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क्यों चर्च के कन्फेशन बॉक्स में जुर्म कुबूलकर बड़े से बड़ा अपराधी भी बच निकलता है?

स्विट्जरलैंड में यौन शोषण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ, जिसका तार चर्च से जुड़ा है. वहां की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी ने दावा किया कि 1000 से ज्यादा लोगों के साथ शोषण के सबूत मिले. अक्सर ऐसे मामले खुलने पर चर्च के लोगों को दूसरे प्रांत के चर्च भेज दिया जाता था, ताकि वे बचे रहें. माना जाता है कि यौन शोषण के मामले दबाने में कन्फेशन बॉक्स का भी रोल रहा.

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चर्च का कन्फेशन बॉक्स. सांकेतिक फोटो (Getty Images)
चर्च का कन्फेशन बॉक्स. सांकेतिक फोटो (Getty Images)

धार्मिक संस्थाओं की छवि सुधारने और तकलीफ झेल चुके लोगों को इंसाफ दिखाने की पहल में ज्यूरिख यूनिवर्सिटी ने ये रिसर्च की. स्विस कांफ्रेंस ऑफ बिशप इस रिपोर्ट में हिस्सेदार बनी. इसके तहत चर्च के पुराने दस्तावेज खंगाले गए, जिसमें बहुत से ऐसे मामले मिले. ज्यादातर केसों में चर्च के बड़े अधिकारी जुड़े हुए थे. वे कई सालों तक पीड़ित का यौन शोषण करते रहे और मामला दबा रहा. अब स्विस कांफ्रेंस ऑफ बिशप ये भी टटोलने की कोशिश में है कि क्या स्विस सरकार ने भी लोगों को मुंह खोलने से रोकने के लिए दबाव बनाया था.

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किन देशों में कितने केस आ चुके

- फ्रांस में साल 1950 से 2020 के बीच सवा 2 लाख से भी ज्यादा यौन शोषण चर्च के पादरियों ने किए. ये बात खुद कैथोलिक बिशप्स की कमीशन ने मानी. 

- ऑस्ट्रेलियाई सरकार की गठित रॉयल कमीशन ने इसी दौरान साढ़े 4 लाख सेक्सुअल एब्यूज के मामलों का पता लगाया. 

- जर्मनी में साल 1975 से लेकर 2018 के बीच साढ़े 3 सौ बच्चों का यौन शोषण हुआ. ये केवल एक प्रांत का हाल था. एक और रिपोर्ट ने माना कि बहुत से पादरी 13 साल से छोटे बच्चों का यौन शोषण करने के आदी रहे. 

- अमेरिका के बोस्टन प्रांत में बहुत से मामले आने के बाद कमेटी बनी. यहां केसों के नंबर तो नहीं पता लगे लेकिन वकीलों ने बताया कुछ ही सालों के भीतर कोर्ट के पास ऐसे 11 हजार केस आए. .

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swiss catholic church sexual abuse report and how a confessional is linked to it photo Unsplash

क्या है कन्फेशन बूथ

यौन शोषण के बढ़ते मामलों के बीच लगातार कन्फेशन बॉक्स पर भी बहस होती रही. ये रोमन कैथोलिक चर्च का कंसेप्ट है. इसमें गुनहगार जाकर अपनी गलती पादरी के सामने मान सकता है. इसमें बहुत से मामले यौन शोषण के होते हैं. खुद चर्च के कर्मचारी या अधिकारी बॉक्स में जाकर अपनी गलती कबूलते हैं. कायदा तो ये है कि ऐसी बातें सुनने के बाद गवाह को सीधा पुलिस में शिकायत करनी चाहिए, लेकिन चर्च के नियम इसकी अनुमति नहीं देते. 

जैसे डॉक्टर अपनी मरीज की सेहत की जानकारी किसी दूसरे को नहीं देते, ये कुछ उसी तरह का नियम है. चर्चों का मानना है कि पाप कबूलना सीधे-सीधे ईश्वर से बातचीत है, इसमें किसी का दखल नहीं होना चाहिए. वे यह भी मानते हैं कि इसके बाद बहुत मुमकिन है कि अपराधी सुधर जाए. 

क्या है कन्फेशन बॉक्स 

इसे कन्फेशनल भी कहते हैं. ये केबिनेट या बूथ की तरह स्ट्रक्चर होता है, जिसमें दो अलग-अलग खाने बने होते हैं. ये चैंबर ग्रिल या परदे से अलग होते हैं. पहले चैंबर की जगह एक ही बॉक्स होता था. लेकिन 15वीं सदी में ऐसी शिकायतें आईं कि कन्फेशन सुनने के दौरान ही लोगों के साथ यौन शोषण हो रहा है. इसके बाद इसे दो खांचों में बांट दिया गया. 

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swiss catholic church sexual abuse report and how a confessional is linked to it photo Unsplash

लकड़ी का होता है

आमतौर पर ये अच्छी क्वालिटी की लकड़ी से बना होता है, जिसपर पुराने दौर की नक्काशी दिखती है. बहुत से चर्चों में अब भी ये बॉक्स रखा जाता है, भले ही वहां कन्फेशन की प्रथा उतनी प्रचलित हो, या न हो. 

