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कैसा है White House का वो किचन, जहां पीएम मोदी राजकीय दावत पर बुलाए गए हैं, कैसे होता है दुनिया की सबसे ताकतवर रसोई में काम?

अमेरिकी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाइट हाउस में स्टेट डिनर के लिए आमंत्रित हैं. इसकी तैयारियों में खुद फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन शामिल हुईं और मेन्यू का कुछ हिस्सा मीडिया में शेयर किया. राजकीय भोज की तैयारियां वाइट हाउस के खास किचन में हो रही है, जिसमें लंबी-चौड़ी टीम बहुत सावधानी के साथ काम करती है. डिनर डिप्लोमेसी में वैसे भी अमेरिका का अलग रुतबा है.

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वाइट हाउस फिलहाल पीएम मोदी के स्टेट डिनर की तैयारियों में व्यस्त है. सांकेतिक फोटो (AP)
वाइट हाउस फिलहाल पीएम मोदी के स्टेट डिनर की तैयारियों में व्यस्त है. सांकेतिक फोटो (AP)

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा इस बार कई मायनों में खास है. वे राजकीय अतिथि की तरह बुलाए गए हैं, जिसे इंडो-अमेरिकी रिश्ते में नई गरमाहट की तरह देखा जा रहा है. आज मोदी वाइट हाउस में राजकीय दावत यानी स्टेट डिनर के लिए जाएंगे. वैसे तो बहुत से नेता अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच या डिनर टेबल शेयर करते रहते हैं, लेकिन स्टेट डिनर का दर्जा अलग है. जानिए, क्या है ये और क्यों वाइट हाउस में होने वाले बाकी भोजों से अलग है.

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क्या है स्टेट डिनर और क्यों है खास?

पीएम फिलहाल अमेरिका की स्टेट विजिट पर हैं. ये वो दौरा है, जिसका न्योता खुद अमेरिकी राष्ट्रपति देते हैं. ये एक तरह का रेड-कारपेट इनविटेशन है, जिसमें बुलाए गए मेहमान को भव्य ट्रीटमेंट मिलता है. स्टेट डिनर इस विजिट का अहम हिस्सा है. इसमें मेजबान यानी अमेरिकी प्रेसिडेंट गेस्ट को अपने घर यानी वाइट हाउस में भोज कराता है. 

वाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन (WHHA) के मुताबिक, ये दावत अमेरिका में सरकारी मेहमान के लिए सबसे बड़ा वेलकम है, जो उतना ही भव्य होता है. इसमें राष्ट्रपति के किचन के शेफ और बाकी स्टाफ ही नहीं, बल्कि फर्स्ट लेडी भी अपना योगदान देती हैं. वे खुद मेन्यू देखती और मेहमान की पसंद के अनुसार उसमें फेरबदल भी करती हैं.

Jill Biden with PM Modi
पीएम नरेंद्र मोदी, फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के साथ

टेबल की सजावट तक डिस्कस होती है

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काफी पहले से इसकी तैयारियां होने लगती हैं. इस दौरान ये तक देखा जाता है कि डिनर टेबल पर कौन से रंग के फूल सजाए जाएंगे. इस बार तिरंगे से मिलते-जुलते फूलों से सजावट होगी. साथ ही बैठने का इंतजाम प्रोटोकॉल के अनुसार होता है. इसमें ध्यान दिया जाता है कि कहीं किसी के ओहदे का अपमान न हो जाए. 

यहां पढ़ें: मोदी के अमेरिका यात्रा की पूरी कवरेज 

सदियों पुरानी है स्टेट डिनर की परंपरा

WHHA की मानें तो ये डिनर एक तरह से दोस्त के साथ खाने का निवाला तोड़ने और दोस्ती पक्का करने की तरह है. इसकी शुरुआत 1874 से हुई, जब तत्कालीन अमेरिकी प्रेसिडेंट यूलीसस ग्रांट और उनकी पत्नी जूलिया ग्रांट ने हवाई द्वीप के राजा को स्टेट डिनर पर बुलाया. उसके बाद से बेहद खास विदेशी मेहमानों के लिए डिनर का सिलसिला चल पड़ा. 

इस तरह तय होता है मेन्यू

किसी बड़े सम्मेलन या विदेशी नेताओं के आने पर मेजबान मुल्क पूरी एहतियात से मेन्यू तैयार करता है. पता किया जाता है कि लीडर को क्या पसंद है, वो कितना मसाला खाता है. उसे शाकाहारी भोजन पसंद है, सी-फूड. किसी खास मसाले या गंध से एलर्जी तो नहीं. यहां तक कि उसके खाने का टाइम भी देखा जाता है, उसी के मुताबिक डिनर या लंच टाइम सेट किया जाता है.

