scorecardresearch
 

क्या मॉरीशस में बसे भारतीय भी देश लौट सकेंगे, क्या है OCI कार्ड, जिसका एलान राष्ट्रपति ने किया?

सीएए लागू होने के बीच विदेशों में बसे भारतीयों को जड़ से जोड़े रखने की नई पहल सामने आई. अब मॉरीशस में बसी हिंदुस्तानी मूल की 7वीं पीढ़ी को भी भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) मिल सकेगी. जानिए, क्या है ये, और कैसे भारतीय नागरिता से अलग है.

Advertisement
X
ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड. (Photo- Wikipedia)
ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड. (Photo- Wikipedia)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने एलान किया कि हिंदुस्तानी मूल की सातवीं जेनरेशन को भी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड मिल सकेगा. इससे दशकों पहले देश से दूर देश बसा चुके लोगों को एक बार फिर अपनी जड़ों को देखने का मौका मिल सकेगा. साथ ही कई दूसरी छूटें भी मिलेंगी जो विदेशी नागरिकों को नहीं मिलतीं. 

Advertisement

मॉरीशस कैसे पहुंचे भारतीय

19वीं सदी में अंग्रेज बड़े पैमाने पर भारतीय मजदूरों को मॉरीशस ले गए थे. उनसे यहां खेती-किसानी से लेकर सारे भारी काम करवाए जा रहे थे. भारतीयों को ले जाने का सिलसिला सालों चलता रहा. ये केवल मॉरीशस नहीं, अंग्रेजी हुकूमत वाले कई देशों में था. भारतीय गुलाम की तरह दूसरे देश भेजे जाते थे.

आगे चलकर इसके खिलाफ काफी आवाजें उठीं, और मजदूरों की सप्लाई पर रोक लग गई. इन मजदूरों को गिटमिटिया कहा जाता था. बाद के समय में माहौल बदला. देश छोड़कर गए लोगों ने खूब काम करके मॉरीशस को खुशहाल बना दिया. अब यह एक हिंदू-बहुल देश है, जबकि अफ्रीका के बाकी सारे देश मुस्लिम और ईसाई बहुल हैं. अब भी मॉरीशस भारत से काफी करीब है. 

OCI कार्ड की घोषणा

मॉरीशस की नई पीढ़ी को भारत से जोड़े रखने के लिए राष्ट्रपति ने उनके लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड का एलान किया. ये असल में एक स्कीम है, जो भारतीय मूल के लोगों को देश के विदेशी नागरिक के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने का मौका देती है. 

Advertisement

what is oci card announced by president droupadi murmu in mauritius photo Getty Images

तो क्या OCI कार्ड किसी को भारतीय सिटिजन बना देता है

नहीं. ये लोग इलेक्शन में न तो वोट दे सकते हैं, और न ही चुनाव में दावेदारी कर सकते हैं. वे किसी संवैधानिक पद के लिए नहीं चुने जा सकते. न ही खेती के लिए जमीन ले सकते हैं. हालांकि OCI कार्ड होल्डर अगर चाहे तो देश की नागरिकता के लिए अलग से आवेदन कर सकता है. 

क्या है OCI के फायदे

- इन्हें भारत आने का वीजा मिलता है, जो हमेशा वैध रहता है. इससे वे बार-बार बिना बड़ी औपचारिकता के यहां आ सकते हैं. 

- सरकार अगर इजाजत दे तो OCI ले चुके लोग देश में रिसर्च या पत्रकारिता जैसे काम भी कर सकते हैं. 

- ऐतिहासिक जगहों को घूमने के लिए विदेशी नागरिकों की एंट्री फीस ज्यादा होती है. लेकिन OCI कार्डधारकों से कम चार्ज लिया जाता है.

किन्हें मिल सकता है कार्ड 

इसके भी कई नियम हैं, जिनके पूरा होने पर ही किसी को छूट मिलती है. मसलन, कार्ड के लिए आवेदन करने वाले के पूर्वज साल 1950 में भारतीय नागरिक की योग्यता रखते हों. या फिर, जो संविधान लागू होने के वक्त, या उसके कुछ बाद भी भारतीय नागरिक रहा हो. 
इसके अलावा जो भी ऊपर बताए गए पैमानों को पूरा करने वालों का वंशज हो. 

Advertisement

what is oci card announced by president droupadi murmu in mauritius photo Getty Images

किन्हें नहीं मिल सकता

हर देश में रहने वाले भारतीय नागरिक इसकी पात्रता नहीं रखते हैं. जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका जैसे देशों में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को OCI कार्ड की छूट नहीं मिलती. 

PIO कार्ड भी चला करता था 

OCI कार्ड से पहले भी इससे मिलती-जुलती एक स्कीम आ चुकी है. साल 2003 में सरकार ने PIO कार्ड का एलान किया था, यानी पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन. जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हो, और वो या उसके माता-पिता या दादा-दादी साल 1935 से पहले भारत के नागरिक रहे हों, विदेश में बसे ऐसे भारतीयों के लिए ये सुविधा है.

चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान और श्रीलंका को छोड़कर बाकी सभी देशों के भारतीयों को PIO जारी किया जा सकता है. इसके होल्डर को भारत यात्रा के दौरान 180 दिनों की छूट मिलती है. वो यहां आराम से रह सकता है. ये वैधता कार्ड जारी होने से करीब 15 सालों तक रहती है. वैसे बता दें कि साल 2015 में ये स्कीम OCI कार्ड में बदल गई.

Live TV

Advertisement
Advertisement