इस दौर से बढ़ा चलन

13वीं सदी में फोर्थ लैटरल काउंसिल ने फैसला लिया कि हर कैथोलिक को साल में एक बार पादरी के सामने अपने अपराध कबूलने ही होंगे. जो भी ऐसा नहीं करेगा, उसे धर्म से बाहर माना जाएगा, यहां तक कि क्रिश्चियन तरीके से अंतिम संस्कार भी नहीं होगा. इसके बाद से कन्फेशन बॉक्स का चलन बढ़ा. 

इसमें लोग पादरी के सामने अपना सीक्रेट जुर्म कबूलते हैं. ये बड़े से बड़ा अपराध, जैसे रेप या हत्या तक हो सकता है. लेकिन पादरी को ये बात पुलिस को बताने की इजाजत नहीं. इसे सील ऑफ कन्फेशनल कहते हैं. 

क्या होगा अगर पादरी बात को गुप्त न रख सके

चर्च के नियम के मुताबिक जैसे ही पादरी या अधिकारी ये नियम तोड़ेगा, उसे चर्च से बाहर कर दिया जाएगा. ये कैथोलिक चर्च की सबसे बड़ी सजा है. कन्फेशन सुनने वाले को एकदम चुप रहना है. ये नियम 13वीं सदी से चला आ रहा है. नियम तोड़ने के किसी भी मामले पर वेटिकन का दखल ही फैसला बदल सकता है. 

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swiss catholic church sexual abuse report and how a confessional is linked to it photo Unsplash

क्या कहती हैं सरकारें

फ्रांस में 2 लाख से ज्यादा यौन शोषण के मामले आने के बाद वहां की सरकार ने प्राइवेसी के इस नियम को तोड़ने की अपील भी की थी. सरकार का कहना था कि बच्चों का यौन शोषण करने वाला अगर बॉक्स में आकर अगर चुपके से अपने अपराध मान ले तो इससे मामले की गंभीरता कम नहीं हो जाती. उसे सजा मिलनी चाहिए. पादरी को खुद उसकी शिकायत पुलिस में करनी चाहिए. हालांकि सरकार की इस दरख्वास्त को वहां के टॉप बिशप एरिक डी मॉलिन्स ने रिजेक्ट कर दिया. 

ब्लैकमेलिंग जैसे आरोप भी लगते रहे

कन्फेशन बॉक्स का यौन शोषण से एक और तरीके से संबंध रहा. बहुत बार महिलाएं अपनी गुप्त गलतियां बॉक्स में कन्फेस करतीं. इसे सुनने वाला चर्च अधिकारी अगर भले मन का है तब तो ठीक, लेकिन अगर उसने ब्लैकमेल करने की ठान ली, तो मुश्किल हालात पैदा हो जाते. हमारे यहां केरल में सेक्सुअल एब्यूज के केस आने के बाद NCW ने कन्फेशन बॉक्स पर रोक लगाने की मांग भी की थी, जिसपर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल के अधिकारी काफी नाराज हो गए. कहा गया कि ये उनके धार्मिक विश्वास से छेड़छाड़ जैसा है.

हमारे यहां कब आए मांमले

केरल के कोट्टयम में एक महिला ने चार पादरियों पर उसे ब्लैकमेल करके यौन शोषण का आरोप लगाया था. कुछ ऐसा ही मामला मामला पंजाब के जालंधर से आया, जहां पीड़िता का आरोप था कि कन्फेशन के दौरान अपने भेद बताने पर एक पादरी ने उसका यौन शोषण किया. इसके बाद से हमारे यहां भी कन्फेशन की प्रक्रिया सवालों के घेरे आ गई. ये मामले साल 2018 में खूब उछले थे. 

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swiss catholic church sexual abuse report and how a confessional is linked to it photo Pixabay

पीड़ित भी अपना दर्द बांटने जाते हैं

सिर्फ अपराधी नहीं, पीड़ित भी यहां जाते और बताते हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है. अधिकतर मामले यौन शोषण के ही होते हैं, जब बच्चे खुद अपना दर्द पादरी से कन्फेस करते हैं. इसपर भी यूरोपियन यूनियन में कई बार बात हुई कि क्या धर्मगुरुओं को नाइंसाफी होते देखते रहना चाहिए. क्या उन्हें पुलिस में रिपोर्ट नहीं करना चाहिए. इसपर चर्च अधिकारियों के दो खेमे हो गए. एक बच्चे के हक की लड़ाई के लिए सील ब्रेक करने की बात करता है, जबकि दूसरा इसे धार्मिक नियम से जोड़ता है. 

क्या किसी देश में कन्फेशन बॉक्स पर बदलाव हुए

- आयरलैंड में चिल्ड्रेन फर्स्ट एक्ट 2015 के मुताबिक चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज के केस आने पर पादरियों को भी पुलिस में रिपोर्ट करना होगा, न कि प्राइवेसी रखनी होगी. हालांकि इसपर लगातार विरोध हो रहा है और ये पक्का नहीं कि क्या नियम लागू हो सका है. 

अमेरिका के 28 राज्यों ने समाज के कुछ खास लोगों को चुना, जिन्हें बच्चों के शोषण को तुरंत पब्लिक में लाना है. चर्च अधिकारी इनमें से एक हैं. अगर कन्फेशन बॉक्स में आकर पीड़ित या दोषी कोई भी ऐसी बात करे तो पुलिस में शिकायत जरूरी है.

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