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तेजी से अमीर हो रहे भारतीय, अब हरेक के पास इतनी दौलत... जानें चीन-PAK का क्या है हाल

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में भारतीय तेजी से अमीर हो रहे हैं. उनकी संपत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है. हर भारतीय के पास औसतन 14 लाख रुपये की संपत्ति है. हालांकि, वैश्विक औसत से ये पांच गुना कम है.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

भारतीय तेजी से अमीर हो रहे हैं. साल 2000 के बाद से उनकी संपत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, अब भी भारतीय वयस्कों की दौलत वैश्विक औसत से पांच गुना कम है.

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ये सारी जानकारी यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (यूबीएस) की रिपोर्ट में सामने आईं हैं. इसने 'ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2023' नाम से रिपोर्ट जारी की है.

इसमें बताया गया है कि भारतीय वयस्कों के पास औसतन 16,500 डॉलर (करीब 14 लाख रुपये) की संपत्ति है. जबकि, वैश्विक औसत 84,718 डॉलर (करीब 70 लाख रुपये) है. 

हालांकि, इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 2008 के बाद 2022 ऐसा साल रहा है जब दुनियाभर में लोगों की संपत्ति में गिरावट आई है. साल 2022 में दुनियाभर में कुल निजी संपत्ति घटकर 454.4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 38 हजार लाख करोड़ रुपये) हो गई है. पिछले साल कुल निजी संपत्ति में 11.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 940 लाख करोड़ रुपये) की कमी आई है.

भारतीयों की संपत्ति पर क्या कहती है रिपोर्ट?

- यूबीएस की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 65 फीसदी आबादी वयस्क है. इनकी औसत संपत्ति करीब 14 लाख रुपये है. जबकि, कुल संपत्ति 15.4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1,280 लाख करोड़ रुपये) है.

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- रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वयस्कों की संपत्ति की बढ़ने की दर वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है. भारतीयों के पास संपत्ति 8.7% की दर से बढ़ रही है, जबकि वैश्विक औसत 4.6% का है.

- हालांकि, इसके साथ-साथ भारत में असमानता भी काफी बढ़ रही है. साल 2000 में 1% लोगों के पास देश की 33.2% संपत्ति थी. जबकि, साल 2022 तक 1% के पास 40.4% संपत्ति हो गई.

- रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 तक भारत में 8.49 लाख अरबपति थे. इतना ही नहीं, इनमें 5,480 अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स भी हैं. यानी, इनके पास 10 करोड़ डॉलर (करीब 831 करोड़ रुपये) से ज्यादा की संपत्ति है.

चीन के आगे कहां ठहरते हैं हम?

- रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत और चीन, दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था अच्छी बढ़ी. 2021 में चीन की जीडीपी 8.4% तो भारत की 9.1% की दर से बढ़ी. 

- 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट तो 6.8% रही, लेकिन कोविड लॉकडाउन के कारण चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट 3% ही रही.

- इतना ही नहीं, 2022 में दोनों ही देशों में स्टॉक मार्केट ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. पिछले साल भारतीय स्टॉक मार्केट में शेयरों की कीमत मात्र 2.4% ही बढ़ी. हालांकि, चीन में तो शेयरों की कीमत में 19% से ज्यादा गिर गई.

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- यही वजह है कि चीन में पहली बार प्रति व्यक्ति संपत्ति में कमी देखी गई, जबकि इसी साल भारत में वयस्कों की संपत्ति 2.8% बढ़ी.

- लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय और चीनियों की संपत्ति में लगभग पांच गुना का अंतर है. चीन में हर वयस्क के पास औसतन 75,731 डॉलर (करीब 63 लाख रुपये) की संपत्ति है.

- इतना ही नहीं, चीन में 62 लाख से ज्यादा लोग अरबपति हैं. इसके अलावा चीन में 32,910 लोग अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ वाले हैं.

- भारत के पड़ोसी देशों में चीन के अलावा मालदीव्स और श्रीलंका ही ऐसे हैं जहां प्रति व्यक्ति संपत्ति ज्यादा है. मालदीव्स में हर वयस्क के पास औसतन 21 लाख तो श्रीलंका में 20 लाख रुपये की दौलत है. 

आगे क्या?

- यूबीएस का अनुमान है कि 2027 तक दुनियाभर में वयस्कों की कुल निजी संपत्ति 38% तक बढ़ सकती है. 

- उस समय कुल निजी संपत्ति 629 ट्रिलियन डॉलर तक होने की उम्मीद है. आज के हिसाब से ये रकम भारतीय करंसी में करीब 53 हजार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होती है.

- इसके अलावा, ये भी उम्मीद है कि 2027 तक दुनिया में हर वयस्क के पास औसतन 1.10 लाख डॉलर (आज के हिसाब से 92 लाख रुपये) की औसत संपत्ति होगी.

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- ऐसा भी अनुमान है कि 2027 तक भारत और चीन में अरबपतियों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. तब चीन में 1.31 करोड़ और भारत में 14.36 लाख अरबपति होंगे.

 

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