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41 किलोमीटर लंबी और 10 किलोमीटर चौड़ी गाजा पट्टी में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. मंगलवार रात गाजा के एक अस्पताल पर बड़ा हमला हुआ. इस हमले में कम से कम 500 लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है.
इस हवाई हमले में गाजा शहर के अल-अहली बाप्टिस्ट अस्पताल को निशाना बनाया गया था.
ये हमला किसने किया? कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है. हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया है. तो इजरायली सेना ने इस्लामिक जिहाद को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
इस्लामिक जिहाद फिलिस्तीन का आतंकी संगठन है. इजरायली डिफेंस फोर्स ने दावा किया है कि इस्लामिक जिहाद ने इजरायल की ओर रॉकेट छोड़ा था, लेकिन वो मिसफायर होकर अल-अहली अस्पताल पर जाकर गिर गया.
क्या है इस्लामिक जिहाद?
इस्लामिक जिहाद को फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के नाम से जाना जाता है. ये एक सुन्नी इस्लामिक आतंकी संगठन है.
ये संगठन फिलिस्तीनी इलाकों पर इजरायली कब्जे के खिलाफ लड़ने के लिए बना था. इस्लामिक जिहाद एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की मांग करता है.
1970 के दशक में बने इस्लामिक जिहाद को फिलिस्तीन के सबसे ज्यादा कट्टरपंथी संगठनों में से एक माना जाता है.
हमास के बाद दूसरा बड़ा संगठन
इस्लामिक जिहाद के नेता जियाद अल-नखालाह और मुहम्मद अल-हिंदी हैं. इस्लामिक जिहाद फिलिस्तीन में हमास के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी संगठन है.
हैरान करने वाली बात ये है कि हमास के उलट इस्लामिक जिहाद की मौजूदगी वेस्ट और गाजा पट्टी, दोनों जगहों पर है. वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी फिलिस्तीन के दो इलाके हैं.
इस्लामिक जिहाद की मिलिट्री विंग को अल-कुद्स ब्रिगेड के नाम से जाना जाता है. 1990 के दशक के बाद अल-कुद्स ने इजरायल पर कई हमले किए हैं.
हमास और इस्लामिक जिहाद में अंतर
इस्लामिक जिहाद और हमास की सोच एक ही है. दोनों का मकसद भी एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना करना है. लेकिन दोनों की आइडियोलॉजी और काम करने का तरीका अलग-अलग है.
हालिया सालों में हमास ने गाजा पट्टी में राजनीतिक पकड़ भी मजबूत की है. यहां तक कि 2006 में गाजा पट्टी में चुनाव भी जीता था. जबकि, इस्लामिक जिहाद सिर्फ और सिर्फ सशस्त्र हमलों पर फोकस करता है.
इस्लामिक जिहाद का मकसद
इस्लामिक जिहाद का मानना है कि राजनीतिक सौदेबाजी से इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का समाधान नहीं हो सकता है. वो इजरायल के खिलाफ सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने की वकालत करता है.
इतना ही नहीं, इस्लामिक जिहाद फिलिस्तीन अथॉरिटी और ओस्लो समझौते के साथ-साथ दूसरे शांति समझौतों को भी खारिज करता है. उसका कहना है कि इन समझौतों में मुख्य मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है.
जानकारों का मानना है कि इस्लामिक जिहाद ईरान की क्रांति से प्रभावित है. उसे ईरान, सीरिया और लेबनान के आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह का समर्थन हासिल है.
शुरुआत में ये संगठन मिस्र के राजनीतिक इस्लामिक संगठन 'मुस्लिम ब्रदरहुड' के अंडर में काम करता था. बाद में इस्लामिक जिहाद अलग संगठन बन गया.
अमेरिकी सरकार ने इस्लामिक जिहाद को 1997 में ही 'विदेशी आतंकी संगठन' घोषित कर दिया था.