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what is a state dinner in white house which pm narendra modi will attend and facts about white house kitchen
वाइट हाउस के शेफ और स्टाफ. फोटो (AFP)

शाकाहारी खाना पकाने के लिए खास शेफ बुलाई गईं

पीएम मोदी के मामले में इस बारे में खास एहतियात बरती जा रही है. मीडिया के साथ फर्स्ट लेडी ने व्यंजनों की जो लिस्ट शेयर की, उससे साफ है कि सारा खाना शाकाहारी होगा. इसके अलावा बाजरे की डिशेज पर जोर रहेगा क्योंकि पीएम ने लंबे समय से भोजन में मोटा अनाज शामिल करने की बात करते आए हैं. डिनर की तैयारियों में वाइट हाउस शेफ की मदद के लिए कैलीफोर्निया से एक मशहूर शेफ आएंगी. निना कर्टी प्लांट-बेस्ट खाना पकाने में महारथी हैं. 

मेन किचन में होगी तैयारियां

ये सारा तामझाम वाइट हाउस के मेन किचन में होगा, जो इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर है. इसके साथ दो पैन्ट्रीज हैं, यानी वो जगह जहां खाना पकाने की चीजें, सब्जियां, मसाले आदि जमा रहते हैं. एक सर्विंग पैन्ट्री भी है, जहां पकी-पकाई चीजें होती हैं, जो जरूरत के मुताबिक फटाफट परोसी जा सकें. 

राष्ट्रपति के स्नैक्स के लिए अलग पैन्ट्री

काम करते हुए कई बार राष्ट्रपति कोई खास चीज खाना या पीना चाहते हैं. ऐसे में वे अपने ऑफिस से ही एक बटन दबाते हैं, जिसके बाद खाने का व्यंजन उन्हें तुरंत सर्व करना होता है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर कोल्ड ड्रिंक या बर्गर जैसा स्नैक मंगवाते. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने खुद वो लकड़ी का बॉक्स दिखाया था, जिसमें लगा बटन दबाकर प्रेसिडेंट अपने लिए स्नैक्स मंगवा सकते हैं.

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स्नैकिंग के लिए राष्ट्रपति के ऑफिस में एक बटन दिया गया है ताकि वे काम करते हुए ही मनपसंद खा सकें. सांकेतिक फोटो (Getty Images)

यहां होती है मीठे व्यंजनों की तैयारी

मेन किचन से ही लगी हुई चॉकलेट शॉप है. ये दुकान नहीं, बल्कि किचन ही है, जहां मीठे आइटम, चॉकलेट्स बनाए जाते हैं. मेन किचन में अक्सर मेन कोर्स ही तैयार होता है. यही वो जगह है, जहां स्टेट डिनर या फिर हॉलीडे डिनर की तैयारियां होती हैं. अगर इसे वाइट हाउस की डिनर डिप्लोमेसी का सबसे जरूरी हिस्सा मानें तो भी गलत नहीं होगा. 

ऐसे चुने जाते हैं रसोइये 

किचन में शेफ के अलावा जो भी स्टाफ तैनात होता है, वो पूरी सावधानी से चुना जाता है. इसके लिए कोई टेस्ट नहीं होता, बल्कि वाइट हाउस किचन में सर्विस दे चुके पुराने लोग नाम सुझाते हैं और उन्हें ही रखा जाता है. हालांकि अपॉइंटमेंट से पहले कड़ी जांच होती है कि आने वाले स्टाफ का इतिहास कैसा रहा है. 

फैमिली किचन भी है यहां

मेन किचन का काम राष्ट्राध्यक्षों की दावत की तैयारियां हैं, जबकि एक फैमिली किचन भी है, जो रोजमर्रा का खाना पकाता है. ये रसोई सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके परिवार के लिए भोजन बनाती है. अगर प्रेसिडेंट या उनके परिवार के लोग अपने दोस्तों को बुलाकर दावत देना चाहें तो ये प्राइवेट पार्टी होती है. इसकी तैयारियां तो फैमिली किचन में होती हैं, लेकिन महीने के आखिर में इसका बिल राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है. 

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 अमेरिकी प्रेसिडेंट और उनके परिवार के लिए रोज का भोजन फैमिली किचन में बनता है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

मिशेल ने खोला था बिल्स का राज

साल 2018 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ने हंसते हुए इसका खुलासा किया था. वे कहती हैं कि कोई भी आपको ये बात नहीं बताएगा. आप मौसम से अलग कोई महंगा फल मांगे तो फटाक से वो आपको परोस दिया जाएगा. इसके बाद एक बिल आएगा, जिससे पता लगेगा कि एक फल आपको कितना महंगा पड़ गया. 

किचन गार्डन भी है

वाइट हाउस में एक किचन गार्डन भी है. भवन के दक्षिणी हिस्से में ये गार्डन 28 सौ वर्ग फीट में फैला हुआ है. यहां हर साल 2 हजार पाउंड से भी ज्यादा सब्जियां और फल उगाए जाते हैं. ये पूरी तरह से ऑर्गेनिक होते हैं, जो मेन या फैमिली किचन में जाते हैं. इसके बाद बची फल-सब्जी चैरिटी में दे दी जाती हैं. यहां काम करने के लिए अलग से माली हैं, जिन्हें किचन स्टाफ के साथ-साथ कई बार फर्स्ट लेडी भी सुपरवाइज करती हैं. 

 

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