उसकी वनस्पति से मिलती हो, तो ये क्लेम भी मान लिया जाता है.

कब-कब हुई लड़ाई

- साल 1974 में चीन ने वियतनाम से जंग कर पार्सल द्वीप पर कब्जा कर लिया था, जिसमें 70 से ज्यादा वियतनामी ट्रूप्स मारे गए. 
- साल 2012 में फिलीपींस और चीन के बीच बड़ी भिड़ंत होते-होते बची, उन्होंने समुद्र में एक-दूसरे का रास्ता रोक दिया था. 
- साल 2023 में फिलीपींस ने आरोप लगाया कि चीन की नावें उनकी बोट्स पर लेजर डाल रही हैं ताकि वे रास्ता भटक जाएं.  

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अपना दावा मजबूत करने के लिए चीन समेत देश पानी में आर्टिफिशियल द्वीप बनाने लगे. चीन ने इसके लिए खुदाई की ऐसी मशीनें बनाई हैं जो समुद्र के उथले किनारे से मिट्टी लेकर उसे किसी कोरल रीफ पर डालती जाती हैं. रीफ पूरी तरह पट जाने पर द्वीप का आधार पक्का हो जाता है, तब उसे पत्थरों औऱ सीमेंट से पाट दिया जाता है. चीन के इस काम पर लगातार कई देश आपत्ति जताते रहे. यहां तक कि उसे यूनाइटेड नेशन्स में ले जाने तक की धमकी दे दी.

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