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संभल, जौनपुर, अजमेर... अयोध्या केस के बाद मस्जिद-मंदिर से जुड़े विवादों के 9 नए केस अदालतों में पहुंचे

उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद, राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह और एमपी के धार की भोजशाला... ये कुछ ऐसे विवाद हैं जो 2019 के अयोध्या विवाद पर आए फैसले के बाद अदालतों में सामने आए हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां पर मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.

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संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जमकर बवाल हो गया था. (फाइल फोटो-PTI)
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जमकर बवाल हो गया था. (फाइल फोटो-PTI)

भारत में मंदिर और मस्जिद को लेकर सदियों से विवाद चले आ रहे हैं. 2019 तक सबसे चर्चित विवाद अयोध्या की बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर था. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने यहां पर मंदिर होने की बात मानी और फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यहां मंदिर था और पूरी जमीन राम मंदिर के लिए देने का फैसला दिया. जबकि, मस्जिद के लिए अलग जगह दी गई.

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राम मंदिर का फैसला आया तो एक नारा खूब चला. वो नारा था- 'अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है.' 2019 के बाद जब 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए, तब कई नेताओं ने इस नारे का इस्तेमाल किया. 

इस नारे का मतलब था काशी यानी वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद. हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह शिव मंदिर था, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद की जगह पहले कृष्ण मंदिर हुआ करता था. दावा है कि इन मंदिरों को तोड़कर इनके अवशेषों से ही इन मस्जिदों को बनाया गया. अब वाराणसी और मथुरा, दोनों का ही मामला कोर्ट में है.

लेकिन सिर्फ यही दो मामले ऐसे नहीं हैं, जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा किया गया है. हाल ही में यूपी के संभल में जामा मस्जिद को लेकर भी ऐसा ही दावा किया गया है. इसके अलावा, अयोध्या पर फैसले के बाद मंदिर-मस्जिद से जुड़े कम से कम 9 विवाद सामने आए हैं. क्या है उन विवादों की कहानी? समझते हैं...

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1. कुतुब मीनार (दिल्ली)

- विवाद क्याः हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि कुतुब मीनार 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी. हिंदू संगठनों ने कुतुब मीनार का नाम 'विष्णु स्तंभ' रखने की मांग भी की थी. कुतुब मीनार परिसर में बनी कुव्वत उल-इस्लाम मस्जिद को लेकर विवाद है. हिंदू पक्ष का दावा है कि मंदिर तोड़कर उसके अवशेषों से इस मस्जिद को कुतबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था. हिंदू पक्ष यहां पूजा का अधिकार मांग रहा है.

2. जुम्मा मस्जिद (कर्नाटक)

- विवाद क्याः मेंगलुरु की जुम्मा मस्जिद को लेकर भी कई सालों से विवाद है. विश्व हिंदू परिसर ने दावा किया था कि इस मस्जिद के नीचे मंदिर है. इसे लेकर मेंगलुरु की कोर्ट में भी याचिका भी दायर की गई थी. याचिका में मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की गई थी. अभी ये मामला कोर्ट में हैं.

3. शाही ईदगाह मस्जिद (मथुरा)

- विवाद क्याः यूपी के मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद है. 2020 में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि इस मस्जिद को श्रीकृष्ण के जन्मस्थल पर बनाया गया है. यहां सर्वे की मांग भी कई गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है.

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शाही ईदगाह मस्जिद. (फाइल फोटो-PTI)

4. भोजशाला (धार)

- विवाद क्याः मध्य प्रदेश के धार में बनी भोजशाला को हिंदू पक्ष सरस्वती मंदिर तो मुस्लिम पक्ष कमाल मौला मस्जिद बताता है. 1305 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी ने भोजशाला को ध्वस्त कर दिया. बाद में 1401 ईस्वी में दिलावर खान गौरी ने भोजशाला के एक हिस्से में मस्जिद बनवा दी. 1514 ईस्वी में महमूद शाह खिलजी ने दूसरे हिस्से में भी मस्जिद बनवा दी. ASI के सर्वे में यहां 94 मूर्तियां और 31 सिक्के समेत कई चीजें मिली थीं. मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है.

5. अटाला मस्जिद (जौनपुर)

- विवाद क्याः यूपी के जौनपुर में बनी अटाला मस्जिद को लेकर भी विवाद है. हिंदू संगठन स्वराज वाहिनी ने दावा किया है कि फिरोजशाह तुगलक ने मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया था. ये मस्जिद 1408 में बनाई गई थी. हाल ही में जौनपुर की कोर्ट में ये मामला गया है.

6. शम्सी जामा मस्जिद (बदायूं)

- विवाद क्याः यूपी के बदायूं में 13वीं ईस्वी में शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने इस मस्जिद को बनवाया था. 2022 में हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि ये मस्जिद नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. हिंदू संगठनों ने यहां पूजा करने का अधिकार मांगा है. इस मामले की सुनवाई इसी महीने होने वाली है.

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7. जामा मस्जिद (संभल)

- विवाद क्याः यूपी के संभल में बनी जामा मस्जिद को लेकर पिछले महीने बड़ा बवाल हुआ था. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि 1526 में बाबर ने मंदिर तोड़कर इसे बनाया था. पहले यहां हरिहर मंदिर हुआ करता था. हिंदू पक्ष की याचिका पर निचली अदालत ने सर्वे का आदेश भी दे दिया था. इसका सर्वे भी हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है.

8. जामा मस्जिद (फतेहपुर सीकरी)

- विवाद क्याः आगरा से 40 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में बनी जामा मस्जिद को लेकर हाल ही में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि यहां पहले कामाख्या देवी का मंदिर हुआ करता था. दावा किया गया है कि मस्जिद के नीचे कटरा केशव देव की मूर्तियां हैं. हिंदू पक्ष ने मस्जिद पर अपना अधिकार मांगा है. मामला आगरा की अदालत में है.

अजमेर शरीफ. (फाइल फोटो-PTI)

9. अजमेर शरीफ की दरगाह (राजस्थान)

- विवाद क्याः अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर हाल ही में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने एक याचिका दायर की थी. विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि दरगाह के नीचे शिव मंदिर है. उन्होंने यहां पर ASI से सर्वे कराने की मांग की है. इसके साथ ही पूजा का अधिकार भी मांगा है. उनकी याचिका पर अजमेर की अदालत 20 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

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लेकिन यहां फंस सकता है पेच!

देशभर में मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद अक्सर सामने आते रहते हैं. मंदिर-मस्जिद से जुड़े जितने मामले अदालतों में हैं, उन सबमें मुस्लिम पक्ष ने 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला दिया है. 

1991 का ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस रूप में था, उसी रूप में रहेगा. अयोध्या के मामले को इस कानून से बाहर रखा गया था. वो इसलिए क्योंकि ये विवाद आजादी से पहले से कोर्ट में था.

इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. हिंदू पक्ष ने इस आधार पर इसकी संवैधानिकता को चुनौती दी है कि इससे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है. वहीं मुस्लिम पक्ष की दलील है कि इस कानून को खत्म किया जाता है या छूट मिलती है तो इससे मस्जिदों के खिलाफ केस की बाढ़ आ जाएगी.

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