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मंगलसूत्र से लेकर तोहफे में मिली प्रॉपर्टी तक- स्त्रीधन में क्या-क्या आता है, अविवाहित महिलाओं के क्या हैं अधिकार?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस सत्ता में आए तो महिलाओं का मंगलसूत्र तक नहीं बचेगा. वे मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. विपक्ष को घेरते इस बयान के बाद से हंगामा मचा हुआ है. इस बीच जानिए, मां-बहनों के गोल्ड या स्त्रीधन का क्या मतलब है? क्या गैर-शादीशुदा स्त्रियां भी इस दायरे में आती हैं?

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मंगलसूत्र या शादी में मिले गहनों के अलावा भी काफी कुछ स्त्रीधन है. (Photo- Getty Images)
मंगलसूत्र या शादी में मिले गहनों के अलावा भी काफी कुछ स्त्रीधन है. (Photo- Getty Images)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस सत्ता में आए तो महिलाओं का मंगलसूत्र तक नहीं बचेगा. वे मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. विपक्ष को घेरते इस बयान के बाद से हंगामा मचा हुआ है. इस बीच जानिए, मां-बहनों के गोल्ड या स्त्रीधन का क्या मतलब है? क्या गैर-शादीशुदा स्त्रियां भी इस दायरे में आती हैं?

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लगभग दो सप्ताह पहले कांग्रेस का मेनिफेस्टो आया. इसमें पार्टी ने वेल्थ डिस्ट्रिब्यूशन की बात की, मतलब दौलत का समान बंटवारा, या इतना बंटवारा कि गरीब की बेसिक जरूरतें पूरी हो जाएं. घोषणा पत्र जारी होने के बाद से भूचाल आया हुआ है. सत्ता पार्टी लगातार उसके पॉइंट्स पर उसे ही घेर रही है. मेनिफेस्टो को लेते हुए ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा कह दिया कि चुनावी युद्ध स्त्रीधन तक पहुंच गया. 

क्या कहा PM मोदी ने

राजस्थान में चुनावी जनसभा के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये? 

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streedhan property of women india amid pm narendra modi statement over mangalsutra congress manifesto photo PTI

उन्होंने आगे कहा था, 'ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे. और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयों-बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.'

अब कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी समेत सारे ही विपक्षी नेता मंगलसूत्र पर राजनीति कर रहे हैं. इस बीच चुनावी घमासान को छोड़कर जानिए कि मंगलसूत्र समेत स्त्रीधन क्या है. 

क्या मतलब है स्त्रीधन से

यह एक कानूनी टर्म है जिसका अर्थ है, महिला के हक का धन, संपत्ति, कागजात और दूसरी वस्तुएं. आमतौर पर माना जाता है कि स्त्रीधन में वही चीजें शामिल हैं, जो शादी के दौरान औरत को मिलती हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. ये गैरशादीशुदा स्त्री का भी कानूनी अधिकार है. इसमें वे सारी चीजें आती हैं, जो किसी महिला को बचपन से लेकर मिलती रही हों. इसमें छोटे-मोटे तोहफे, सोना, कैश, सेविंग्स से लेकर तोहफे में मिली प्रॉपर्टी भी आती है. शादी के दौरान मिले तोहफों से लेकर वैध्व्य के दौरान मिली चीजें भी, जो महिला को दी जाएं, सब इस श्रेणी में  हैं.

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महिला के शादीशुदा न होने पर भी उसे मिलने वाले छोटे से लेकर बड़े तोहफे इसी श्रेणी में आते हैं. इसमें चल-अचल सारी चीजें शामिल हैं. 

streedhan property of women india amid pm narendra modi statement over mangalsutra congress manifesto photo Getty Images

कौन से कानूनों के तहत अधिकार 

हिंदू महिला का स्त्रीधन का हक हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 14 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 27 के तहत आता है. इसके जरिए उसे शादी से पहले, शादी के समय या उसके बाद मिलते रहे तोहफों और प्रॉपर्टी पर अधिकार देता है. वहीं घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 12 महिलाओं को उन मामलों में स्त्रीधन का अधिकार देती है जहां वे घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं. वे इन कानूनों की मदद से अपना हक वापस ले सकती हैं.

स्त्रीधन रखने वाले केवल ट्रस्टी

कई ऐसे भी मामले होते हैं, जहां मंगलसूत्र को छोड़कर ज्यादातर स्त्रीधन महिला के ससुरालवाले रख लेते हैं, ये कहकर कि वे संभालकर रखेंगे. ऐसी स्थिति में कानून उन्हें स्त्रीधन का ट्रस्टी मानता है. जब भी वो मांग करेगी, गहने या कैश उसे लौटाने होंगे. 

स्त्रीधन को दान करने या बेचने का भी हक

महिला के पास ये अधिकार भी है कि वो अपने गहने, तोहफे या प्रॉपर्टी किसी दूसरे को तोहफे में दे या बेच सके. ससुरालवाले या पति उसे इसपर कानूनन नहीं रोक सकते, सिर्फ सलाह दे सकते हैं. औरत अगर चाहे तो अपनी ये संपत्ति पति को भी दे सकती है, अगर उसे कोई बड़ी जरूरत हो. हालांकि बाद में उसे ये लौटाना होता है.

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लेकिन ये सब तभी होता है जब स्त्री के पास अपनी संपत्ति का कोई लेखाजोखा रहे. जैसे, स्त्रीधन की लिस्ट हो, साथ में उसकी तस्वीरें भी हों. अगर आपने संपत्ति किसी लॉकर में रखी हो, तो उसका नंबर याद रहना चाहिए. कई बार इसमें कुछ कन्फ्यूजन भी हो जाता है. जैसे सास-बहू ने एक ही लॉकर में गहने रख दिए. बाद में तनाव होने पर स्त्रीधन के बंटवारे में मुश्किल आ सकती है, अगर तोहफों का डॉक्युमेंटेशन न हो. 

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