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मुस्लिमों का वो ग्रुप जो इजरायल संग मिलकर हमास से लड़ रहा जंग, क्या है यहूदियों से रिश्ता?

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग ने पूरी दुनिया को दो खेमों में बांट दिया. ज्यादातर पश्चिमी देश इजरायल के साथ हैं, जबकि लगभग सभी मुस्लिम देश फिलिस्तीन की आड़ में हमास को सपोर्ट कर रहे हैं. वहीं, मुसलमानों का एक समुदाय इजरायल से नफरत नहीं करता, बल्कि उसके लिए जान देने को तैयार है. ये बदू मुसलमान हैं, जो इजरायली आर्मी का हिस्सा बने हुए हैं.

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इजरायल और हमास के बीच युद्ध का आज 17वां दिन है. सांकेतिक फोटो (Reuters)
इजरायल और हमास के बीच युद्ध का आज 17वां दिन है. सांकेतिक फोटो (Reuters)

इजरायल भले ही इकलौता यहूदी देश है, लेकिन यहां सिर्फ वही लोग नहीं रहते, बल्कि अरब मुसलमानों की भी बड़ी संख्या यहां हैं. इन्हीं में से एक है बदू समुदाय. ये खानाबदोश अरब रहे, जो दक्षिण इजरायल के रेतीले हिस्से पर रहा करते थे. बदू मुस्लिमों के पास अरब के बाकी समुदायों की तरह ताकत नहीं थी, और न ही पैसे हुआ करते थे. चरवाहे का काम करते हुए ये लोग सीमा पर ही रहा करते थे. 

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इस तरह जुड़ने लगे यहूदियों से

16वीं सदी में तुर्क से आए शासकों ने इजरायल पर कब्जा कर लिया. इसी दौरान इजरायल के लोगों को अपनी सुरक्षा की जरूरत महसूस होने लगी. बदू मुसलमान काफी मजबूत और ईमानदार माने जाते थे. साथ ही उनका अरब के बाकी मुस्लिमों से खास वास्ता नहीं था. यही देखकर यहूदियों ने उन्हें अपनी सेफ्टी के लिए तैनात करना शुरू किया. इससे वे रेगिस्तानी इलाकों को छोड़कर मेनलैंड में आकर बसने लगे. 

कैसे हुए सेना में शामिल?

यहूदियों की सुरक्षा के दौरान ये साबित हो चुका था ये कि बदू उनके खिलाफ नहीं हैं. इस यकीन को और बल मिला, जब इजरायल के बनने की लड़ाई में इन मुस्लिमों ने बाकी अरब देशों के खिलाफ जाकर काम किया. तब इजरायल डिफेंस फोर्स नया बना था. उसके पास खुफिया जानकारियों का पक्का सोर्स नहीं था. ऐसे में चरवाहों की शक्ल में घूमकर इन लोगों ने जानकारियां इकट्ठा कीं और IDF तक पहुंचाईं. यहीं से खानाबदोश चरवाहों से बदू मुसलमान यहूदी सेना का हिस्सा होने लगे. 

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israel hamas war  photo Flickr

बदले में उन्हें क्या मिला?

नेगेव रेगिस्तान से ये लोग मुख्य इलाकों में जरूर आ चुके थे, लेकिन उनके परिवार अब भी रेगिस्तान में ही रहते. उनके पास बिजली-पानी जैसे बेसिक सुविधाएं भी नहीं थीं. IDF की मदद के बदले उन्हें सारी सुविधाएं मिलने लगीं.

साथ ही सेना ने दक्षिणी हिस्से में भी सेना की एक टुकड़ी तैयार की. ये गाजा पट्टी के करीब का इलाका था. साल 1986 में इसमें भी बदू मुस्लिमों की भर्ती हुई. इजरायल के लगभग सभी सीमावर्ती इलाकों की सेना में ये मुस्लिम भी काम कर रहे हैं. 

क्या बदू मुस्लिमों को भी सेना में ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है?

नहीं. ये नियम सिर्फ यहूदियों के लिए है. उन्हें स्कूल खत्म करने के बाद निश्चित समय के लिए आर्मी ट्रेनिंग लेनी होती है. लेकिन बदू मुस्लिम यदि चाहें, तो प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं. उनके कई परिवारों में कई पीढ़ियां सेना से ही जुड़ी रहीं हैं. ऐसे में उनके बच्चे भी ट्रेनिंग लेते ही हैं.

माना जाता है कि यहूदी सेना में इस समुदाय के लोग बढ़ रहे हैं. हालांकि, कितने बदू मुसलमान IDF में हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है. फिलहाल 2 लाख से ज्यादा बदू मुस्लिम इजरायल में रह रहे हैं. ये अकेला मुस्लिम समुदाय है, जो फिलिस्तीन से सटा होने के बाद भी इजरायली सेना और उनकी जिंदगी का हिस्सा बना हुआ है. 

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who are bedouin arab muslims fighting against hamas photo Sinai

दुनिया में कितने बदू मुसलमान

पूरी दुनिया में करीब 40 लाख बदू हैं. इजरायल के अलावा मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, सऊदी, इराक और लीबिया में भी ये बिखरे हुए हैं. वैसे तो ये अरब देशों के बाकी मुस्लिमों की तरह अमीर नहीं, लेकिन कथिततौर पर ये अरब का सबसे शुद्ध समुदाय है. सुन्नी बदू में पुरुष और महिलाएं दोनों ही सिर पर स्कार्फ लगाते हैं. इन्हें काफी रहस्यमयी भी माना जाता है जो अपने बारे में कम बातें पब्लिक में लाते हैं. ये भी एक खूबी है, जिसके चलते इजरायली आर्मी में ये खुफिया पदों पर भी काम कर रहे हैं. 

क्या है खासियत?

सदियों तक रेतीले इलाकों में रहने के कारण ये न केवल शरीर, बल्कि दिमाग से भी मजबूत हो गए हैं. इनके बारे में माना जाता है कि ये रेत पर पांवों के हल्के निशान भी देख लें, तो बता सकते हैं कि वहां से गुजरने वाला शख्स पुरुष रहा होगा, या महिला.

इस समुदाय के लोग बाज पालते हैं और उसकी मदद से दूसरे छोटे पक्षियों या जानवरों का शिकार करते हैं. तेज अंधड़ में भी ये निशाना लगा सकते हैं.

फिलहाल सऊदी जैसे अमीर देश इनकी इन्हीं खूबियों को अपने टूरिज्म से जोड़ रहे हैं. वे बदू मुस्लिमों की तरह जीवन जीने के लिए विदेशी टूरिस्टों को आमंत्रित करते और बदले में मोटी कीमत वसूलते हैं. 

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