scorecardresearch
 

फिलीपींस में अब तक नहीं मिल सकी तलाक को कानूनी मंजूरी, क्या है इसका धर्म से संबंध, नाखुश कपल्स के लिए क्या रास्ते?

वेटिकन सिटी के बाद फिलीपींस दुनिया का अकेला देश है, जहां तलाक को कानूनी मान्यता नहीं. हालांकि वहां सेपरेशन की व्यवस्था है, लेकिन खराब से खराब रिश्ते में भी डिवोर्स मुमकिन नहीं. अब वहां की संसद देश में तलाक को वैध बनाने के बिल लेकर आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे लागू करना उतना आसान नहीं होगा.

Advertisement
X
फिलीपींस के कैथोलिक ईसाइयों को तलाक की इजाजत नहीं. (Photo- Getty Images)
फिलीपींस के कैथोलिक ईसाइयों को तलाक की इजाजत नहीं. (Photo- Getty Images)

दक्षिण-पूर्व एशिया के देश फिलीपींस में तलाक को कानूनी जामा पहनाने पर बात चल रही है. फिलहाल दुनिया में केवल दो ही देश हैं, जहां डिवोर्स वैध नहीं. फिलीपींस के साथ इसमें वैटिकन सिटी भी शामिल है. दोनों ही देशों में कैथोलिक ईसाइयों को तलाक की इजाजत नहीं. हालात ये हैं कि तलाक के लिए भी लोग धर्म परिवर्तन करने की बात करने लगे. अब फिलीपींस की सरकार डिवोर्स को वैध बनाने की कोशिश कर रही है.

Advertisement

क्या कह रहा है विधेयक

पिछले सप्ताह फिलीपींस की संसद के निचले सदन ने तलाक को कानूनी बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया. बिल को तैयार करने वाले प्रतिनिधि एडसेल लैगमैन ने कहा कि यह फिलीपींस की उन पत्नियों के लिए आजादी लाएगा, जो खराब रिश्ते में लंबे समय से जी रही हैं. अगस्त में विधेयक सीनेट में जाएगा, जहां कानून की शक्ल लेने के लिए राष्ट्रपति की रजामंदी भी चाहिए होगा. 

वैसे इससे पहले भी फिलीपींस में इस तरह की कोशिशें बेकार हो चुकीं. साल 2018 में भी वहां कानून बनाने की पहल हो चुकी, लेकिन संसद में उसे मंजूरी नहीं मिली थी. 

समझिए कि तलाक पर वहां इतनी तकरार क्यों है.

फिलहाल खराब शादी में रहते कपल्स के लिए इस देश में क्या-क्या रास्ते हैं?

तलाक क्यों नहीं है लीगल

यहां के सामाजिक फैसलों पर धार्मिक संस्थानों का काफी ज्यादा असर है. जैसे साल 2020 में यहां कैथोलिक घरों की संख्या लगभग 79 प्रतिशत थी, जो कि प्रतिशत के लिहाज से काफी ज्यादा है. 6.4 प्रतिशत के साथ मुस्लिम दूसरी बड़ी आबादी हैं. यहां बता दें कि फिलीपींस के मुस्लिम शरिया लॉ के मुताबिक तलाक ले सकते हैं, लेकिन कैथोलिक धर्म के मानने वालों को इसकी इजाजत नहीं. 

Advertisement

why divorce is not allowed in the philippines amid new divorce bill photo Reuters

दरअसल ईसाई धर्म, खासकर कैथोलिक्स में शादी को काफी पवित्र बंधन की तरह देखा जाता है. मैरिड कैथोलिक जोड़े कुछ मामलों में अलग रह सकते हैं, लेकिन वे चर्च में दोबारा शादी नहीं कर सकते. तलाक पर इसी कट्टरता के चलते 16वीं सदी में इंग्लैंड के हेनरी अष्टम ने कैथोलिक चर्च से रिश्ता तोड़ लिया था ताकि वे अपनी मौजूदा पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी कर सकें. 

वैसे वक्त के साथ चर्च इस मामले में काफी उदार हुआ. अस्सी और नब्बे के दौरान स्पेन, अर्जेंटिना और आयरलैंड जैसे कट्टर देशों में भी तलाक पर ढील मिली लेकिन वेटिकन सिटी और फिलीपींस बाकी रह गए. 

फिलहाल शादीशुदा जोड़ों के पास क्या व्यवस्था है

- शादी को कानूनी तौर पर शून्य घोषित किया जा सकता है, जैसे इसका कभी अस्तित्व ही नहीं था. लेकिन इसके लिए बेहद अलग ग्राउंड चाहिए, जैसे धोखा, जबरन शादी या मानसिक बीमारी. 

- लीगल सेपरेशन भी एक रास्ता है, जिसमें कपल अलग रहता है, लेकिन शादी कानूनी तौर पर खत्म नहीं होती यानी इसमें दोनों पक्ष दोबारा शादी नहीं कर सकते. 

- सेपरेशन ऑफ प्रॉपर्टी के तहत संपत्ति का बंटवारा हो जाता है, लेकिन ये भी फाइनेंशियल व्यवस्था है, तलाक तब भी नही होता. 
 

why divorce is not allowed in the philippines amid new divorce bill photo Unsplash

अलग रहने के इन ग्राउंड्स को भी अदालत में साबित करना होता है. ये प्रक्रिया काफी पेचीदा, लंबी और बेहद महंगी है, जिसमें सालों लग जाते हैं. यही वजह है कि खराब रिश्ते में भी फिलीपींस के लोग बने रहते हैं. 

Advertisement

क्या धर्म बदल रहे वहां के स्थानीय लोग

फिलीपींस में तलाक इतना पेचीदा है कि लोग इसके लिए कैथोलिक धर्म छोड़कर इस्लाम अपना रहे हैं. यहां मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत तलाक की अनुमति है. अनौपचारिक तौर काफी सारे लोग धर्म बदल रहे हैं, जिसके बाद शख्स शरिया अदालत में तलाक की याचिका दायर कर सकता है.

हालांकि इसका कोई डेटा नहीं कि कितने लोगों ने धर्म बदला क्योंकि ये खुले तौर पर नहीं होता. इसका कुछ अंदाजा इस बात से लग जाता है कि सुप्रीम कोर्ट मनीला में ऐसे कई मामले लगातार आ रहे हैं. साल 2022 में अदालत ने कहा था कि दूसरी शादी करने के लिए इस्लाम अपनाना सही नहीं है.

मुस्लिम देशों में तलाक का ऊंचा हो रहा ग्राफ

शरिया में तलाक की प्रक्रिया उतनी जटिल नहीं. इसका असर अरब देशों में तलाक की बढ़ती दर के रूप में दिख रहा है. इजीप्टियन कैबिनेट के इंफॉर्मेशन एंड डिसीजन सपोर्ट सेंटर ने कुवैत, इजीप्ट, कतर के अलावा कई इस्लामिक देशों पर हुए सर्वे में हैरान करने वाला ट्रेंड देखा. इसके मुताबिक कुवैत में लगभग 48% शादियां तलाक पर खत्म होती हैं. इजीप्ट में ये आंकड़ा 40% है तो कतर और जॉर्डन में लगभग 37%. यूएई और लेबनान भी इस लिस्ट में काफी आगे हैं. 

Live TV

Advertisement
Advertisement